Saturday 31 October, 2015

लोकायुक्त शिकायत पर यूपी के प्रमुख सचिव समाज कल्याण ने रद्द किये 2 आदेश : समाजसेविका की शिकायत पर कर्मशाला अधीक्षक के विनियमितीकरण और औधोगिक एवं प्राविधिक संस्थाओं संस्थाओं के सचिव पद पर नियुक्ति के अपने 2 आदेश किये रद्द l

लोकायुक्त शिकायत पर यूपी के प्रमुख सचिव समाज कल्याण ने रद्द किये 2
आदेश : समाजसेविका की शिकायत पर कर्मशाला अधीक्षक के विनियमितीकरण और
औधोगिक एवं प्राविधिक संस्थाओं संस्थाओं के सचिव पद पर नियुक्ति के अपने
2 आदेश किये रद्द l

लखनऊ / 31 अक्टूबर 2015 /..... यूपी लोकायुक्त के समक्ष लखनऊ की
समाजसेविका एवं येश्वर्याज सेवा संस्थान की सचिव उर्वशी शर्मा द्वारा
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (समाज कल्याण) सुनील कुमार के विरुद्ध की
गयी शिकायत को सही पाया गया है l उर्वशी की शिकायत पर लोकायुक्त द्वारा
दिए गए निर्देशों पर कार्यवाही करते हुए समाज कल्याण विभाग ने लखनऊ के
मोहान रोड स्थित राजकीय गोविन्द बल्लभ पन्त पॉलिटेक्निक के राजपत्रित पद
कर्मशाला अधीक्षक पर पवन कुमार मिश्रा के नियम विरुद्ध किये गए
विनियमितीकरण तथा नियम विरुद्ध रीति से 265 औधोगिक एवं प्राविधिक
संस्थाओं का सचिव नियुक्ति किये जाने के दोनों आदेशों को रद्द करने की
सूचना लोकायुक्त को दे दी है l

दरअसल शिकायतकर्ता उर्वशी ने बीते 4 सितम्बर को यूपी के लोकायुक्त के
कार्यालय में एक शिकायत दायर कर सुनील कुमार पर एक लोकसेवक के रूप में
अपने कृत्यों का निर्वहन करने में व्यक्तिगत हित अथवा अनुचित या भ्रष्ट
उद्देश्य से प्रेरित होने के आरोप लगाए थे । उर्वशी ने लोकायुक्त से
सुनील कुमार के अलावा उत्तर प्रदेश शासन के तत्कालीन उपसचिव समाज कल्याण
राज कुमार त्रिवेदी, एक दूसरे उपसचिव समाज कल्याण आर० डी० कल्याण,
तत्कालीन विशेष सचिव अनुश्रवण प्रकोष्ठ न्याय विभाग, उत्तर प्रदेश समाज
कल्याण निदेशक के साथ-साथ राजकीय गोविंद बल्लभ पंत पॉलीटेक्निक लखनऊ के
प्रधानाचार्य को समन करके जांच करने का अनुरोध किया था l

सुनील कुमार पर पहला आरोप था कि उन्होंने सचिवालय के अन्य कार्मिकों के
साथ मिल अपने पदीय अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए प्रदेश सरकार के साथ छल
किया। उन्होंने उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय के आदेशों समेत कई कानूनी
व प्रशासनिक आदेशों व तथ्यों को छुपाकर कूटरचना द्वारा एक मिथ्या
दस्तावेज बनाकर एक अपात्र व्यक्ति को द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित पद पर
विनियमित कर उसे नियमित नियुक्ति प्रदान कर दी थी । दूसरे आरोप के तहत
उर्वशी ने कहा था कि प्रमुख सचिव ने समाज कल्याण विभाग में अवैध रूप से
कार्यरत कार्मिकों को नियम प्रतिकूल प्रश्रय दे रखा है और यह भी कि उनके
द्वारा विभाग में सप्रमाण शिकायतें करने के बाबजूद विभाग द्वारा इन अवैध
नियुक्तियों को समाप्त करने के लिए कोई कार्यवाही नहीं की जा रही थी ।
उर्वशी ने यह भी आरोप लगाया था कि सुनील कुमार ने विभाग के अनुसूचित
जाति के छात्रों के मेस घोटाले के आरोपियों से दुराभिसंधि स्थापित करके
उनको खुला संरक्षण दे रखा था और इसी बजह से शासन द्वारा इन घोटालेबाजों
के भ्रष्टाचार की जांच नहीं कराई जा रही थी । तीसरे आरोप के तहत उर्वशी
का कहना था कि प्रमुख सचिव ने एक जालसाज व्यक्ति को विभाग की 265 औधोगिक
एवं प्राविधिक संस्थाओं का सचिव नियुक्त करने के लिए 4 अगस्त, 2015 को
समानता के संवैधानिक सिद्धांत को खूंटी पर टांग दिया और इस जालसाज को लाभ
पंहुचाने के लिए निहायत ही शातिराना ढंग से एक 5 सदस्यीय परीक्षा बोर्ड
का गठन किया।



