Sunday 30 August, 2015

जालसाजी और धोखाधड़ी कर फर्जी विनियमितीकरण करने के मामले में उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार तथा उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी को तत्काल निलंबित कर प्रकरण की सीबी-सीआईडी जांच कराकर दोषियों को दण्डित कराने की मांग विषयक l

Ref. No: 20150830/Demonstration/Memo/YSS/2015-16
Date :30th August 2015

सेवा में,
श्री अखिलेश यादव
मुख्य मंत्री -उत्तर प्रदेश राज्य
उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ - उत्तर प्रदेश

विषय : जालसाजी और धोखाधड़ी कर फर्जी विनियमितीकरण करने के मामले में
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार तथा उप सचिव राज
कुमार त्रिवेदी को तत्काल निलंबित कर प्रकरण की सीबी-सीआईडी जांच कराकर
दोषियों को दण्डित कराने की मांग विषयक l

महोदय,
उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार (आई० ए०
एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश सचिवालय के अन्य
कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन से
तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करके सरकार
को आर्थिक क्षति कारित करने का अपराध कारित किया गया है l
इन सभी ने भ्रष्टाचार में लिप्त होकर व्यक्तिगत अभिलाभ प्राप्त करने के
लिए अपने पदीय अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए यूपी सरकार के साथ छल किया
है और माननीय उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय के आदेशों समेत अनेकों
कानूनी व प्रशासनिक तथ्यों को छुपाकर कूटरचना द्वारा मिथ्या दस्तावेज
बनाकर जारी करने का अपराध करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित की है l यह
कूटरचित दस्तावेज उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1 का कार्यालय ज्ञाप
संख्या 3783/26-1-2014-119(70)/02 लखनऊ दिनांक 04 दिसम्बर 2014 है l

इस कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से विभाग की संस्था राजकीय गोविन्द बल्लभ
पन्त पॉलिटेक्निक मोहान रोड लखनऊ के कार्मिक पवन कुमार मिश्रा को उच्च
न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 110/एसबी/2004 के आदेश दिनांक
24-02-06, सर्वोच्च न्यायालय की याचिका संख्या SLP(C ) No. 7096/2008 के
आदेश दिनांक 01-02-2008 , उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या
1735/एसबी/2010 के आदेश दिनांक 24-11-10,विभाग की सेवा नियमावली और
विनियमितीकरण नियमावली के उपबन्धों के प्रतिकूल जाकर द्वितीय श्रेणी के
राजपत्रित पद पर विनियमितीकरण करके विपक्षीगणों द्वारा राज्य सरकार को
आर्थिक क्षति कारित की गयी है l यह अपराध न्यायालयों के उपरोक्त तीनों
आदेशों द्वारा दिए गए इस कानूनी आदेश के बाद किया गया है कि तदर्थ रूप से
नियुक्त न होने के कारण पवन कुमार मिश्रा का विनियमितीकरण किया ही नहीं
जा सकता है l मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करने के इस अपराध को कारित करने
में इस प्रशासनिक तथ्य को भी छुपाया गया है कि पवन कुमार मिश्रा कर्मशाला
अधीक्षक पद के लिए विभाग की सेवा नियमावली में विहित आवश्यक अर्हता 3
वर्ष का अनुभव धारित ही नहीं करता है और उ० प्र० ( लोक सेवा आयोग के
क्षेत्रान्तर्गत पदों पर ) तदर्थ नियुक्तियों का विनियमितीकरण नियमावली
1979 एवं संशोधित नियमावली 2001 के नियम 4(1)(दो) के अनुसार 3 वर्ष का
अनुभव धारित न करने के कारण पवन कुमार मिश्रा को इस पद पर विनियमित किया
ही नहीं जा सकता है l इस प्रकार विपक्षीगणों ने न्यायालय के आदेश को अपने
प्रशासनिक आदेश से पलटने का अपराध भी कारित किया है l पवन कुमार मिश्रा
लखनऊ की अवध इंडस्ट्रीज का मात्र 2 वर्ष 7 माह 22 दिन का अनुभव ही धारित
करता है जो 3 वर्ष से कम है l

यही नहीं विपक्षीगण उपरोक्त द्वारा इस जघन्य अपराध को कारित करने में
उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 400/एसबी/2013 के आदेश
दिनांक 02-04-13 के अनुपालन में उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1
द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप संख्या 1280/26-1-2013-119(72)/2006 लखनऊ
दिनांक 02 जुलाई 2013 के तथ्यों को भी छुपाया गया हैl इस आदेश द्वारा
समाज कल्याण के तत्कालीन प्रमुख सचिव संजीव दुबे ने आदेश जारी कर कहा था
कि पवन कुमार मिश्रा के विनियमितीकरण पर विचार किया जाना संभव नहीं था और
पवन द्वारा विनियमितीकरण के सम्बन्ध में दिया गया प्रत्यावेदन निरस्त कर
दिया था l

आप से अनुरोध है कि उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील
कुमार (आई० ए० एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश
सचिवालय के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के
प्रयोजन से तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी
करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने के जालसाजी और धोखाधड़ी के इस
संज्ञेय अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव समाज कल्याण
सुनील कुमार तथा उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी को तत्काल निलंबित कर प्रकरण
की जांच सीबी-सीआईडी से कराकर सभी दोषियों को दण्डित कराने की नियमपूर्ण
कार्यवाही तत्काल कराने का कष्ट करें l


आपके समर्थन और सहयोग की अपेक्षा में :

1- उर्वशी शर्मा,सचिव-येश्वर्याज सेवा संस्थान,लखनऊ
2- राम स्वरुप यादव – एस आर पी डी एम 3 एस लखनऊ
3- ज्ञानेश पाण्डेय – तहरीर
4- तनवीर अहमद सिद्दीकी – पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता
5- हरपाल सिंह – सूचना का अधिकार कार्यकर्ता वेलफेयर एसोसिएशन
6-








--
-Sincerely Yours,

Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838


http://upcpri.blogspot.in/


Note : if you don't want to receive mails from me,kindly inform me so
that i should delete your name from my mailing list.

-Media Release- समाजसेवियों ने बुलंद की प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार और उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी को निलंबित कर भ्रष्टाचार के मामले की सीबी-सीआईडी जांच की मांग l

-Media Release-

समाजसेवियों ने बुलंद की प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार और उप सचिव
राज कुमार त्रिवेदी को निलंबित कर भ्रष्टाचार के मामले की सीबी-सीआईडी
जांच की मांग l

लखनऊ l दिनांक 30 अगस्त 2015....उत्तर प्रदेश के समाजसेवियों ने जालसाजी
और धोखाधड़ी द्वारा शासनादेशों और उच्चतम न्यायालय के आदेशों को ताक पर
रखकर राजपत्रित पद पर फर्जी विनियमितीकरण करने के मामले में उत्तर प्रदेश
के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार तथा उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी
को तत्काल निलंबित कर प्रकरण की सीबी-सीआईडी जांच कराकर दोषियों को
दण्डित कराने की मांग करते हुए आज लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान स्थित धरना
स्थल पर हुंकार भरी l

धरने का आयोजन येश्वर्याज सेवा संस्थान ने किया था l धरने में तनवीर अहमद
सिद्दीकी, ज्ञानेश पाण्डेय,हरपाल सिंह,राम स्वरुप यादव,होमेंद्र पाण्डेय
समेत अनेकों सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया l

येश्वर्याज की सचिव उर्वशी शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश समाज कल्याण
विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार (आई० ए० एस०) और उप सचिव राज कुमार
त्रिवेदी ने उत्तर प्रदेश सचिवालय के अन्य कार्मिकों के साथ दुरभि संधि
स्थापित कर सरकार से ही छल कर डाला और तथ्यों को छुपाकर कूटरचना करके
मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी किये और सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने का
अपराध किया l बकौल उर्वशी इन सभी ने भ्रष्टाचार में लिप्त होकर अनेकों
प्रकार के व्यक्तिगत अभिलाभ प्राप्त करने के लिए अपने पदीय अधिकारों का
दुरुपयोग करते हुए माननीय उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय के आदेशों समेत
अनेकों कानूनी व प्रशासनिक तथ्यों को छुपाकर कूटरचना द्वारा एक मिथ्या
दस्तावेज उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1 का कार्यालय ज्ञाप संख्या
3783/26-1-2014-119(70)/02 लखनऊ दिनांक 04 दिसम्बर 2014 जारी किया गया
lउर्वशी ने आरोप लगाया कि इस कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से विभाग की
संस्था राजकीय गोविन्द बल्लभ पन्त पॉलिटेक्निक मोहान रोड लखनऊ के कार्मिक
पवन कुमार मिश्रा को उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या
110/एसबी/2004 के आदेश दिनांक 24-02-06, सर्वोच्च न्यायालय की याचिका
संख्या SLP(C ) No. 7096/2008 के आदेश दिनांक 01-02-2008 , उच्च
न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 1735/एसबी/2010 के आदेश दिनांक
24-11-10,विभाग की सेवा नियमावली और विनियमितीकरण नियमावली के उपबन्धों
के प्रतिकूल जाकर द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित पद पर विनियमितीकरण करके
विपक्षीगणों द्वारा राज्य सरकार को आर्थिक क्षति कारित की गयी है l यह
अपराध न्यायालयों के उपरोक्त तीनों आदेशों द्वारा दिए गए इस कानूनी आदेश
के बाद किया गया है कि तदर्थ रूप से नियुक्त न होने के कारण पवन कुमार
मिश्रा का विनियमितीकरण किया ही नहीं जा सकता है l मिथ्या दस्तावेज बनाकर
जारी करने के इस अपराध को कारित करने में इस प्रशासनिक तथ्य को भी छुपाया
गया है कि पवन कुमार मिश्रा कर्मशाला अधीक्षक पद के लिए विभाग की सेवा
नियमावली में विहित आवश्यक अर्हता 3 वर्ष का अनुभव धारित ही नहीं करता है
और उ० प्र० ( लोक सेवा आयोग के क्षेत्रान्तर्गत पदों पर ) तदर्थ
नियुक्तियों का विनियमितीकरण नियमावली 1979 एवं संशोधित नियमावली 2001 के
नियम 4(1)(दो) के अनुसार 3 वर्ष का अनुभव धारित न करने के कारण पवन कुमार
मिश्रा को इस पद पर विनियमित किया ही नहीं जा सकता है l इस प्रकार
विपक्षीगणों ने न्यायालय के आदेश को अपने प्रशासनिक आदेश से पलटने का
अपराध भी कारित किया है l पवन कुमार मिश्रा लखनऊ की अवध इंडस्ट्रीज का
मात्र 2 वर्ष 7 माह 22 दिन का अनुभव ही धारित करता है जो 3 वर्ष से कम है
l

उर्वशी का कहना है कि केवल इतना ही नहीं, इन लोगों ने इस जघन्य अपराध को
कारित करने में उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या
400/एसबी/2013 के आदेश दिनांक 02-04-13 के अनुपालन में उत्तर प्रदेश समाज
कल्याण अनुभाग-1 द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप संख्या
1280/26-1-2013-119(72)/2006 लखनऊ दिनांक 02 जुलाई 2013 के तथ्यों को भी
छुपाया गया हैl इस आदेश द्वारा समाज कल्याण के तत्कालीन प्रमुख सचिव
संजीव दुबे ने आदेश जारी कर कहा था कि पवन कुमार मिश्रा के विनियमितीकरण
पर विचार किया जाना संभव नहीं था और पवन द्वारा विनियमितीकरण के सम्बन्ध
में दिया गया प्रत्यावेदन निरस्त कर दिया था l

उर्वशी ने बताया कि आज के धरने के बाद उपस्थित समाजसेवी मुख्यमंत्री आवास
जाकर उनको अपनी मांगों से सम्बंधित ज्ञापन सौपेंगे और अगर सरकार ने
प्रमुख सचिव और उप सचिव स्तर के अधिकारियों द्वारा भष्टाचार के लिए
जालसाजी करने के इस मामले में त्वरित कार्यवाही कर दोषियों को दण्डित
नहीं किया तो वे शीघ्र ही इस मामले को लोकायुक्त के समक्ष पेश करेंगीं l



--
-Sincerely Yours,

Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838


http://upcpri.blogspot.in/


Note : if you don't want to receive mails from me,kindly inform me so
that i should delete your name from my mailing list.

Saturday 29 August, 2015

धरना लखनऊ

--
-Sincerely Yours,

Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838


http://upcpri.blogspot.in/


Note : if you don't want to receive mails from me,kindly inform me so
that i should delete your name from my mailing list.

Demonstration Lucknow

--
-Sincerely Yours,

Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838


http://upcpri.blogspot.in/


Note : if you don't want to receive mails from me,kindly inform me so
that i should delete your name from my mailing list.

Dharna Lucknow

--
-Sincerely Yours,

Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838


http://upcpri.blogspot.in/


Note : if you don't want to receive mails from me,kindly inform me so
that i should delete your name from my mailing list.

Friday 28 August, 2015

Demonstration against corrupt IAS Sunil Kumar in Lucknow UP

Demonstration ( Dharna ) against corrupt IAS Sunil Kumar in Lucknow UP

UPPCC
<uppcc-up@nic.in> Fri, Aug 28, 2015 at 5:38 PM
To: "Law and Order UP, ADG" <adglo@up.nic.in>
Cc: urvashi sharma <rtimahilamanchup@gmail.com>
Reply | Reply to all | Forward | Print | Delete | Show original

Sir
The complaint email is forwarded
--
SP/AD
UP Police Computer Center
IV floor Jawahar Bhawan Lucknow.

