Sunday 29 April, 2012

bhadas4medianews : अधिकारियों ने समाज कल्‍याण विभाग के १४१६ लाख रुपयों का बंदरबांट किया

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[LARGE][LINK=/index.php/yeduniya/1264-2012-04-29-13-41-54]अधिकारियों
ने समाज कल्‍याण विभाग के १४१६ लाख रुपयों का बंदरबांट किया
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Written by उर्वशी शर्मा Category:
[LINK=/index.php/yeduniya]सियासत-ताकत-राजकाज-देश-प्रदेश-दुनिया-समाज-सरोकार[/LINK]
Published on 29 April 2012
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मुख्‍यमंत्री, महोदय। अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग को
तकनीकी क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण प्रदान कर देश की मुख्यधारा में
जोड़ने के पावन उद्देश्य से राजकीय गोविन्द बल्लभ पन्त पॉलीटेक्निक, मोहान
रोड, लखनऊ वर्ष १९६५ से समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित है। संस्था में
अनुसूचित जाति/जनजाति के ७०% छात्र, अन्य पिछड़े वर्ग के २७% छात्र एवं
सामान्य वर्ग के ३% छात्र शिक्षा ग्रहण करते हैं। वर्ष २००९ में
प्राविधिक शिक्षा विभाग की उच्चस्तरीय तकनीकी समिति एवं संस्था के तकनीकी
कार्मिकों द्वारा संस्था की लैब, वर्कशॉप आदि के तकनीकी अद्यतनीकरण हेतु
नवीन उपकरण/ मशीन / उपस्कर आदि क्रय कर पॉलीटेक्निक में स्थापित कराने
हेतु प्रस्ताव उत्तर प्रदेश शासन को प्रेषित किया गया। उत्तर प्रदेश शासन
द्वारा उक्त प्रस्ताव का मदवार अनुमोदन/अस्वीकृति कर रुपये १४१६ लाख की
धनराशि निर्गत की गयी।

उक्त रुपये १४१६ लाख की धनराशि का व्यय उत्तर प्रदेश शासन द्वारा पूर्व
प्रेषित प्रस्ताव के मदवार अनुमोदन के अनुसार करने हेतु उत्तर प्रदेश
शासन द्वारा श्री मिश्री लाल पासवान निदेशक समाज कल्याण की अध्‍यक्षता
में एक समिति का गठन किया गया था। श्री सुरेन्द्र प्रसाद - सचिव
प्राविधिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश, श्री राजीव सिन्हा - अधिशाषी
अभियंता समाज कल्याण निर्माण निगम लखनऊ एवं श्री राजेश चन्द्रा -
तत्कालीन प्रधानाचार्य राजकीय गोविन्द बल्लभ पन्त पॉलीटेक्निक समिति के
सदस्य थे। उक्त समिति का कार्य उत्तर प्रदेश शासन द्वारा पूर्वानुमोदित
सूची के अनुसार नवीन उपकरण / मशीन / उपस्कर आदि को नियमानुसार क्रय कर
संस्था में स्थापित कराना सुनिश्चित करना था किन्तु उक्त समिति द्वारा
मनमाना व्यवहार कर उत्तर प्रदेश शासन द्वारा पूर्वानुमोदित सूची से इतर
अनावश्यक मदों में धनराशि व्यय की गयी, जिसके कारण वित्तीय दुर्विनियोग
एवं शासकीय धनराशि में दुरभिसंधि की प्रबल संभावना है। यही नहीं, क्योंकि
दो वर्ष से अधिक का समय व्यतीत हो जाने पर भी अभी तक कोई भी उपकरण / मशीन
/ उपस्कर आदि संस्था में स्थापित नहीं किया गया है अतः उक्त समिति द्वारा
संपादित किया गए क्रय व अन्य कार्य भी संदेहास्पद है एवं किये गए सभी
क्रय व अन्य कार्यों का स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच एजेंसी द्वारा भौतिक
सत्यापन आवश्यक है।

पॉलीटेक्निक में शैक्षिक सत्र माह जुलाई से आरम्भ होता है किन्तु पांच
माह में उक्त संस्था में शैक्षिक गतिविधियाँ लगभग शून्य होना, तत्कालीन
प्रधानाचार्य श्री राजेश चन्द्रा की शैक्षिक कार्यों के प्रति उदासीनता
तो दर्शाता ही है, इससे यह भी स्पष्‍ट है कि तत्कालीन प्रधानाचार्य श्री
राजेश चन्द्रा के कार्यकाल में कक्षाएँ तो चली ही नहीं हैं साथ ही साथ दो
वर्ष से अधिक का समय व्यतीत हो जाने पर भी अभी तक कोई भी उपकरण / मशीन /
उपस्कर आदि संस्था में स्थापित नहीं किया गया है और इस प्रकार अनुसूचित
जाति/जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग के छात्रों के भविष्य के साथ जमकर
खिलवाड़ किया गया है। कृपया उपनिदेशक समाज कल्याण लखनऊ मंडल की निरीक्षण
आख्या दिनांक १० अप्रैल २०१२, प्रधानाचार्य के पत्र दिनांक ०२-१२-११ एवं
मेरे द्वारा माननीय मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र दिनांक २१-०४-२०१२ की
प्रतियाँ संलग्न करते हुए इस आशय से प्रेषित हैं कि व्यापक लोकहित में
तत्कालीन निदेशक समाज कल्याण मिश्री लाल पासवान (मोबाइल ९४१५४७०७१८),
वर्तमान सचिव, प्राविधिक शिक्षा परिषद सुरेन्द्र प्रसाद (मोबाइल
९३३५९१११३०, ९४१५६६८१९७) एवं तत्कालीन प्रधानाचार्य राजेश चन्द्रा (
मोबाइल ९४१५५६५६३३) के सम्मिलित भ्रष्टाचार को उजागर करेंगे।

सादर

[B]उर्वशी शर्मा[/B]

सचिव - येश्वर्याज सेवा संस्थान
ऍफ़-२२८६ , राजाजीपुरम लखनऊ
ऍफ़ ब्लाक पानी की टंकी के पास
मोबाइल- ९३६९६१३५१३, ८०८१८९८०८१, ९४५५५५३८३८

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