उर्वशी की इस शिकायत पर प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार ने बीते 23
सितम्बर को लोकायुक्त को जबाब भेज गलती मान ली थी और इसका ठीकरा समाज
कल्याण विभाग के विशेष सचिव केदारनाथ ,समाज कल्याण अनुभाग-1 के अनुभाग
अधिकारी और समीक्षा अधिकारी के सर फोड़ दिया था और त्रुटि सुधार के लिए
पत्रावली न्याय विभाग को संदर्भित करने की बात कही थी l बीते 23 सितम्बर
को लोकायुक्त कार्यालय के उप सचिव अरविन्द कुमार सिंघल ने उर्वशी को
सुनील कुमार का जबाब भेजते हुए उर्वशी को अपना प्रत्युत्तर देने के लिए
कहा था l बकौल उर्वशी उन्होंने बीते 5 अक्टूबर को अपना प्रत्युत्तर
लोकायुक्त को सौंप दिया था l



उर्वशी ने बताया कि लोकायुक्त कार्यालय द्वारा अब उनको सूचित किया गया है
कि न्याय विभाग की राय लेने के बाद समाज कल्याण विभाग ने बीते 24 अक्टूबर
को लखनऊ के मोहान रोड स्थित राजकीय गोविन्द बल्लभ पन्त पॉलिटेक्निक के
कर्मशाला अधीक्षक पवन कुमार मिश्रा के नियम विरुद्ध किये गए
विनियमितीकरण आदेश को भी रद्द कर दिया है l समाज कल्याण की 265 संस्थाओं
के बोर्ड गठन के आदेश के सम्बन्ध में उर्वशी की शिकायत सही पायी गयी थे
और सुनील कुमार ने बोर्ड गठन के त्रुटिपूर्ण आदेश को बीते 16 सितम्बर को
ही स्थगित कर दिया था l







उर्वशी ने बताया कि उन्होंने लोकायुक्त से भेंट करके सुनील कुमार द्वारा
की गयी कार्यवाही को अपूर्ण बताते हुए अनुरोध किया है कि समाज कल्याण
विभाग द्वारा इन मुद्दों पर गलती मान लिए जाने के मद्देनज़र अब पवन कुमार
मिश्रा और अश्विनी कुमार की अवैध नियुक्तियों को समाप्त कराने,
पालीटेक्निक मेस घोटाले की मास्टरमाइंड प्रवक्ता अंगरेजी श्रद्धा
सक्सेना को तत्काल निलंबित करके श्रद्धा को दण्डित कराने और इन सभी
प्रकरणों के दोषी लोकसेवकों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की अनुशंषा की
जाए l






--
-Sincerely Yours,

Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
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that i should delete your name from my mailing list.

Thursday 29 October, 2015

National Shame-names : 889 IPR defaulter IPS.

National Shame-names : 889 IPR defaulter IPS.

List of IPS Officers who are yet to submit the IPRs for Year 2014

Find names here
http://tahririndia.blogspot.in/2015/10/national-shame-names-889-ipr-defaulter.html

UP's names of shame : 127 IPR defaulter IPS officers.

UP's names of shame : 127 IPR defaulter IPS officers.

List of IPS Officers who are yet to submit the IPRs for Year 2014 as on 28/10/15


Find names here
http://tahririndia.blogspot.in/2015/10/ups-names-of-shame-127-ipr-defaulter.html

Big shame - Names of 349 IPR defaulter IAS officers.

Big shame - Names of 349 IPR defaulter IAS officers.

List of serving IAS Officers who are yet to submit the Immovable
Property Returns

These 349 IAS officers were required to file IPR for the year 2014 by
31.01.2015.