---------- Forwarded message ----------
From: urvashi sharma <rtimahilamanchup@gmail.com>
To: hgovup <hgovup@up.nic.in>, hgovup <hgovup@nic.in>, hgovup
<hgovup@gov.in>, cmup <cmup@nic.in>, cmup <cmup@up.nic.in>, csup
<csup@up.nic.in>, csup <csup@nic.in>, dgp <dgp@up.nic.in>, uppcc
<uppcc@up.nic.in>, uppcc-up <uppcc-up@nic.in>, "dmluc@up.nic.in"
<dmluc@up.nic.in>, dmluc <dmluc@nic.in>, ssplkw-up@nic.in
Cc:
Date: Fri, 28 Aug 2015 14:40:26 +0530
Subject: जालसाजी और धोखाधड़ी कर फर्जी विनियमितीकरण करने के मामले में
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार के निलंबन और मामले
की सीबी-सीआईडी जांच कराकर दोषियों को दण्डित कराने की मांग के लिए एक
दिवसीय धरना-प्रदर्शन राजधानी लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान स्थित धरना
स्थल पर दिनांक 30 अगस्त 2015 ( रविवार ) को पूर्वाह्न 11 बजे से l
सेवा में,
1- महामहिम श्री राज्यपाल -उत्तर प्रदेश
लखनऊ - उत्तर प्रदेश "hgovup" <hgovup@up.nic.in>, "hgovup"
<hgovup@nic.in>, "hgovup" <hgovup@gov.in>,
2- मुख्य मंत्री -उत्तर प्रदेश
लखनऊ - उत्तर प्रदेश "cmup" <cmup@nic.in>, "cmup" <cmup@up.nic.in>,
3- मुख्य सचिव-उत्तर प्रदेश
लखनऊ - उत्तर प्रदेश "csup" <csup@up.nic.in>, "csup" <csup@nic.in>,
4- पुलिस महानिदेशक - उत्तर प्रदेश "dgp" <dgp@up.nic.in>, "uppcc"
<uppcc@up.nic.in>, "uppcc-up" <uppcc-up@nic.in>,
5- जिलाधिकारी - जनपद लखनऊ
उत्तर प्रदेश, भारत,पिन कोड -226001
ई. मेल "dmluc@up.nic.in" <dmluc@up.nic.in>, "dmluc" <dmluc@nic.in>,
6- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक - जनपद लखनऊ
उत्तर प्रदेश, भारत,पिन कोड -226001
ssplkw-up@nic.in

विषय : जालसाजी और धोखाधड़ी कर फर्जी विनियमितीकरण करने के मामले में
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार के निलंबन और मामले
की सीबी-सीआईडी जांच कराकर दोषियों को दण्डित कराने की मांग के लिए एक
दिवसीय धरना-प्रदर्शन राजधानी लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान स्थित धरना
स्थल पर दिनांक 30 अगस्त 2015 ( रविवार ) को पूर्वाह्न 11 बजे से l

महोदय,
उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार (आई० ए०
एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश सचिवालय के अन्य
कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन से
तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करके सरकार
को आर्थिक क्षति कारित करने का अपराध कारित किया गया है l

इन सभी ने भ्रष्टाचार में लिप्त होकर व्यक्तिगत अभिलाभ प्राप्त करने के
लिए अपने पदीय अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए यूपी सरकार के साथ छल किया
है और माननीय उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय के आदेशों समेत अनेकों
कानूनी व प्रशासनिक तथ्यों को छुपाकर कूटरचना द्वारा मिथ्या दस्तावेज
बनाकर जारी करने का अपराध करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित की है l यह
कूटरचित दस्तावेज उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1 का कार्यालय ज्ञाप
संख्या 3783/26-1-2014-119(70)/02 लखनऊ दिनांक 04 दिसम्बर 2014 है l

इस कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से विभाग की संस्था राजकीय गोविन्द बल्लभ
पन्त पॉलिटेक्निक मोहान रोड लखनऊ के कार्मिक पवन कुमार मिश्रा को उच्च
न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 110/एसबी/2004 के आदेश दिनांक
24-02-06, सर्वोच्च न्यायालय की याचिका संख्या SLP(C ) No. 7096/2008 के
आदेश दिनांक 01-02-2008 , उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या
1735/एसबी/2010 के आदेश दिनांक 24-11-10,विभाग की सेवा नियमावली और
विनियमितीकरण नियमावली के उपबन्धों के प्रतिकूल जाकर द्वितीय श्रेणी के
राजपत्रित पद पर विनियमितीकरण करके विपक्षीगणों द्वारा राज्य सरकार को
आर्थिक क्षति कारित की गयी है l यह अपराध न्यायालयों के उपरोक्त तीनों
आदेशों द्वारा दिए गए इस कानूनी आदेश के बाद किया गया है कि तदर्थ रूप से
नियुक्त न होने के कारण पवन कुमार मिश्रा का विनियमितीकरण किया ही नहीं
जा सकता है l मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करने के इस अपराध को कारित करने
में इस प्रशासनिक तथ्य को भी छुपाया गया है कि पवन कुमार मिश्रा कर्मशाला
अधीक्षक पद के लिए विभाग की सेवा नियमावली में विहित आवश्यक अर्हता 3
वर्ष का अनुभव धारित ही नहीं करता है और उ० प्र० ( लोक सेवा आयोग के
क्षेत्रान्तर्गत पदों पर ) तदर्थ नियुक्तियों का विनियमितीकरण नियमावली
1979 एवं संशोधित नियमावली 2001 के नियम 4(1)(दो) के अनुसार 3 वर्ष का
अनुभव धारित न करने के कारण पवन कुमार मिश्रा को इस पद पर विनियमित किया
ही नहीं जा सकता है l इस प्रकार विपक्षीगणों ने न्यायालय के आदेश को अपने
प्रशासनिक आदेश से पलटने का अपराध भी कारित किया है l पवन कुमार मिश्रा
लखनऊ की अवध इंडस्ट्रीज का मात्र 2 वर्ष 7 माह 22 दिन का अनुभव ही धारित
करता है जो 3 वर्ष से कम है l

यही नहीं विपक्षीगण उपरोक्त द्वारा इस जघन्य अपराध को कारित करने में
उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 400/एसबी/2013 के आदेश
दिनांक 02-04-13 के अनुपालन में उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1
द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप संख्या 1280/26-1-2013-119(72)/2006 लखनऊ
दिनांक 02 जुलाई 2013 के तथ्यों को भी छुपाया गया हैl इस आदेश द्वारा
समाज कल्याण के तत्कालीन प्रमुख सचिव संजीव दुबे ने आदेश जारी कर कहा था
कि पवन कुमार मिश्रा के विनियमितीकरण पर विचार किया जाना संभव नहीं था और
पवन द्वारा विनियमितीकरण के सम्बन्ध में दिया गया प्रत्यावेदन निरस्त कर
दिया था l

आपको सूचित करना है कि उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव
सुनील कुमार (आई० ए० एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश
सचिवालय के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के
प्रयोजन से तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी
करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने के जालसाजी और धोखाधड़ी के इस
संज्ञेय अपराध के मामले में सुनील कुमार के निलंबन और मामले की
सीबी-सीआईडी जांच की मांग के लिए एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन राजधानी लखनऊ
के लक्ष्मण मेला मैदान स्थित धरना स्थल पर दिनांक 30 अगस्त 2015 ( रविवार
) को पूर्वाह्न 11 बजे से येश्वर्याज सेवा संस्थान के बैनर तले आयोजित
किया जा रहा है l आप से अनुरोध है कि हमारे धरने को अपना समर्थन प्रदान
कर भ्रष्टाचार के विरुद्ध चल रहे हमारे अभियान को सफल बनाने में हमारे
सहभागी बनें l

आपके समर्थन और सहयोग की अपेक्षा में :

भवदीया


( उर्वशी शर्मा )
सचिव - येश्वर्याज सेवा संस्थान
102,नारायण टावर, ऍफ़ ब्लाक ईदगाह के सामने
राजाजीपुरम,लखनऊ- 226017
मोबाइल :9369613513 ई-मेल rtimahilamanchup@gmail.com

भ्रष्ट आई.ए.एस. सुनील कुमार को निलंबित कर सीबी-सीआईडी जांच की मांग के लिए धरना यूपी की राजधानी लखनऊ में

भ्रष्ट आई.ए.एस. सुनील कुमार को निलंबित कर सीबी-सीआईडी जांच की मांग के
लिए धरना यूपी की राजधानी लखनऊ में

UPPCC
<uppcc-up@nic.in> Fri, Aug 28, 2015 at 5:38 PM
To: "Law and Order UP, ADG" <adglo@up.nic.in>
Cc: urvashi sharma <rtimahilamanchup@gmail.com>
Reply | Reply to all | Forward | Print | Delete | Show original

Sir
The complaint email is forwarded
--
SP/AD
UP Police Computer Center
IV floor Jawahar Bhawan Lucknow.

---------- Forwarded message ----------
From: urvashi sharma <rtimahilamanchup@gmail.com>
To: hgovup <hgovup@up.nic.in>, hgovup <hgovup@nic.in>, hgovup
<hgovup@gov.in>, cmup <cmup@nic.in>, cmup <cmup@up.nic.in>, csup
<csup@up.nic.in>, csup <csup@nic.in>, dgp <dgp@up.nic.in>, uppcc
<uppcc@up.nic.in>, uppcc-up <uppcc-up@nic.in>, "dmluc@up.nic.in"
<dmluc@up.nic.in>, dmluc <dmluc@nic.in>, ssplkw-up@nic.in
Cc:
Date: Fri, 28 Aug 2015 14:40:26 +0530
Subject: जालसाजी और धोखाधड़ी कर फर्जी विनियमितीकरण करने के मामले में
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार के निलंबन और मामले
की सीबी-सीआईडी जांच कराकर दोषियों को दण्डित कराने की मांग के लिए एक
दिवसीय धरना-प्रदर्शन राजधानी लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान स्थित धरना
स्थल पर दिनांक 30 अगस्त 2015 ( रविवार ) को पूर्वाह्न 11 बजे से l
सेवा में,
1- महामहिम श्री राज्यपाल -उत्तर प्रदेश
लखनऊ - उत्तर प्रदेश "hgovup" <hgovup@up.nic.in>, "hgovup"
<hgovup@nic.in>, "hgovup" <hgovup@gov.in>,
2- मुख्य मंत्री -उत्तर प्रदेश
लखनऊ - उत्तर प्रदेश "cmup" <cmup@nic.in>, "cmup" <cmup@up.nic.in>,
3- मुख्य सचिव-उत्तर प्रदेश
लखनऊ - उत्तर प्रदेश "csup" <csup@up.nic.in>, "csup" <csup@nic.in>,
4- पुलिस महानिदेशक - उत्तर प्रदेश "dgp" <dgp@up.nic.in>, "uppcc"
<uppcc@up.nic.in>, "uppcc-up" <uppcc-up@nic.in>,
5- जिलाधिकारी - जनपद लखनऊ
उत्तर प्रदेश, भारत,पिन कोड -226001
ई. मेल "dmluc@up.nic.in" <dmluc@up.nic.in>, "dmluc" <dmluc@nic.in>,
6- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक - जनपद लखनऊ
उत्तर प्रदेश, भारत,पिन कोड -226001
ssplkw-up@nic.in

विषय : जालसाजी और धोखाधड़ी कर फर्जी विनियमितीकरण करने के मामले में
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार के निलंबन और मामले
की सीबी-सीआईडी जांच कराकर दोषियों को दण्डित कराने की मांग के लिए एक
दिवसीय धरना-प्रदर्शन राजधानी लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान स्थित धरना
स्थल पर दिनांक 30 अगस्त 2015 ( रविवार ) को पूर्वाह्न 11 बजे से l

महोदय,
उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार (आई० ए०
एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश सचिवालय के अन्य
कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन से
तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करके सरकार
को आर्थिक क्षति कारित करने का अपराध कारित किया गया है l

इन सभी ने भ्रष्टाचार में लिप्त होकर व्यक्तिगत अभिलाभ प्राप्त करने के
लिए अपने पदीय अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए यूपी सरकार के साथ छल किया
है और माननीय उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय के आदेशों समेत अनेकों
कानूनी व प्रशासनिक तथ्यों को छुपाकर कूटरचना द्वारा मिथ्या दस्तावेज
बनाकर जारी करने का अपराध करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित की है l यह
कूटरचित दस्तावेज उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1 का कार्यालय ज्ञाप
संख्या 3783/26-1-2014-119(70)/02 लखनऊ दिनांक 04 दिसम्बर 2014 है l

इस कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से विभाग की संस्था राजकीय गोविन्द बल्लभ
पन्त पॉलिटेक्निक मोहान रोड लखनऊ के कार्मिक पवन कुमार मिश्रा को उच्च
न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 110/एसबी/2004 के आदेश दिनांक
24-02-06, सर्वोच्च न्यायालय की याचिका संख्या SLP(C ) No. 7096/2008 के
आदेश दिनांक 01-02-2008 , उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या
1735/एसबी/2010 के आदेश दिनांक 24-11-10,विभाग की सेवा नियमावली और
विनियमितीकरण नियमावली के उपबन्धों के प्रतिकूल जाकर द्वितीय श्रेणी के
राजपत्रित पद पर विनियमितीकरण करके विपक्षीगणों द्वारा राज्य सरकार को
आर्थिक क्षति कारित की गयी है l यह अपराध न्यायालयों के उपरोक्त तीनों
आदेशों द्वारा दिए गए इस कानूनी आदेश के बाद किया गया है कि तदर्थ रूप से
नियुक्त न होने के कारण पवन कुमार मिश्रा का विनियमितीकरण किया ही नहीं
जा सकता है l मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करने के इस अपराध को कारित करने
में इस प्रशासनिक तथ्य को भी छुपाया गया है कि पवन कुमार मिश्रा कर्मशाला
अधीक्षक पद के लिए विभाग की सेवा नियमावली में विहित आवश्यक अर्हता 3
वर्ष का अनुभव धारित ही नहीं करता है और उ० प्र० ( लोक सेवा आयोग के
क्षेत्रान्तर्गत पदों पर ) तदर्थ नियुक्तियों का विनियमितीकरण नियमावली
1979 एवं संशोधित नियमावली 2001 के नियम 4(1)(दो) के अनुसार 3 वर्ष का
अनुभव धारित न करने के कारण पवन कुमार मिश्रा को इस पद पर विनियमित किया
ही नहीं जा सकता है l इस प्रकार विपक्षीगणों ने न्यायालय के आदेश को अपने
प्रशासनिक आदेश से पलटने का अपराध भी कारित किया है l पवन कुमार मिश्रा
लखनऊ की अवध इंडस्ट्रीज का मात्र 2 वर्ष 7 माह 22 दिन का अनुभव ही धारित
करता है जो 3 वर्ष से कम है l

यही नहीं विपक्षीगण उपरोक्त द्वारा इस जघन्य अपराध को कारित करने में
उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 400/एसबी/2013 के आदेश
दिनांक 02-04-13 के अनुपालन में उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1
द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप संख्या 1280/26-1-2013-119(72)/2006 लखनऊ
दिनांक 02 जुलाई 2013 के तथ्यों को भी छुपाया गया हैl इस आदेश द्वारा
समाज कल्याण के तत्कालीन प्रमुख सचिव संजीव दुबे ने आदेश जारी कर कहा था
कि पवन कुमार मिश्रा के विनियमितीकरण पर विचार किया जाना संभव नहीं था और
पवन द्वारा विनियमितीकरण के सम्बन्ध में दिया गया प्रत्यावेदन निरस्त कर
दिया था l

आपको सूचित करना है कि उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव
सुनील कुमार (आई० ए० एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश
सचिवालय के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के
प्रयोजन से तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी
करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने के जालसाजी और धोखाधड़ी के इस
संज्ञेय अपराध के मामले में सुनील कुमार के निलंबन और मामले की
सीबी-सीआईडी जांच की मांग के लिए एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन राजधानी लखनऊ
के लक्ष्मण मेला मैदान स्थित धरना स्थल पर दिनांक 30 अगस्त 2015 ( रविवार
) को पूर्वाह्न 11 बजे से येश्वर्याज सेवा संस्थान के बैनर तले आयोजित
किया जा रहा है l आप से अनुरोध है कि हमारे धरने को अपना समर्थन प्रदान
कर भ्रष्टाचार के विरुद्ध चल रहे हमारे अभियान को सफल बनाने में हमारे
सहभागी बनें l

आपके समर्थन और सहयोग की अपेक्षा में :

भवदीया


( उर्वशी शर्मा )
सचिव - येश्वर्याज सेवा संस्थान
102,नारायण टावर, ऍफ़ ब्लाक ईदगाह के सामने
राजाजीपुरम,लखनऊ- 226017
मोबाइल :9369613513 ई-मेल rtimahilamanchup@gmail.com

प्रमुख सचिव की जालसाजी और धोखाधड़ी के विरोध में येश्वर्याज का धरना दिनांक 30 अगस्त 2015 ( रविवार ) को पूर्वाह्न 11 बजे लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान स्थित धरना स्थल पर l

आमंत्रण : जालसाजी और धोखाधड़ी कर फर्जी विनियमितीकरण करने के मामले में
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार के निलंबन और मामले
की सीबी-सीआईडी जांच कराकर दोषियों को दण्डित कराने की मांग के लिए एक
दिवसीय धरना-प्रदर्शन राजधानी लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान स्थित धरना
स्थल पर दिनांक 30 अगस्त 2015 ( रविवार ) को पूर्वाह्न 11 बजे l

प्रिय मित्र,
उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार (आई० ए०
एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश सचिवालय के अन्य
कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन से
तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करके सरकार
को आर्थिक क्षति कारित करने का अपराध कारित किया गया है l

इन सभी ने भ्रष्टाचार में लिप्त होकर व्यक्तिगत अभिलाभ प्राप्त करने के
लिए अपने पदीय अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए यूपी सरकार के साथ छल किया
है और माननीय उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय के आदेशों समेत अनेकों
कानूनी व प्रशासनिक तथ्यों को छुपाकर कूटरचना द्वारा मिथ्या दस्तावेज
बनाकर जारी करने का अपराध करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित की है l यह
कूटरचित दस्तावेज उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1 का कार्यालय ज्ञाप
संख्या 3783/26-1-2014-119(70)/02 लखनऊ दिनांक 04 दिसम्बर 2014 है l



इस कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से विभाग की संस्था राजकीय गोविन्द बल्लभ
पन्त पॉलिटेक्निक मोहान रोड लखनऊ के कार्मिक पवन कुमार मिश्रा को उच्च
न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 110/एसबी/2004 के आदेश दिनांक
24-02-06, सर्वोच्च न्यायालय की याचिका संख्या SLP(C ) No. 7096/2008 के
आदेश दिनांक 01-02-2008 , उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या
1735/एसबी/2010 के आदेश दिनांक 24-11-10,विभाग की सेवा नियमावली और
विनियमितीकरण नियमावली के उपबन्धों के प्रतिकूल जाकर द्वितीय श्रेणी के
राजपत्रित पद पर विनियमितीकरण करके विपक्षीगणों द्वारा राज्य सरकार को
आर्थिक क्षति कारित की गयी है l यह अपराध न्यायालयों के उपरोक्त तीनों
आदेशों द्वारा दिए गए इस कानूनी आदेश के बाद किया गया है कि तदर्थ रूप से
नियुक्त न होने के कारण पवन कुमार मिश्रा का विनियमितीकरण किया ही नहीं
जा सकता है l मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करने के इस अपराध को कारित करने
में इस प्रशासनिक तथ्य को भी छुपाया गया है कि पवन कुमार मिश्रा कर्मशाला
अधीक्षक पद के लिए विभाग की सेवा नियमावली में विहित आवश्यक अर्हता 3
वर्ष का अनुभव धारित ही नहीं करता है और उ० प्र० ( लोक सेवा आयोग के
क्षेत्रान्तर्गत पदों पर ) तदर्थ नियुक्तियों का विनियमितीकरण नियमावली
1979 एवं संशोधित नियमावली 2001 के नियम 4(1)(दो) के अनुसार 3 वर्ष का
अनुभव धारित न करने के कारण पवन कुमार मिश्रा को इस पद पर विनियमित किया
ही नहीं जा सकता है l इस प्रकार विपक्षीगणों ने न्यायालय के आदेश को अपने
प्रशासनिक आदेश से पलटने का अपराध भी कारित किया है l पवन कुमार मिश्रा
लखनऊ की अवध इंडस्ट्रीज का मात्र 2 वर्ष 7 माह 22 दिन का अनुभव ही धारित
करता है जो 3 वर्ष से कम है l



यही नहीं विपक्षीगण उपरोक्त द्वारा इस जघन्य अपराध को कारित करने में
उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 400/एसबी/2013 के आदेश
दिनांक 02-04-13 के अनुपालन में उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1
द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप संख्या 1280/26-1-2013-119(72)/2006 लखनऊ
दिनांक 02 जुलाई 2013 के तथ्यों को भी छुपाया गया हैl इस आदेश द्वारा
समाज कल्याण के तत्कालीन प्रमुख सचिव संजीव दुबे ने आदेश जारी कर कहा था
कि पवन कुमार मिश्रा के विनियमितीकरण पर विचार किया जाना संभव नहीं था और
पवन द्वारा विनियमितीकरण के सम्बन्ध में दिया गया प्रत्यावेदन निरस्त कर
दिया था l




आपको सूचित करना है कि उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव
सुनील कुमार (आई० ए० एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश
सचिवालय के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के
प्रयोजन से तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी
करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने के जालसाजी और धोखाधड़ी के इस
संज्ञेय अपराध के मामले में सुनील कुमार के निलंबन और मामले की
सीबी-सीआईडी जांच की मांग के लिए एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन राजधानी लखनऊ
के लक्ष्मण मेला मैदान स्थित धरना स्थल पर दिनांक 30 अगस्त 2015 ( रविवार
) को पूर्वाह्न 11 बजे से येश्वर्याज सेवा संस्थान के बैनर तले आयोजित
किया जा रहा है l आप से अनुरोध है कि हमारे धरने को अपना समर्थन प्रदान
कर भ्रष्टाचार के विरुद्ध चल रहे हमारे अभियान को सफल बनाने में हमारे
सहभागी बनें l

आपके समर्थन और सहयोग की अपेक्षा में.

भवदीया

उर्वशी शर्मा
सचिव – येश्वर्याज सेवा संस्थान
लखनऊ
संपर्क 9369613513

NGO to demonstrate with demands of suspension,CB-CID probe against UP IAS Sunil Kumar

आमंत्रण : जालसाजी और धोखाधड़ी कर फर्जी विनियमितीकरण करने के मामले में
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार के निलंबन और मामले
की सीबी-सीआईडी जांच कराकर दोषियों को दण्डित कराने की मांग के लिए एक
दिवसीय धरना-प्रदर्शन राजधानी लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान स्थित धरना
स्थल पर दिनांक 30 अगस्त 2015 ( रविवार ) को पूर्वाह्न 11 बजे l

प्रिय मित्र,
उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार (आई० ए०
एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश सचिवालय के अन्य
कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन से
तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करके सरकार
को आर्थिक क्षति कारित करने का अपराध कारित किया गया है l

इन सभी ने भ्रष्टाचार में लिप्त होकर व्यक्तिगत अभिलाभ प्राप्त करने के
लिए अपने पदीय अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए यूपी सरकार के साथ छल किया
है और माननीय उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय के आदेशों समेत अनेकों
कानूनी व प्रशासनिक तथ्यों को छुपाकर कूटरचना द्वारा मिथ्या दस्तावेज
बनाकर जारी करने का अपराध करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित की है l यह
कूटरचित दस्तावेज उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1 का कार्यालय ज्ञाप
संख्या 3783/26-1-2014-119(70)/02 लखनऊ दिनांक 04 दिसम्बर 2014 है l



इस कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से विभाग की संस्था राजकीय गोविन्द बल्लभ
पन्त पॉलिटेक्निक मोहान रोड लखनऊ के कार्मिक पवन कुमार मिश्रा को उच्च
न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 110/एसबी/2004 के आदेश दिनांक
24-02-06, सर्वोच्च न्यायालय की याचिका संख्या SLP(C ) No. 7096/2008 के
आदेश दिनांक 01-02-2008 , उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या
1735/एसबी/2010 के आदेश दिनांक 24-11-10,विभाग की सेवा नियमावली और
विनियमितीकरण नियमावली के उपबन्धों के प्रतिकूल जाकर द्वितीय श्रेणी के
राजपत्रित पद पर विनियमितीकरण करके विपक्षीगणों द्वारा राज्य सरकार को
आर्थिक क्षति कारित की गयी है l यह अपराध न्यायालयों के उपरोक्त तीनों
आदेशों द्वारा दिए गए इस कानूनी आदेश के बाद किया गया है कि तदर्थ रूप से
नियुक्त न होने के कारण पवन कुमार मिश्रा का विनियमितीकरण किया ही नहीं
जा सकता है l मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करने के इस अपराध को कारित करने
में इस प्रशासनिक तथ्य को भी छुपाया गया है कि पवन कुमार मिश्रा कर्मशाला
अधीक्षक पद के लिए विभाग की सेवा नियमावली में विहित आवश्यक अर्हता 3
वर्ष का अनुभव धारित ही नहीं करता है और उ० प्र० ( लोक सेवा आयोग के
क्षेत्रान्तर्गत पदों पर ) तदर्थ नियुक्तियों का विनियमितीकरण नियमावली
1979 एवं संशोधित नियमावली 2001 के नियम 4(1)(दो) के अनुसार 3 वर्ष का
अनुभव धारित न करने के कारण पवन कुमार मिश्रा को इस पद पर विनियमित किया
ही नहीं जा सकता है l इस प्रकार विपक्षीगणों ने न्यायालय के आदेश को अपने
प्रशासनिक आदेश से पलटने का अपराध भी कारित किया है l पवन कुमार मिश्रा
लखनऊ की अवध इंडस्ट्रीज का मात्र 2 वर्ष 7 माह 22 दिन का अनुभव ही धारित
करता है जो 3 वर्ष से कम है l



यही नहीं विपक्षीगण उपरोक्त द्वारा इस जघन्य अपराध को कारित करने में
उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 400/एसबी/2013 के आदेश
दिनांक 02-04-13 के अनुपालन में उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1
द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप संख्या 1280/26-1-2013-119(72)/2006 लखनऊ
दिनांक 02 जुलाई 2013 के तथ्यों को भी छुपाया गया हैl इस आदेश द्वारा
समाज कल्याण के तत्कालीन प्रमुख सचिव संजीव दुबे ने आदेश जारी कर कहा था
कि पवन कुमार मिश्रा के विनियमितीकरण पर विचार किया जाना संभव नहीं था और
पवन द्वारा विनियमितीकरण के सम्बन्ध में दिया गया प्रत्यावेदन निरस्त कर
दिया था l




आपको सूचित करना है कि उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव
सुनील कुमार (आई० ए० एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश
सचिवालय के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के
प्रयोजन से तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी
करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने के जालसाजी और धोखाधड़ी के इस
संज्ञेय अपराध के मामले में सुनील कुमार के निलंबन और मामले की
सीबी-सीआईडी जांच की मांग के लिए एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन राजधानी लखनऊ
के लक्ष्मण मेला मैदान स्थित धरना स्थल पर दिनांक 30 अगस्त 2015 ( रविवार
) को पूर्वाह्न 11 बजे से येश्वर्याज सेवा संस्थान के बैनर तले आयोजित
किया जा रहा है l आप से अनुरोध है कि हमारे धरने को अपना समर्थन प्रदान
कर भ्रष्टाचार के विरुद्ध चल रहे हमारे अभियान को सफल बनाने में हमारे
सहभागी बनें l

आपके समर्थन और सहयोग की अपेक्षा में.

भवदीया

उर्वशी शर्मा
सचिव – येश्वर्याज सेवा संस्थान
लखनऊ
संपर्क 9369613513

आमंत्रण : जालसाजी और धोखाधड़ी कर फर्जी विनियमितीकरण करने के मामले में उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार के निलंबन और मामले की सीबी-सीआईडी जांच कराकर दोषियों को दण्डित कराने की मांग के लिए एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन राजधानी लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान स्थित धरना स्थल पर दिनांक 30 अगस्त 2015 ( रविवार ) को पूर्वाह्न 11 बजे l

आमंत्रण : जालसाजी और धोखाधड़ी कर फर्जी विनियमितीकरण करने के मामले में
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार के निलंबन और मामले
की सीबी-सीआईडी जांच कराकर दोषियों को दण्डित कराने की मांग के लिए एक
दिवसीय धरना-प्रदर्शन राजधानी लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान स्थित धरना
स्थल पर दिनांक 30 अगस्त 2015 ( रविवार ) को पूर्वाह्न 11 बजे l

प्रिय मित्र,
उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार (आई० ए०
एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश सचिवालय के अन्य
कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन से
तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करके सरकार
को आर्थिक क्षति कारित करने का अपराध कारित किया गया है l

इन सभी ने भ्रष्टाचार में लिप्त होकर व्यक्तिगत अभिलाभ प्राप्त करने के
लिए अपने पदीय अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए यूपी सरकार के साथ छल किया
है और माननीय उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय के आदेशों समेत अनेकों
कानूनी व प्रशासनिक तथ्यों को छुपाकर कूटरचना द्वारा मिथ्या दस्तावेज
बनाकर जारी करने का अपराध करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित की है l यह
कूटरचित दस्तावेज उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1 का कार्यालय ज्ञाप
संख्या 3783/26-1-2014-119(70)/02 लखनऊ दिनांक 04 दिसम्बर 2014 है l



इस कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से विभाग की संस्था राजकीय गोविन्द बल्लभ
पन्त पॉलिटेक्निक मोहान रोड लखनऊ के कार्मिक पवन कुमार मिश्रा को उच्च
न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 110/एसबी/2004 के आदेश दिनांक
24-02-06, सर्वोच्च न्यायालय की याचिका संख्या SLP(C ) No. 7096/2008 के
आदेश दिनांक 01-02-2008 , उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या
1735/एसबी/2010 के आदेश दिनांक 24-11-10,विभाग की सेवा नियमावली और
विनियमितीकरण नियमावली के उपबन्धों के प्रतिकूल जाकर द्वितीय श्रेणी के
राजपत्रित पद पर विनियमितीकरण करके विपक्षीगणों द्वारा राज्य सरकार को
आर्थिक क्षति कारित की गयी है l यह अपराध न्यायालयों के उपरोक्त तीनों
आदेशों द्वारा दिए गए इस कानूनी आदेश के बाद किया गया है कि तदर्थ रूप से
नियुक्त न होने के कारण पवन कुमार मिश्रा का विनियमितीकरण किया ही नहीं
जा सकता है l मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करने के इस अपराध को कारित करने
में इस प्रशासनिक तथ्य को भी छुपाया गया है कि पवन कुमार मिश्रा कर्मशाला
अधीक्षक पद के लिए विभाग की सेवा नियमावली में विहित आवश्यक अर्हता 3
वर्ष का अनुभव धारित ही नहीं करता है और उ० प्र० ( लोक सेवा आयोग के
क्षेत्रान्तर्गत पदों पर ) तदर्थ नियुक्तियों का विनियमितीकरण नियमावली
1979 एवं संशोधित नियमावली 2001 के नियम 4(1)(दो) के अनुसार 3 वर्ष का
अनुभव धारित न करने के कारण पवन कुमार मिश्रा को इस पद पर विनियमित किया
ही नहीं जा सकता है l इस प्रकार विपक्षीगणों ने न्यायालय के आदेश को अपने
प्रशासनिक आदेश से पलटने का अपराध भी कारित किया है l पवन कुमार मिश्रा
लखनऊ की अवध इंडस्ट्रीज का मात्र 2 वर्ष 7 माह 22 दिन का अनुभव ही धारित
करता है जो 3 वर्ष से कम है l



यही नहीं विपक्षीगण उपरोक्त द्वारा इस जघन्य अपराध को कारित करने में
उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 400/एसबी/2013 के आदेश
दिनांक 02-04-13 के अनुपालन में उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1
द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप संख्या 1280/26-1-2013-119(72)/2006 लखनऊ
दिनांक 02 जुलाई 2013 के तथ्यों को भी छुपाया गया हैl इस आदेश द्वारा
समाज कल्याण के तत्कालीन प्रमुख सचिव संजीव दुबे ने आदेश जारी कर कहा था
कि पवन कुमार मिश्रा के विनियमितीकरण पर विचार किया जाना संभव नहीं था और
पवन द्वारा विनियमितीकरण के सम्बन्ध में दिया गया प्रत्यावेदन निरस्त कर
दिया था l




आपको सूचित करना है कि उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव
सुनील कुमार (आई० ए० एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश
सचिवालय के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के
प्रयोजन से तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी
करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने के जालसाजी और धोखाधड़ी के इस
संज्ञेय अपराध के मामले में सुनील कुमार के निलंबन और मामले की
सीबी-सीआईडी जांच की मांग के लिए एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन राजधानी लखनऊ
के लक्ष्मण मेला मैदान स्थित धरना स्थल पर दिनांक 30 अगस्त 2015 ( रविवार
) को पूर्वाह्न 11 बजे से येश्वर्याज सेवा संस्थान के बैनर तले आयोजित
किया जा रहा है l आप से अनुरोध है कि हमारे धरने को अपना समर्थन प्रदान
कर भ्रष्टाचार के विरुद्ध चल रहे हमारे अभियान को सफल बनाने में हमारे
सहभागी बनें l

आपके समर्थन और सहयोग की अपेक्षा में.

भवदीया

उर्वशी शर्मा
सचिव – येश्वर्याज सेवा संस्थान
लखनऊ
संपर्क 9369613513

Tuesday 25 August, 2015

UP ADG-L&O to enquire Fraud & Forgery complaint against IAS Sunil Kumar

UPPCC
<uppcc-up@nic.in> AttachmentMon, Aug 24, 2015 at 9:50 AM
To: "Law and Order UP, ADG" <adglo@up.nic.in>
Cc: urvashi sharma <rtimahilamanchup@gmail.com>

Sir

The complaint email is forwarded to your kind consideration
- Hide quoted text -


-------- Original Message --------
From:
- Hide quoted text -
urvashi sharma <rtimahilamanchup@gmail.com>
Date: Aug 23, 2015 1:57:31 PM
Subject: Letter to get a FIR registered against Sunil Kumar (IAS ) -
Principal Secretary and Raj Kumar Trivedi - Deputy Secretary & others,
all posted with U. P. Government.
To: hgovup <hgovup@nic.in>, hgovup <hgovup@up.nic.in>, hgovup
<hgovup@gov.in>, cmup <cmup@nic.in>, cmup <cmup@up.nic.in>, csup
<csup@up.nic.in>, csup <csup@nic.in>, dgp <dgp@up.nic.in>, uppcc
<uppcc@up.nic.in>, uppcc-up <uppcc-up@nic.in>, "dmluc@up.nic.in"
<dmluc@up.nic.in>, dmluc <dmluc@nic.in>, ssplkw-up@nic.in
सेवा में,
थाना प्रभारी - थाना हजरतगंज
जनपद लखनऊ , उत्तर प्रदेश - 226001

विषय : उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार (आई०
ए० एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश सचिवालय के अन्य
कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन से
तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करके सरकार
को आर्थिक क्षति कारित करने के अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट सुसंगत
धाराओं में दर्ज कर विधिक कार्यवाही करने के सम्बन्ध में
महोदय,
अवगत कराना है कि विपक्षीगण उपरोक्त ने भ्रष्टाचार में लिप्त होकर
व्यक्तिगत अभिलाभ प्राप्त करने के लिए अपने पदीय अधिकारों का दुरुपयोग
करते हुए यूपी सरकार के साथ छल किया है और माननीय उच्च न्यायालय, उच्चतम
न्यायालय समेत अनेकों कानूनी व प्रशासनिक तथ्यों को छुपाकर कूटरचना
द्वारा मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करने का अपराध करके सरकार को आर्थिक
क्षति कारित की है l यह कूटरचित दस्तावेज उत्तर प्रदेश समाज कल्याण
अनुभाग-1 का कार्यालय ज्ञाप संख्या 3783/26-1-2014-119(70)/02 लखनऊ
दिनांक 04 दिसम्बर 2014 है जिस की छायाप्रति संलग्नक 1 संलग्न है l

इस कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से विभाग की संस्था राजकीय गोविन्द बल्लभ
पन्त पॉलिटेक्निक मोहान रोड लखनऊ के कार्मिक पवन कुमार मिश्रा को उच्च
न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 110/एसबी/2004 के आदेश दिनांक
24-02-06 ( 2 पेज छायाप्रति संलग्नक 2 संलग्न ), सर्वोच्च न्यायालय की
याचिका संख्या SLP(C ) No. 7096/2008 के आदेश दिनांक 01-02-2008 (
छायाप्रति संलग्नक 3 संलग्न ) , उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका
संख्या 1735/एसबी/2010 के आदेश दिनांक 24-11-10 ( छायाप्रति संलग्नक 4
संलग्न ),विभाग की सेवा नियमावली ( 2 पेज छायाप्रति संलग्नक 5 संलग्न )
और विनियमितीकरण नियमावली ( 2 पेज छायाप्रति संलग्नक 6 संलग्न ) के
उपबन्धों के प्रतिकूल जाकर द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित पद पर
विनियमितीकरण करके विपक्षीगणों द्वारा राज्य सरकार को आर्थिक क्षति कारित
की गयी है l यह अपराध न्यायालयों के उपरोक्त तीनों आदेशों द्वारा दिए गए
इस कानूनी आदेश के बाद किया गया है कि तदर्थ रूप से नियुक्त न होने के
कारण पवन कुमार मिश्रा का विनियमितीकरण किया ही नहीं जा सकता है l मिथ्या
दस्तावेज बनाकर जारी करने के इस अपराध को कारित करने में इस प्रशासनिक
तथ्य को भी छुपाया गया है कि पवन कुमार मिश्रा कर्मशाला अधीक्षक पद के
लिए विभाग की सेवा नियमावली में विहित आवश्यक अर्हता 3 वर्ष का अनुभव
धारित ही नहीं करता है और उ० प्र० ( लोक सेवा आयोग के क्षेत्रान्तर्गत
पदों पर ) तदर्थ नियुक्तियों का विनियमितीकरण नियमावली 1979 एवं संशोधित
नियमावली 2001 के नियम 4(1)(दो) के अनुसार 3 वर्ष का अनुभव धारित न करने
के कारण पवन कुमार मिश्रा को इस पद पर विनियमित किया ही नहीं जा सकता है
l इस प्रकार विपक्षीगणों ने न्यायालय के आदेश को अपने आदेश को पलटने का
अपराध भी कारित किया है l पवन कुमार मिश्रा लखनऊ की अवध इंडस्ट्रीज का
मात्र 2 वर्ष 7 माह 22 दिन का अनुभव ही धारित करता है जो 3 वर्ष से कम है
l

यही नहीं विपक्षीगण उपरोक्त द्वारा इस जघन्य अपराध को कारित करने में
उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 400/एसबी/2013 के आदेश
दिनांक 02-04-13 के अनुपालन में उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1
द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप संख्या 1280/26-1-2013-119(72)/2006 लखनऊ
दिनांक 02 जुलाई 2013 ( 3 पेज छायाप्रति संलग्नक 7 संलग्न ) के तथ्यों को
भी छुपाया गया हैl इस आदेश द्वारा समाज कल्याण के तत्कालीन प्रमुख सचिव
संजीव दुबे ने आदेश जारी कर कहा था कि पवन कुमार मिश्रा के विनियमितीकरण
पर विचार किया जाना संभव नहीं था और पवन द्वारा विनियमितीकरण के सम्बन्ध
में दिया गया प्रत्यावेदन निरस्त कर दिया था l

आपसे अनुरोध है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा ललिता कुमारी बनाम उत्तर
प्रदेश सरकार { W.P.(Crl) No;68/2008 } के सम्बन्ध में पारित आदेश के
अनुपालन में CrPC की धारा 154 में विहित व्यवस्थानुसार उत्तर प्रदेश समाज
कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार (आई० ए० एस०), उप सचिव राज
कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश सचिवालय के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का
दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन से तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना
कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने
के इस संज्ञेय अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट सुसंगत धाराओं में दर्ज कर
विपक्षियों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की जाए l
संलग्नक : उपरोक्तानुसार 7 संलग्नकों के 12 पेजों की छायाप्रतियां

दिनांक : 23-08-15

प्रतिलिपि ईमेल के माध्यम से निम्नलिखित को उनके स्तर से आवश्यक
कार्यवाही हेतु संलग्नकों सहित प्रेषित :
1- महामहिम श्री राज्यपाल -उत्तर प्रदेश
लखनऊ - उत्तर प्रदेश "hgovup" <hgovup@nic.in>, "hgovup" <hgovup@up.nic.in>,
2- मुख्य मंत्री -उत्तर प्रदेश
लखनऊ - उत्तर प्रदेश "cmup" <cmup@nic.in>, "cmup" <cmup@up.nic.in>,
3- मुख्य सचिव-उत्तर प्रदेश
लखनऊ - उत्तर प्रदेश "csup" <csup@up.nic.in>,
4- पुलिस महानिदेशक - उत्तर प्रदेश "dgp" <dgp@up.nic.in>, "dgpolice"
<dgpolice@sify.com>, "uppcc" <uppcc@up.nic.in>, "uppcc-up"
<uppcc-up@nic.in>,
5- जिलाधिकारी - जनपद लखनऊ
उत्तर प्रदेश, भारत,पिन कोड -226001
ई. मेल "dmluc@up.nic.in" <dmluc@up.nic.in>, "dmluc" <dmluc@nic.in>,
6- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक - जनपद लखनऊ
उत्तर प्रदेश, भारत,पिन कोड -226001
ssplkw-up@nic.in

भवदीया


( उर्वशी शर्मा )
102,नारायण टावर, ऍफ़ ब्लाक ईदगाह के सामने
राजाजीपुरम,लखनऊ- 226017
मोबाइल :9369613513 ई-मेल rtimahilamanchup@gmail.com

--
SP/AD
UP Police Computer Center
IV floor Jawahar Bhawan Lucknow.
13 attachments — Scan and download all attachments View all images

sunil kumar ias fir attachments 01.jpg
233K View Scan and download

sunil kumar ias fir attachments 02.jpg
275K View Scan and download

sunil kumar ias fir attachments 03.jpg
310K View Scan and download

sunil kumar ias fir attachments 04.jpg
364K View Scan and download

sunil kumar ias fir attachments 05.jpg
254K View Scan and download

sunil kumar ias fir attachments 06.jpg
405K View Scan and download

sunil kumar ias fir attachments 07.jpg
299K View Scan and download

sunil kumar ias fir attachments 08.jpg
278K View Scan and download

sunil kumar ias fir attachments 09.jpg
222K View Scan and download

sunil kumar ias fir attachments 10.jpg
377K View Scan and download

sunil kumar ias fir attachments 11.jpg
398K View Scan and download

sunil kumar ias fir attachments 12.jpg
283K View Scan and download

fir thana hazratganj ias sunil kumar 230815.doc
53K View as HTML Scan and download

आईएएस सुनील कुमार की जालसाजी और फर्जीबाड़े की जांच एडीजी-कानून व्यवस्था यूपी को l

UPPCC
<uppcc-up@nic.in> AttachmentMon, Aug 24, 2015 at 9:50 AM
To: "Law and Order UP, ADG" <adglo@up.nic.in>
Cc: urvashi sharma <rtimahilamanchup@gmail.com>

Sir

The complaint email is forwarded to your kind consideration
- Hide quoted text -


-------- Original Message --------
From:
- Hide quoted text -
urvashi sharma <rtimahilamanchup@gmail.com>
Date: Aug 23, 2015 1:57:31 PM
Subject: Letter to get a FIR registered against Sunil Kumar (IAS ) -
Principal Secretary and Raj Kumar Trivedi - Deputy Secretary & others,
all posted with U. P. Government.
To: hgovup <hgovup@nic.in>, hgovup <hgovup@up.nic.in>, hgovup
<hgovup@gov.in>, cmup <cmup@nic.in>, cmup <cmup@up.nic.in>, csup
<csup@up.nic.in>, csup <csup@nic.in>, dgp <dgp@up.nic.in>, uppcc
<uppcc@up.nic.in>, uppcc-up <uppcc-up@nic.in>, "dmluc@up.nic.in"
<dmluc@up.nic.in>, dmluc <dmluc@nic.in>, ssplkw-up@nic.in
सेवा में,
थाना प्रभारी - थाना हजरतगंज
जनपद लखनऊ , उत्तर प्रदेश - 226001

विषय : उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार (आई०
ए० एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश सचिवालय के अन्य
कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन से
तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करके सरकार
को आर्थिक क्षति कारित करने के अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट सुसंगत
धाराओं में दर्ज कर विधिक कार्यवाही करने के सम्बन्ध में
महोदय,
अवगत कराना है कि विपक्षीगण उपरोक्त ने भ्रष्टाचार में लिप्त होकर
व्यक्तिगत अभिलाभ प्राप्त करने के लिए अपने पदीय अधिकारों का दुरुपयोग
करते हुए यूपी सरकार के साथ छल किया है और माननीय उच्च न्यायालय, उच्चतम
न्यायालय समेत अनेकों कानूनी व प्रशासनिक तथ्यों को छुपाकर कूटरचना
द्वारा मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करने का अपराध करके सरकार को आर्थिक
क्षति कारित की है l यह कूटरचित दस्तावेज उत्तर प्रदेश समाज कल्याण
अनुभाग-1 का कार्यालय ज्ञाप संख्या 3783/26-1-2014-119(70)/02 लखनऊ
दिनांक 04 दिसम्बर 2014 है जिस की छायाप्रति संलग्नक 1 संलग्न है l

इस कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से विभाग की संस्था राजकीय गोविन्द बल्लभ
पन्त पॉलिटेक्निक मोहान रोड लखनऊ के कार्मिक पवन कुमार मिश्रा को उच्च
न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 110/एसबी/2004 के आदेश दिनांक
24-02-06 ( 2 पेज छायाप्रति संलग्नक 2 संलग्न ), सर्वोच्च न्यायालय की
याचिका संख्या SLP(C ) No. 7096/2008 के आदेश दिनांक 01-02-2008 (
छायाप्रति संलग्नक 3 संलग्न ) , उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका
संख्या 1735/एसबी/2010 के आदेश दिनांक 24-11-10 ( छायाप्रति संलग्नक 4
संलग्न ),विभाग की सेवा नियमावली ( 2 पेज छायाप्रति संलग्नक 5 संलग्न )
और विनियमितीकरण नियमावली ( 2 पेज छायाप्रति संलग्नक 6 संलग्न ) के
उपबन्धों के प्रतिकूल जाकर द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित पद पर
विनियमितीकरण करके विपक्षीगणों द्वारा राज्य सरकार को आर्थिक क्षति कारित
की गयी है l यह अपराध न्यायालयों के उपरोक्त तीनों आदेशों द्वारा दिए गए
इस कानूनी आदेश के बाद किया गया है कि तदर्थ रूप से नियुक्त न होने के
कारण पवन कुमार मिश्रा का विनियमितीकरण किया ही नहीं जा सकता है l मिथ्या
दस्तावेज बनाकर जारी करने के इस अपराध को कारित करने में इस प्रशासनिक
तथ्य को भी छुपाया गया है कि पवन कुमार मिश्रा कर्मशाला अधीक्षक पद के
लिए विभाग की सेवा नियमावली में विहित आवश्यक अर्हता 3 वर्ष का अनुभव
धारित ही नहीं करता है और उ० प्र० ( लोक सेवा आयोग के क्षेत्रान्तर्गत
पदों पर ) तदर्थ नियुक्तियों का विनियमितीकरण नियमावली 1979 एवं संशोधित
नियमावली 2001 के नियम 4(1)(दो) के अनुसार 3 वर्ष का अनुभव धारित न करने
के कारण पवन कुमार मिश्रा को इस पद पर विनियमित किया ही नहीं जा सकता है
l इस प्रकार विपक्षीगणों ने न्यायालय के आदेश को अपने आदेश को पलटने का
अपराध भी कारित किया है l पवन कुमार मिश्रा लखनऊ की अवध इंडस्ट्रीज का
मात्र 2 वर्ष 7 माह 22 दिन का अनुभव ही धारित करता है जो 3 वर्ष से कम है
l

यही नहीं विपक्षीगण उपरोक्त द्वारा इस जघन्य अपराध को कारित करने में
उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 400/एसबी/2013 के आदेश
दिनांक 02-04-13 के अनुपालन में उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1
द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप संख्या 1280/26-1-2013-119(72)/2006 लखनऊ
दिनांक 02 जुलाई 2013 ( 3 पेज छायाप्रति संलग्नक 7 संलग्न ) के तथ्यों को
भी छुपाया गया हैl इस आदेश द्वारा समाज कल्याण के तत्कालीन प्रमुख सचिव
संजीव दुबे ने आदेश जारी कर कहा था कि पवन कुमार मिश्रा के विनियमितीकरण
पर विचार किया जाना संभव नहीं था और पवन द्वारा विनियमितीकरण के सम्बन्ध
में दिया गया प्रत्यावेदन निरस्त कर दिया था l

आपसे अनुरोध है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा ललिता कुमारी बनाम उत्तर
प्रदेश सरकार { W.P.(Crl) No;68/2008 } के सम्बन्ध में पारित आदेश के
अनुपालन में CrPC की धारा 154 में विहित व्यवस्थानुसार उत्तर प्रदेश समाज
कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार (आई० ए० एस०), उप सचिव राज
कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश सचिवालय के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का
दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन से तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना
कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने
के इस संज्ञेय अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट सुसंगत धाराओं में दर्ज कर
विपक्षियों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की जाए l
संलग्नक : उपरोक्तानुसार 7 संलग्नकों के 12 पेजों की छायाप्रतियां

दिनांक : 23-08-15

प्रतिलिपि ईमेल के माध्यम से निम्नलिखित को उनके स्तर से आवश्यक
कार्यवाही हेतु संलग्नकों सहित प्रेषित :
1- महामहिम श्री राज्यपाल -उत्तर प्रदेश
लखनऊ - उत्तर प्रदेश "hgovup" <hgovup@nic.in>, "hgovup" <hgovup@up.nic.in>,
2- मुख्य मंत्री -उत्तर प्रदेश
लखनऊ - उत्तर प्रदेश "cmup" <cmup@nic.in>, "cmup" <cmup@up.nic.in>,
3- मुख्य सचिव-उत्तर प्रदेश
लखनऊ - उत्तर प्रदेश "csup" <csup@up.nic.in>,
4- पुलिस महानिदेशक - उत्तर प्रदेश "dgp" <dgp@up.nic.in>, "dgpolice"
<dgpolice@sify.com>, "uppcc" <uppcc@up.nic.in>, "uppcc-up"
<uppcc-up@nic.in>,
5- जिलाधिकारी - जनपद लखनऊ
उत्तर प्रदेश, भारत,पिन कोड -226001
ई. मेल "dmluc@up.nic.in" <dmluc@up.nic.in>, "dmluc" <dmluc@nic.in>,
6- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक - जनपद लखनऊ
उत्तर प्रदेश, भारत,पिन कोड -226001
ssplkw-up@nic.in

भवदीया


( उर्वशी शर्मा )
102,नारायण टावर, ऍफ़ ब्लाक ईदगाह के सामने
राजाजीपुरम,लखनऊ- 226017
मोबाइल :9369613513 ई-मेल rtimahilamanchup@gmail.com

--
SP/AD
UP Police Computer Center
IV floor Jawahar Bhawan Lucknow.
13 attachments — Scan and download all attachments View all images

sunil kumar ias fir attachments 01.jpg
233K View Scan and download

sunil kumar ias fir attachments 02.jpg
275K View Scan and download

sunil kumar ias fir attachments 03.jpg
310K View Scan and download

sunil kumar ias fir attachments 04.jpg
364K View Scan and download

sunil kumar ias fir attachments 05.jpg
254K View Scan and download

sunil kumar ias fir attachments 06.jpg
405K View Scan and download

sunil kumar ias fir attachments 07.jpg
299K View Scan and download

sunil kumar ias fir attachments 08.jpg
278K View Scan and download

sunil kumar ias fir attachments 09.jpg
222K View Scan and download

sunil kumar ias fir attachments 10.jpg
377K View Scan and download

sunil kumar ias fir attachments 11.jpg
398K View Scan and download

sunil kumar ias fir attachments 12.jpg
283K View Scan and download

fir thana hazratganj ias sunil kumar 230815.doc
53K View as HTML Scan and download

समाज कल्याण के प्रमुख सचिव पर जालसाजी का आरोप : आरटीआई एक्टिविस्ट ने हजरतगंज इंस्पेक्टर को दी तहरीर

समाज कल्याण के प्रमुख सचिव पर जालसाजी का आरोप : आरटीआई एक्टिविस्ट ने
हजरतगंज इंस्पेक्टर को दी तहरीर

लखनऊ (ब्यूरो)। समाज कल्याण के प्रमुख सचिव सुनील कुमार और उपसचिव
राजकुमार त्रिवेदी सहित सचिवालय के कर्मचारियों पर जालसाजी का आरोप लगाते
हुए आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा ने हजरतगंज इंस्पेक्टर विजयमल यादव
को तहरीर दी है। उर्वशी का कहना है कि प्रमुख सचिव और उनके

सहयोगियों ने अपने पद का दुरुपयोग कर फर्जी दस्तावेज बनाए। हालांकि,
हजरतगंज इंस्पेक्टर ने कोई प्रार्थनापत्र मिलने की बात से इन्कार किया
है।

http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20150825g_002163012&ileft=789&itop=103&zoomRatio=130&AN=20150825g_002163012

ऐश्वर्याज़ सेवा संस्थान की सचिव उर्वशी का कहना है कि प्रमुख सचिव सहित
अन्य लोगों ने न सिर्फ प्रदेश सरकार के साथ छल किया बल्कि
हाईकोर्ट-सुप्रीमकोर्ट से तथ्य छिपाकर राजकीय गोविंद बल्लभ पंत
पॉलीटेक्निक मोहान रोड के कर्मचारी पवन कुमार मिश्रा का द्वितीय श्रेणी
के राजपत्रित पद पर विनियमितीकरण कर दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए
विभाग की सेवा नियमावली और विनियमितीकरण नियमावली के आदेशों और उपबंधों
की भी अनदेखी की गई। नियमावली के मुताबिक, पवन कुमार मिश्रा के पास
कर्मशाला अधीक्षक पद के लिए निर्धारित तीन वर्ष का अनुभव होना चाहिए,
लेकिन लखनऊ की अवध इंडस्ट्रीज में उन्हें अभी दो वर्ष सात माह 22 दिन ही
हुए हैं।

Monday 24 August, 2015

समाजसेविका उर्वशी शर्मा ने उठायी प्रमुख सचिव सुनील कुमार, उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी समेत अन्य सचिवालय कर्मियों के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी की एफआईआर की मांग l

Social activist Urvashi Sharma seeks FIR of fraud & forgery against UP
IAS Sunil Kumar,Deputy Secretary Raj Kumar Trivedi & others

लखनऊ/24 अगस्त 2015// लखनऊ निवासी समाजसेविका और आरटीआई एक्टिविस्ट
उर्वशी शर्मा ने आज यूपी के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार
(आईएएस), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी और सचिवालय के अन्य कार्मिकों के
खिलाफ जालसाजी और छल करके राजपत्रित पद पर फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार
पर नियुक्ति करने का गंभीर आरोप लगाते हुए मामले की प्रथम सूचना रिपोर्ट
(FIR ) दर्ज कर विधिक कार्यवाही करने के लिए एक प्रार्थना पत्र थाना
हजरतगंज में दिया है l


उपस्थित मीडिया को संबोधित करते हुए उर्वशी ने कहा कि यूपी में हालात बद
से बदतर होते जा रहे हैं l अखिलेश यादव की अगुआई में चल रही सपा सरकार की
नौकरशाही पर निरंकुश होकर भ्रष्टाचार और कदाचार करने का आरोप लगाते हुए
उर्वशी ने कहा कि अब इन अधिकारियों के मन से कानून का डर पूरी तरह से
ख़त्म हो आया है और अब तो आलम यह है कि जनता के पैसों से मोटी मोटी
तनख्वाह और सुविधाएं लेने बाले यहाँ के प्रमुख सचिव स्तर के आईएएस भी
पैसे और अपने अन्य व्यक्तिगत हितों की पूर्ति के लिए अपने जमीर का और देश
के सर्वोच्च माने जाने बाले आईएएस पद की गरिमा तक का सौदा तक करने मैं
कतई भी हिचक नहीं रहे है l



देश की जानी मानी आरटीआई एक्टिविस्टों में शुमार उर्वशी ने बताया कि उनके
द्वारा दायर अनेकों आरटीआई से जो प्रपत्र उनके हाथ लगे हैं उनसे एक ऐसा
ही मामला सामने आया है जिसमें वर्तमान प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील
कुमार ( आईएएस ), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी और उत्तर प्रदेश सचिवालय
के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन
से न्यायालयों के आदेशों और शासनादेशों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या
दस्तावेज बनाकर जारी करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने का अपराध
दस्तावेजों के आधार पर स्वतः ही सिद्ध हो रहा है l आरटीआई से प्राप्त
अभिलेखों से स्पष्ट हो रहा है कि सचिवालय के इन वरिष्ठ कार्मिकों ने अपने
क्षुद्र लाभों के लिए जालसाजी और छल करके द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित पद
तक पर फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नियुक्ति कर डाली है l उर्वशी ने
बताया कि उन्होंने व्यापक लोकहित में इन प्रपत्रों से सिद्ध हो रहे अपराध
की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर दोषियों को दण्डित कराने के लिए यह
तहरीर थाने में दी है l


थाना हजरतगंज के थाना प्रभारी को लिखे पत्र में उर्वशी ने लिखा "अवगत
कराना है कि विपक्षीगण उपरोक्त ने भ्रष्टाचार में लिप्त होकर व्यक्तिगत
अभिलाभ प्राप्त करने के लिए अपने पदीय अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए
यूपी सरकार के साथ छल किया है और माननीय उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय
समेत अनेकों कानूनी व प्रशासनिक तथ्यों को छुपाकर कूटरचना द्वारा मिथ्या
दस्तावेज बनाकर जारी करने का अपराध करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित की
है l यह कूटरचित दस्तावेज उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1 का कार्यालय
ज्ञाप संख्या 3783/26-1-2014-119(70)/02 लखनऊ दिनांक 04 दिसम्बर 2014 है
lइस कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से विभाग की संस्था राजकीय गोविन्द बल्लभ
पन्त पॉलिटेक्निक मोहान रोड लखनऊ के कार्मिक पवन कुमार मिश्रा को उच्च
न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 110/एसबी/2004 के आदेश दिनांक
24-02-06, सर्वोच्च न्यायालय की याचिका संख्या SLP(C ) No. 7096/2008 के
आदेश दिनांक 01-02-2008, उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या
1735/एसबी/2010 के आदेश दिनांक 24-11-10,विभाग की सेवा नियमावली और
विनियमितीकरण नियमावली के आदेशों और उपबन्धों के प्रतिकूल जाकर द्वितीय
श्रेणी के राजपत्रित पद पर विनियमितीकरण का लाभ प्रदान करके विपक्षीगणों
द्वारा राज्य सरकार को आर्थिक क्षति कारित की गयी है l यह अपराध
न्यायालयों के उपरोक्त तीनों आदेशों द्वारा दिए गए इस कानूनी आदेश के बाद
किया गया है कि तदर्थ रूप से नियुक्त न होने के कारण पवन कुमार मिश्रा का
विनियमितीकरण किया ही नहीं जा सकता है l मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करने
के इस अपराध को कारित करने में इस प्रशासनिक तथ्य को भी छुपाया गया है कि
पवन कुमार मिश्रा कर्मशाला अधीक्षक पद के लिए विभाग की सेवा नियमावली में
विहित आवश्यक अर्हता 3 वर्ष का अनुभव धारित ही नहीं करता है और उ० प्र० (
लोक सेवा आयोग के क्षेत्रान्तर्गत पदों पर ) तदर्थ नियुक्तियों का
विनियमितीकरण नियमावली 1979 एवं संशोधित नियमावली 2001 के नियम 4(1)(दो)
के अनुसार 3 वर्ष का अनुभव धारित न करने के कारण पवन कुमार मिश्रा को इस
पद पर विनियमित किया ही नहीं जा सकता है l इस प्रकार विपक्षीगणों ने
न्यायालय के आदेश को अपने आदेश को पलटने का अपराध भी कारित किया है l
गौरतलब है कि पवन कुमार मिश्रा लखनऊ की अवध इंडस्ट्रीज का मात्र 2 वर्ष 7
माह 22 दिन का अनुभव ही धारित करता है जो पद के लिए आवश्यक अनुभव 3 वर्ष
से कम है lयही नहीं विपक्षीगण उपरोक्त द्वारा इस जघन्य अपराध को कारित
करने में उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 400/एसबी/2013 के
आदेश दिनांक 02-04-13 के अनुपालन में उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1
द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप संख्या 1280/26-1-2013-119(72)/2006 लखनऊ
दिनांक 02 जुलाई 2013 के तथ्यों को भी छुपाया गया हैl"


समाजसेविका उर्वशी ने इस मामले में समाज कल्याण के पूर्व प्रमुख सचिव
संजीव दुबे (आईएएस) को नियमानुसार कार्य करने बाला बताते हुए उनकी तारीफ
भी की है l


उर्वशी ने हजरतगंज थाना प्रभारी से मांग की है कि वे उच्चतम न्यायालय
द्वारा ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश सरकार { W.P.(Crl) No;68/2008 }
के सम्बन्ध में पारित आदेश के अनुपालन में CrPC की धारा 154 में विहित
व्यवस्थानुसार उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील
कुमार (आई० ए० एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश
सचिवालय के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के
प्रयोजन से तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी
करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने के इस संज्ञेय अपराध की प्रथम
सूचना रिपोर्ट सुसंगत धाराओं में दर्ज कर विपक्षियों के विरुद्ध विधिक
कार्यवाही करें l
उर्वशी ने अपनी तहरीर के अभिकथन के समर्थन में 12 प्रमाण भी संलग्न करके
थाना प्रभारी को दिए हैं l उर्वशी ने कहा कि वे इस मामले में भ्रष्टों को
बेनकाब कर जेल पंहुचा कर ही दम लेंगी l


नोट : इस पत्र के 12 संलग्नक हमारे ब्लॉग पर उपलब्ध हैं जिसका वेबलिंक
http://upcpri.blogspot.in/2015/08/l_23.html है l आप इन संलग्नकों को
इस वेबलिंक से डाउनलोड कर सकते हैं l

भवदीया

उर्वशी शर्मा
सचिव - येश्वर्याज सेवा संस्थान
102,नारायण टावर, ऍफ़ ब्लाक ईदगाह के सामने,राजाजीपुरम,लखनऊ- 226017
मोबाइल :9369613513 ई-मेल rtimahilamanchup@gmail.com

Social activist Urvashi Sharma seeks FIR of fraud & forgery against UP IAS Sunil Kumar,Deputy Secretary Raj Kumar Trivedi & others

समाजसेविका उर्वशी शर्मा ने उठायी प्रमुख सचिव सुनील कुमार, उप सचिव राज
कुमार त्रिवेदी समेत अन्य सचिवालय कर्मियों के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी
की एफआईआर की मांग l

लखनऊ/24 अगस्त 2015// लखनऊ निवासी समाजसेविका और आरटीआई एक्टिविस्ट
उर्वशी शर्मा ने आज यूपी के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार
(आईएएस), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी और सचिवालय के अन्य कार्मिकों के
खिलाफ जालसाजी और छल करके राजपत्रित पद पर फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार
पर नियुक्ति करने का गंभीर आरोप लगाते हुए मामले की प्रथम सूचना रिपोर्ट
(FIR ) दर्ज कर विधिक कार्यवाही करने के लिए एक प्रार्थना पत्र थाना
हजरतगंज में दिया है l


उपस्थित मीडिया को संबोधित करते हुए उर्वशी ने कहा कि यूपी में हालात बद
से बदतर होते जा रहे हैं l अखिलेश यादव की अगुआई में चल रही सपा सरकार की
नौकरशाही पर निरंकुश होकर भ्रष्टाचार और कदाचार करने का आरोप लगाते हुए
उर्वशी ने कहा कि अब इन अधिकारियों के मन से कानून का डर पूरी तरह से
ख़त्म हो आया है और अब तो आलम यह है कि जनता के पैसों से मोटी मोटी
तनख्वाह और सुविधाएं लेने बाले यहाँ के प्रमुख सचिव स्तर के आईएएस भी
पैसे और अपने अन्य व्यक्तिगत हितों की पूर्ति के लिए अपने जमीर का और देश
के सर्वोच्च माने जाने बाले आईएएस पद की गरिमा तक का सौदा तक करने मैं
कतई भी हिचक नहीं रहे है l



देश की जानी मानी आरटीआई एक्टिविस्टों में शुमार उर्वशी ने बताया कि उनके
द्वारा दायर अनेकों आरटीआई से जो प्रपत्र उनके हाथ लगे हैं उनसे एक ऐसा
ही मामला सामने आया है जिसमें वर्तमान प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील
कुमार ( आईएएस ), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी और उत्तर प्रदेश सचिवालय
के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन
से न्यायालयों के आदेशों और शासनादेशों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या
दस्तावेज बनाकर जारी करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने का अपराध
दस्तावेजों के आधार पर स्वतः ही सिद्ध हो रहा है l आरटीआई से प्राप्त
अभिलेखों से स्पष्ट हो रहा है कि सचिवालय के इन वरिष्ठ कार्मिकों ने अपने
क्षुद्र लाभों के लिए जालसाजी और छल करके द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित पद
तक पर फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नियुक्ति कर डाली है l उर्वशी ने
बताया कि उन्होंने व्यापक लोकहित में इन प्रपत्रों से सिद्ध हो रहे अपराध
की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर दोषियों को दण्डित कराने के लिए यह
तहरीर थाने में दी है l


थाना हजरतगंज के थाना प्रभारी को लिखे पत्र में उर्वशी ने लिखा "अवगत
कराना है कि विपक्षीगण उपरोक्त ने भ्रष्टाचार में लिप्त होकर व्यक्तिगत
अभिलाभ प्राप्त करने के लिए अपने पदीय अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए
यूपी सरकार के साथ छल किया है और माननीय उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय
समेत अनेकों कानूनी व प्रशासनिक तथ्यों को छुपाकर कूटरचना द्वारा मिथ्या
दस्तावेज बनाकर जारी करने का अपराध करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित की
है l यह कूटरचित दस्तावेज उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1 का कार्यालय
ज्ञाप संख्या 3783/26-1-2014-119(70)/02 लखनऊ दिनांक 04 दिसम्बर 2014 है
lइस कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से विभाग की संस्था राजकीय गोविन्द बल्लभ
पन्त पॉलिटेक्निक मोहान रोड लखनऊ के कार्मिक पवन कुमार मिश्रा को उच्च
न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 110/एसबी/2004 के आदेश दिनांक
24-02-06, सर्वोच्च न्यायालय की याचिका संख्या SLP(C ) No. 7096/2008 के
आदेश दिनांक 01-02-2008, उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या
1735/एसबी/2010 के आदेश दिनांक 24-11-10,विभाग की सेवा नियमावली और
विनियमितीकरण नियमावली के आदेशों और उपबन्धों के प्रतिकूल जाकर द्वितीय
श्रेणी के राजपत्रित पद पर विनियमितीकरण का लाभ प्रदान करके विपक्षीगणों
द्वारा राज्य सरकार को आर्थिक क्षति कारित की गयी है l यह अपराध
न्यायालयों के उपरोक्त तीनों आदेशों द्वारा दिए गए इस कानूनी आदेश के बाद
किया गया है कि तदर्थ रूप से नियुक्त न होने के कारण पवन कुमार मिश्रा का
विनियमितीकरण किया ही नहीं जा सकता है l मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करने
के इस अपराध को कारित करने में इस प्रशासनिक तथ्य को भी छुपाया गया है कि
पवन कुमार मिश्रा कर्मशाला अधीक्षक पद के लिए विभाग की सेवा नियमावली में
विहित आवश्यक अर्हता 3 वर्ष का अनुभव धारित ही नहीं करता है और उ० प्र० (
लोक सेवा आयोग के क्षेत्रान्तर्गत पदों पर ) तदर्थ नियुक्तियों का
विनियमितीकरण नियमावली 1979 एवं संशोधित नियमावली 2001 के नियम 4(1)(दो)
के अनुसार 3 वर्ष का अनुभव धारित न करने के कारण पवन कुमार मिश्रा को इस
पद पर विनियमित किया ही नहीं जा सकता है l इस प्रकार विपक्षीगणों ने
न्यायालय के आदेश को अपने आदेश को पलटने का अपराध भी कारित किया है l
गौरतलब है कि पवन कुमार मिश्रा लखनऊ की अवध इंडस्ट्रीज का मात्र 2 वर्ष 7
माह 22 दिन का अनुभव ही धारित करता है जो पद के लिए आवश्यक अनुभव 3 वर्ष
से कम है lयही नहीं विपक्षीगण उपरोक्त द्वारा इस जघन्य अपराध को कारित
करने में उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 400/एसबी/2013 के
आदेश दिनांक 02-04-13 के अनुपालन में उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1
द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप संख्या 1280/26-1-2013-119(72)/2006 लखनऊ
दिनांक 02 जुलाई 2013 के तथ्यों को भी छुपाया गया हैl"


समाजसेविका उर्वशी ने इस मामले में समाज कल्याण के पूर्व प्रमुख सचिव
संजीव दुबे (आईएएस) को नियमानुसार कार्य करने बाला बताते हुए उनकी तारीफ
भी की है l


उर्वशी ने हजरतगंज थाना प्रभारी से मांग की है कि वे उच्चतम न्यायालय
द्वारा ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश सरकार { W.P.(Crl) No;68/2008 }
के सम्बन्ध में पारित आदेश के अनुपालन में CrPC की धारा 154 में विहित
व्यवस्थानुसार उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील
कुमार (आई० ए० एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश
सचिवालय के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के
प्रयोजन से तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी
करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने के इस संज्ञेय अपराध की प्रथम
सूचना रिपोर्ट सुसंगत धाराओं में दर्ज कर विपक्षियों के विरुद्ध विधिक
कार्यवाही करें l
उर्वशी ने अपनी तहरीर के अभिकथन के समर्थन में 12 प्रमाण भी संलग्न करके
थाना प्रभारी को दिए हैं l उर्वशी ने कहा कि वे इस मामले में भ्रष्टों को
बेनकाब कर जेल पंहुचा कर ही दम लेंगी l


नोट : इस पत्र के 12 संलग्नक हमारे ब्लॉग पर उपलब्ध हैं जिसका वेबलिंक
http://upcpri.blogspot.in/2015/08/l_23.html है l आप इन संलग्नकों को
इस वेबलिंक से डाउनलोड कर सकते हैं l

भवदीया

उर्वशी शर्मा
सचिव - येश्वर्याज सेवा संस्थान
102,नारायण टावर, ऍफ़ ब्लाक ईदगाह के सामने,राजाजीपुरम,लखनऊ- 226017
मोबाइल :9369613513 ई-मेल rtimahilamanchup@gmail.com

आईएएस सुनील कुमार समेत अन्य के खिलाफ समाजसेविका उर्वशी शर्मा ने दी थाना हजरतगंज में एफआईआर के लिए तहरीर l

Social activist seeks FIR against UP IAS Sunil Kumar & others

लखनऊ/24 अगस्त 2015// लखनऊ निवासी समाजसेविका और आरटीआई एक्टिविस्ट
उर्वशी शर्मा ने आज यूपी के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार
(आईएएस), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी और सचिवालय के अन्य कार्मिकों के
खिलाफ जालसाजी और छल करके राजपत्रित पद पर फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार
पर नियुक्ति करने का गंभीर आरोप लगाते हुए मामले की प्रथम सूचना रिपोर्ट
(FIR ) दर्ज कर विधिक कार्यवाही करने के लिए एक प्रार्थना पत्र थाना
हजरतगंज में दिया है l


उपस्थित मीडिया को संबोधित करते हुए उर्वशी ने कहा कि यूपी में हालात बद
से बदतर होते जा रहे हैं l अखिलेश यादव की अगुआई में चल रही सपा सरकार की
नौकरशाही पर निरंकुश होकर भ्रष्टाचार और कदाचार करने का आरोप लगाते हुए
उर्वशी ने कहा कि अब इन अधिकारियों के मन से कानून का डर पूरी तरह से
ख़त्म हो आया है और अब तो आलम यह है कि जनता के पैसों से मोटी मोटी
तनख्वाह और सुविधाएं लेने बाले यहाँ के प्रमुख सचिव स्तर के आईएएस भी
पैसे और अपने अन्य व्यक्तिगत हितों की पूर्ति के लिए अपने जमीर का और देश
के सर्वोच्च माने जाने बाले आईएएस पद की गरिमा तक का सौदा तक करने मैं
कतई भी हिचक नहीं रहे है l



देश की जानी मानी आरटीआई एक्टिविस्टों में शुमार उर्वशी ने बताया कि उनके
द्वारा दायर अनेकों आरटीआई से जो प्रपत्र उनके हाथ लगे हैं उनसे एक ऐसा
ही मामला सामने आया है जिसमें वर्तमान प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील
कुमार ( आईएएस ), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी और उत्तर प्रदेश सचिवालय
के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन
से न्यायालयों के आदेशों और शासनादेशों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या
दस्तावेज बनाकर जारी करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने का अपराध
दस्तावेजों के आधार पर स्वतः ही सिद्ध हो रहा है l आरटीआई से प्राप्त
अभिलेखों से स्पष्ट हो रहा है कि सचिवालय के इन वरिष्ठ कार्मिकों ने अपने
क्षुद्र लाभों के लिए जालसाजी और छल करके द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित पद
तक पर फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नियुक्ति कर डाली है l उर्वशी ने
बताया कि उन्होंने व्यापक लोकहित में इन प्रपत्रों से सिद्ध हो रहे अपराध
की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर दोषियों को दण्डित कराने के लिए यह
तहरीर थाने में दी है l


थाना हजरतगंज के थाना प्रभारी को लिखे पत्र में उर्वशी ने लिखा "अवगत
कराना है कि विपक्षीगण उपरोक्त ने भ्रष्टाचार में लिप्त होकर व्यक्तिगत
अभिलाभ प्राप्त करने के लिए अपने पदीय अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए
यूपी सरकार के साथ छल किया है और माननीय उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय
समेत अनेकों कानूनी व प्रशासनिक तथ्यों को छुपाकर कूटरचना द्वारा मिथ्या
दस्तावेज बनाकर जारी करने का अपराध करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित की
है l यह कूटरचित दस्तावेज उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1 का कार्यालय
ज्ञाप संख्या 3783/26-1-2014-119(70)/02 लखनऊ दिनांक 04 दिसम्बर 2014 है
lइस कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से विभाग की संस्था राजकीय गोविन्द बल्लभ
पन्त पॉलिटेक्निक मोहान रोड लखनऊ के कार्मिक पवन कुमार मिश्रा को उच्च
न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 110/एसबी/2004 के आदेश दिनांक
24-02-06, सर्वोच्च न्यायालय की याचिका संख्या SLP(C ) No. 7096/2008 के
आदेश दिनांक 01-02-2008, उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या
1735/एसबी/2010 के आदेश दिनांक 24-11-10,विभाग की सेवा नियमावली और
विनियमितीकरण नियमावली के आदेशों और उपबन्धों के प्रतिकूल जाकर द्वितीय
श्रेणी के राजपत्रित पद पर विनियमितीकरण का लाभ प्रदान करके विपक्षीगणों
द्वारा राज्य सरकार को आर्थिक क्षति कारित की गयी है l यह अपराध
न्यायालयों के उपरोक्त तीनों आदेशों द्वारा दिए गए इस कानूनी आदेश के बाद
किया गया है कि तदर्थ रूप से नियुक्त न होने के कारण पवन कुमार मिश्रा का
विनियमितीकरण किया ही नहीं जा सकता है l मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करने
के इस अपराध को कारित करने में इस प्रशासनिक तथ्य को भी छुपाया गया है कि
पवन कुमार मिश्रा कर्मशाला अधीक्षक पद के लिए विभाग की सेवा नियमावली में
विहित आवश्यक अर्हता 3 वर्ष का अनुभव धारित ही नहीं करता है और उ० प्र० (
लोक सेवा आयोग के क्षेत्रान्तर्गत पदों पर ) तदर्थ नियुक्तियों का
विनियमितीकरण नियमावली 1979 एवं संशोधित नियमावली 2001 के नियम 4(1)(दो)
के अनुसार 3 वर्ष का अनुभव धारित न करने के कारण पवन कुमार मिश्रा को इस
पद पर विनियमित किया ही नहीं जा सकता है l इस प्रकार विपक्षीगणों ने
न्यायालय के आदेश को अपने आदेश को पलटने का अपराध भी कारित किया है l
गौरतलब है कि पवन कुमार मिश्रा लखनऊ की अवध इंडस्ट्रीज का मात्र 2 वर्ष 7
माह 22 दिन का अनुभव ही धारित करता है जो पद के लिए आवश्यक अनुभव 3 वर्ष
से कम है lयही नहीं विपक्षीगण उपरोक्त द्वारा इस जघन्य अपराध को कारित
करने में उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 400/एसबी/2013 के
आदेश दिनांक 02-04-13 के अनुपालन में उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1
द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप संख्या 1280/26-1-2013-119(72)/2006 लखनऊ
दिनांक 02 जुलाई 2013 के तथ्यों को भी छुपाया गया हैl"


समाजसेविका उर्वशी ने इस मामले में समाज कल्याण के पूर्व प्रमुख सचिव
संजीव दुबे (आईएएस) को नियमानुसार कार्य करने बाला बताते हुए उनकी तारीफ
भी की है l


उर्वशी ने हजरतगंज थाना प्रभारी से मांग की है कि वे उच्चतम न्यायालय
द्वारा ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश सरकार { W.P.(Crl) No;68/2008 }
के सम्बन्ध में पारित आदेश के अनुपालन में CrPC की धारा 154 में विहित
व्यवस्थानुसार उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील
कुमार (आई० ए० एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश
सचिवालय के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के
प्रयोजन से तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी
करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने के इस संज्ञेय अपराध की प्रथम
सूचना रिपोर्ट सुसंगत धाराओं में दर्ज कर विपक्षियों के विरुद्ध विधिक
कार्यवाही करें l
उर्वशी ने अपनी तहरीर के अभिकथन के समर्थन में 12 प्रमाण भी संलग्न करके
थाना प्रभारी को दिए हैं l उर्वशी ने कहा कि वे इस मामले में भ्रष्टों को
बेनकाब कर जेल पंहुचा कर ही दम लेंगी l


नोट : इस पत्र के 12 संलग्नक हमारे ब्लॉग पर उपलब्ध हैं जिसका वेबलिंक
http://upcpri.blogspot.in/2015/08/l_23.html है l आप इन संलग्नकों को
इस वेबलिंक से डाउनलोड कर सकते हैं l

भवदीया

उर्वशी शर्मा
सचिव - येश्वर्याज सेवा संस्थान
102,नारायण टावर, ऍफ़ ब्लाक ईदगाह के सामने,राजाजीपुरम,लखनऊ- 226017
मोबाइल :9369613513 ई-मेल rtimahilamanchup@gmail.com

Social activist seeks FIR against UP IAS Sunil Kumar & others

यूपी आईएएस सुनील कुमार समेत अन्य के खिलाफ जालसाजी और छल करके फर्जी
अभिलेखों के आधार पर भ्रष्टाचार करके नियुक्ति करने के मामले में
समाजसेविका उर्वशी शर्मा ने थाना हजरतगंज में दी एफआईआर के लिए तहरीर l


लखनऊ/24 अगस्त 2015// लखनऊ निवासी समाजसेविका और आरटीआई एक्टिविस्ट
उर्वशी शर्मा ने आज यूपी के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार
(आईएएस), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी और सचिवालय के अन्य कार्मिकों के
खिलाफ जालसाजी और छल करके राजपत्रित पद पर फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार
पर नियुक्ति करने का गंभीर आरोप लगाते हुए मामले की प्रथम सूचना रिपोर्ट
(FIR ) दर्ज कर विधिक कार्यवाही करने के लिए एक प्रार्थना पत्र थाना
हजरतगंज में दिया है l


उपस्थित मीडिया को संबोधित करते हुए उर्वशी ने कहा कि यूपी में हालात बद
से बदतर होते जा रहे हैं l अखिलेश यादव की अगुआई में चल रही सपा सरकार की
नौकरशाही पर निरंकुश होकर भ्रष्टाचार और कदाचार करने का आरोप लगाते हुए
उर्वशी ने कहा कि अब इन अधिकारियों के मन से कानून का डर पूरी तरह से
ख़त्म हो आया है और अब तो आलम यह है कि जनता के पैसों से मोटी मोटी
तनख्वाह और सुविधाएं लेने बाले यहाँ के प्रमुख सचिव स्तर के आईएएस भी
पैसे और अपने अन्य व्यक्तिगत हितों की पूर्ति के लिए अपने जमीर का और देश
के सर्वोच्च माने जाने बाले आईएएस पद की गरिमा तक का सौदा तक करने मैं
कतई भी हिचक नहीं रहे है l



देश की जानी मानी आरटीआई एक्टिविस्टों में शुमार उर्वशी ने बताया कि उनके
द्वारा दायर अनेकों आरटीआई से जो प्रपत्र उनके हाथ लगे हैं उनसे एक ऐसा
ही मामला सामने आया है जिसमें वर्तमान प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील
कुमार ( आईएएस ), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी और उत्तर प्रदेश सचिवालय
के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन
से न्यायालयों के आदेशों और शासनादेशों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या
दस्तावेज बनाकर जारी करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने का अपराध
दस्तावेजों के आधार पर स्वतः ही सिद्ध हो रहा है l आरटीआई से प्राप्त
अभिलेखों से स्पष्ट हो रहा है कि सचिवालय के इन वरिष्ठ कार्मिकों ने अपने
क्षुद्र लाभों के लिए जालसाजी और छल करके द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित पद
तक पर फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नियुक्ति कर डाली है l उर्वशी ने
बताया कि उन्होंने व्यापक लोकहित में इन प्रपत्रों से सिद्ध हो रहे अपराध
की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर दोषियों को दण्डित कराने के लिए यह
तहरीर थाने में दी है l


थाना हजरतगंज के थाना प्रभारी को लिखे पत्र में उर्वशी ने लिखा "अवगत
कराना है कि विपक्षीगण उपरोक्त ने भ्रष्टाचार में लिप्त होकर व्यक्तिगत
अभिलाभ प्राप्त करने के लिए अपने पदीय अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए
यूपी सरकार के साथ छल किया है और माननीय उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय
समेत अनेकों कानूनी व प्रशासनिक तथ्यों को छुपाकर कूटरचना द्वारा मिथ्या
दस्तावेज बनाकर जारी करने का अपराध करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित की
है l यह कूटरचित दस्तावेज उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1 का कार्यालय
ज्ञाप संख्या 3783/26-1-2014-119(70)/02 लखनऊ दिनांक 04 दिसम्बर 2014 है
lइस कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से विभाग की संस्था राजकीय गोविन्द बल्लभ
पन्त पॉलिटेक्निक मोहान रोड लखनऊ के कार्मिक पवन कुमार मिश्रा को उच्च
न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 110/एसबी/2004 के आदेश दिनांक
24-02-06, सर्वोच्च न्यायालय की याचिका संख्या SLP(C ) No. 7096/2008 के
आदेश दिनांक 01-02-2008, उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या
1735/एसबी/2010 के आदेश दिनांक 24-11-10,विभाग की सेवा नियमावली और
विनियमितीकरण नियमावली के आदेशों और उपबन्धों के प्रतिकूल जाकर द्वितीय
श्रेणी के राजपत्रित पद पर विनियमितीकरण का लाभ प्रदान करके विपक्षीगणों
द्वारा राज्य सरकार को आर्थिक क्षति कारित की गयी है l यह अपराध
न्यायालयों के उपरोक्त तीनों आदेशों द्वारा दिए गए इस कानूनी आदेश के बाद
किया गया है कि तदर्थ रूप से नियुक्त न होने के कारण पवन कुमार मिश्रा का
विनियमितीकरण किया ही नहीं जा सकता है l मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करने
के इस अपराध को कारित करने में इस प्रशासनिक तथ्य को भी छुपाया गया है कि
पवन कुमार मिश्रा कर्मशाला अधीक्षक पद के लिए विभाग की सेवा नियमावली में
विहित आवश्यक अर्हता 3 वर्ष का अनुभव धारित ही नहीं करता है और उ० प्र० (
लोक सेवा आयोग के क्षेत्रान्तर्गत पदों पर ) तदर्थ नियुक्तियों का
विनियमितीकरण नियमावली 1979 एवं संशोधित नियमावली 2001 के नियम 4(1)(दो)
के अनुसार 3 वर्ष का अनुभव धारित न करने के कारण पवन कुमार मिश्रा को इस
पद पर विनियमित किया ही नहीं जा सकता है l इस प्रकार विपक्षीगणों ने
न्यायालय के आदेश को अपने आदेश को पलटने का अपराध भी कारित किया है l
गौरतलब है कि पवन कुमार मिश्रा लखनऊ की अवध इंडस्ट्रीज का मात्र 2 वर्ष 7
माह 22 दिन का अनुभव ही धारित करता है जो पद के लिए आवश्यक अनुभव 3 वर्ष
से कम है lयही नहीं विपक्षीगण उपरोक्त द्वारा इस जघन्य अपराध को कारित
करने में उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 400/एसबी/2013 के
आदेश दिनांक 02-04-13 के अनुपालन में उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1
द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप संख्या 1280/26-1-2013-119(72)/2006 लखनऊ
दिनांक 02 जुलाई 2013 के तथ्यों को भी छुपाया गया हैl"


समाजसेविका उर्वशी ने इस मामले में समाज कल्याण के पूर्व प्रमुख सचिव
संजीव दुबे (आईएएस) को नियमानुसार कार्य करने बाला बताते हुए उनकी तारीफ
भी की है l


उर्वशी ने हजरतगंज थाना प्रभारी से मांग की है कि वे उच्चतम न्यायालय
द्वारा ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश सरकार { W.P.(Crl) No;68/2008 }
के सम्बन्ध में पारित आदेश के अनुपालन में CrPC की धारा 154 में विहित
व्यवस्थानुसार उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील
कुमार (आई० ए० एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश
सचिवालय के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के
प्रयोजन से तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी
करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने के इस संज्ञेय अपराध की प्रथम
सूचना रिपोर्ट सुसंगत धाराओं में दर्ज कर विपक्षियों के विरुद्ध विधिक
कार्यवाही करें l
उर्वशी ने अपनी तहरीर के अभिकथन के समर्थन में 12 प्रमाण भी संलग्न करके
थाना प्रभारी को दिए हैं l उर्वशी ने कहा कि वे इस मामले में भ्रष्टों को
बेनकाब कर जेल पंहुचा कर ही दम लेंगी l


नोट : इस पत्र के 12 संलग्नक हमारे ब्लॉग पर उपलब्ध हैं जिसका वेबलिंक
http://upcpri.blogspot.in/2015/08/l_23.html है l आप इन संलग्नकों को
इस वेबलिंक से डाउनलोड कर सकते हैं l

भवदीया

उर्वशी शर्मा
सचिव - येश्वर्याज सेवा संस्थान
102,नारायण टावर, ऍफ़ ब्लाक ईदगाह के सामने,राजाजीपुरम,लखनऊ- 226017
मोबाइल :9369613513 ई-मेल rtimahilamanchup@gmail.com

यूपी के प्रमुख सचिव सुनील कुमार (आई० ए० एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश सचिवालय के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन से तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने के अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर विधिक कार्यवाही करने की समाजसेविका उर्वशी शर्मा की मांग

सेवा में,
थाना प्रभारी - थाना हजरतगंज
जनपद लखनऊ , उत्तर प्रदेश - 226001

विषय : उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार (आई०
ए० एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश सचिवालय के अन्य
कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन से
तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करके सरकार
को आर्थिक क्षति कारित करने के अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट सुसंगत
धाराओं में दर्ज कर विधिक कार्यवाही करने के सम्बन्ध में
महोदय,
अवगत कराना है कि विपक्षीगण उपरोक्त ने भ्रष्टाचार में लिप्त होकर
व्यक्तिगत अभिलाभ प्राप्त करने के लिए अपने पदीय अधिकारों का दुरुपयोग
करते हुए यूपी सरकार के साथ छल किया है और माननीय उच्च न्यायालय, उच्चतम
न्यायालय समेत अनेकों कानूनी व प्रशासनिक तथ्यों को छुपाकर कूटरचना
द्वारा मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करने का अपराध करके सरकार को आर्थिक
क्षति कारित की है l यह कूटरचित दस्तावेज उत्तर प्रदेश समाज कल्याण
अनुभाग-1 का कार्यालय ज्ञाप संख्या 3783/26-1-2014-119(70)/02 लखनऊ
दिनांक 04 दिसम्बर 2014 है जिस की छायाप्रति संलग्नक 1 संलग्न है l

इस कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से विभाग की संस्था राजकीय गोविन्द बल्लभ
पन्त पॉलिटेक्निक मोहान रोड लखनऊ के कार्मिक पवन कुमार मिश्रा को उच्च
न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 110/एसबी/2004 के आदेश दिनांक
24-02-06 ( 2 पेज छायाप्रति संलग्नक 2 संलग्न ), सर्वोच्च न्यायालय की
याचिका संख्या SLP(C ) No. 7096/2008 के आदेश दिनांक 01-02-2008 (
छायाप्रति संलग्नक 3 संलग्न ) , उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका
संख्या 1735/एसबी/2010 के आदेश दिनांक 24-11-10 ( छायाप्रति संलग्नक 4
संलग्न ),विभाग की सेवा नियमावली ( 2 पेज छायाप्रति संलग्नक 5 संलग्न )
और विनियमितीकरण नियमावली ( 2 पेज छायाप्रति संलग्नक 6 संलग्न ) के
उपबन्धों के प्रतिकूल जाकर द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित पद पर
विनियमितीकरण करके विपक्षीगणों द्वारा राज्य सरकार को आर्थिक क्षति कारित
की गयी है l यह अपराध न्यायालयों के उपरोक्त तीनों आदेशों द्वारा दिए गए
इस कानूनी आदेश के बाद किया गया है कि तदर्थ रूप से नियुक्त न होने के
कारण पवन कुमार मिश्रा का विनियमितीकरण किया ही नहीं जा सकता है l मिथ्या
दस्तावेज बनाकर जारी करने के इस अपराध को कारित करने में इस प्रशासनिक
तथ्य को भी छुपाया गया है कि पवन कुमार मिश्रा कर्मशाला अधीक्षक पद के
लिए विभाग की सेवा नियमावली में विहित आवश्यक अर्हता 3 वर्ष का अनुभव
धारित ही नहीं करता है और उ० प्र० ( लोक सेवा आयोग के क्षेत्रान्तर्गत
पदों पर ) तदर्थ नियुक्तियों का विनियमितीकरण नियमावली 1979 एवं संशोधित
नियमावली 2001 के नियम 4(1)(दो) के अनुसार 3 वर्ष का अनुभव धारित न करने
के कारण पवन कुमार मिश्रा को इस पद पर विनियमित किया ही नहीं जा सकता है
l इस प्रकार विपक्षीगणों ने न्यायालय के आदेश को अपने आदेश को पलटने का
अपराध भी कारित किया है l पवन कुमार मिश्रा लखनऊ की अवध इंडस्ट्रीज का
मात्र 2 वर्ष 7 माह 22 दिन का अनुभव ही धारित करता है जो 3 वर्ष से कम है
l

यही नहीं विपक्षीगण उपरोक्त द्वारा इस जघन्य अपराध को कारित करने में
उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 400/एसबी/2013 के आदेश
दिनांक 02-04-13 के अनुपालन में उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1
द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप संख्या 1280/26-1-2013-119(72)/2006 लखनऊ
दिनांक 02 जुलाई 2013 ( 3 पेज छायाप्रति संलग्नक 7 संलग्न ) के तथ्यों को
भी छुपाया गया हैl इस आदेश द्वारा समाज कल्याण के तत्कालीन प्रमुख सचिव
संजीव दुबे ने आदेश जारी कर कहा था कि पवन कुमार मिश्रा के विनियमितीकरण
पर विचार किया जाना संभव नहीं था और पवन द्वारा विनियमितीकरण के सम्बन्ध
में दिया गया प्रत्यावेदन निरस्त कर दिया था l

आपसे अनुरोध है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा ललिता कुमारी बनाम उत्तर
प्रदेश सरकार { W.P.(Crl) No;68/2008 } के सम्बन्ध में पारित आदेश के
अनुपालन में CrPC की धारा 154 में विहित व्यवस्थानुसार उत्तर प्रदेश समाज
कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार (आई० ए० एस०), उप सचिव राज
कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश सचिवालय के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का
दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन से तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना
कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने
के इस संज्ञेय अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट सुसंगत धाराओं में दर्ज कर
विपक्षियों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की जाए l
संलग्नक : उपरोक्तानुसार 7 संलग्नकों के 12 पेजों की छायाप्रतियां

दिनांक : 23-08-15

प्रतिलिपि ईमेल के माध्यम से निम्नलिखित को उनके स्तर से आवश्यक
कार्यवाही हेतु संलग्नकों सहित प्रेषित :
1- महामहिम श्री राज्यपाल -उत्तर प्रदेश
लखनऊ - उत्तर प्रदेश "hgovup" <hgovup@nic.in>, "hgovup" <hgovup@up.nic.in>,
2- मुख्य मंत्री -उत्तर प्रदेश
लखनऊ - उत्तर प्रदेश "cmup" <cmup@nic.in>, "cmup" <cmup@up.nic.in>,
3- मुख्य सचिव-उत्तर प्रदेश
लखनऊ - उत्तर प्रदेश "csup" <csup@up.nic.in>,
4- पुलिस महानिदेशक - उत्तर प्रदेश "dgp" <dgp@up.nic.in>, "uppcc"
<uppcc@up.nic.in>, "uppcc-up"
<uppcc-up@nic.in>,
5- जिलाधिकारी - जनपद लखनऊ
उत्तर प्रदेश, भारत,पिन कोड -226001
ई. मेल "dmluc@up.nic.in" <dmluc@up.nic.in>, "dmluc" <dmluc@nic.in>,
6- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक - जनपद लखनऊ
उत्तर प्रदेश, भारत,पिन कोड -226001
ssplkw-up@nic.in

भवदीया


( उर्वशी शर्मा )
102,नारायण टावर, ऍफ़ ब्लाक ईदगाह के सामने
राजाजीपुरम,लखनऊ- 226017
मोबाइल :9369613513 ई-मेल rtimahilamanchup@gmail.com