The State Governments were to upload these by 28.02.2015)

(For the year 2014, as on 28 October 2015)

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http://tahririndia.blogspot.in/2015/10/big-shame-names-of-349-ipr-defaulter.html

UPs shame-names : 37 IPR defaulter IAS officers.

UPs shame-names : 37 IPR defaulter IAS officers.

List of serving IAS Officers who are yet to submit the Immovable
Property Returns

(The officers were required to file IPR for the year 2014 by
31.01.2015. The State Government was required to upload these by
28.02.2015)

(For the year 2014, as on 28 October 2015)

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खुद कटघरे में हैं सरकारों को कठघरे में खड़े करने बाले डॉ. सूर्य प्रताप सिंह !

खुद कटघरे में हैं सरकारों को कठघरे में खड़े करने बाले डॉ. सूर्य प्रताप सिंह !

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Monday 26 October, 2015

जिलाधिकारी लखनऊ के लिखित आश्वासन पर बहराइच के पीड़ित परिवार का धरना स्थगित : पीड़ित परिवार को 5000 /- देकर बहराइच विदा किया लखनऊ के डीएम राजशेखर ने l

लखनऊ / 26 /10/15 ... उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के महसी ब्लॉक के
हरदीगौरा गांव के सामजिक कार्यकर्ता और आरटीआई एक्टिविस्ट स्व० गुरु
प्रसाद शुक्ला का परिवार बीते 12 अक्टूबर से न्याय की आस लेकर लखनऊ में
जी.पी.ओ. के पास महात्मा गांधी पार्क में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठा था
। इस पीड़ित परिवार ने मांगें नहीं माने जाने पर आज से क्रमिक अनशन करने
की घोषणा की थी l इस बाबत सामाजिक संगठन येश्वर्याज की पहल पर लखनऊ के
जिलाधिकारी ने धरने पर बैठे बहराइच के पीड़ित परिवार को आज प्रातः 9 बजे
वार्ता के लिए बुलावा भेजा था बढ़ते जनदवाव के बीच तेजी से बदलते
घटनाक्रम में जिलाधिकारी ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम से एक दिन पूर्व
बीते कल रविवार को ही पीड़ित परिवार से वार्ता कर लिखित आश्वासन दे दिया
है जिसके बाद धरनारत परिवार ने अपना धरना 3 माह के लिए स्थगित कर दिया
है l


गौरतलब है कि पीड़ित परिवार के धरने का समर्थन कर रहे लखनऊ स्थित सामाजिक
संगठनों में से एक येश्वर्याज सेवा संस्थान ने बीते 19 अक्टूबर को अपने
संगठन की ओर से लखनऊ के जिलाधिकारी को एक पत्र भेजकर पीड़ित परिवार और
समाजसेवियों के 5 सदस्यीय सम्मिलित प्रतिनिधिमंडल को इस प्रकरण पर वार्ता
हेतु समय प्रदान करने का अनुरोध किया था l इस सम्बन्ध में सामाजिक
कार्यकर्ता संजय शर्मा,तनवीर अहमद सिद्दीकी और राम स्वरुप यादव ने
जिलाधिकारी से भेंट करके उनको प्रकरण के तथ्यों से अवगत कराते हुए उनको
उर्वशी का पत्र सौंपा था l


धरने के समन्वयक तनवीर अहमद सिद्दीकी ने बताया कि जिलाधिकारी लखनऊ के
कार्यालय ने सामाजिक कार्यकत्री उर्वशी शर्मा के पत्र का संज्ञान लेकर
पीड़ित परिवार और सामाजिक संगठन के 5 सदस्यीय सम्मिलित प्रतिनिधिमंडल से
इस प्रकरण पर वार्ता करने के लिए आज प्रातः 9 बजे का समय देते हुए अपने
आवास पर मिलने का न्योता भेजा था किन्तु बढ़ते जनदवाव के बीच जिलाधिकारी
ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम से एक दिन पूर्व बीते कल रविवार को ही
पीड़ित परिवार से वार्ता कर लिखित आश्वासन दिया है जिसके बाद धरनारत
परिवार ने अपना धरना 3 माह के लिए स्थगित कर दिया है l जिलाधिकारी
राजशेखर ने पीड़ित परिवार के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए परिवार
को 5000 /- की आर्थिक मदद देते हुए उन्हें हरदी थानाध्यक्ष शुभ सूचित के
साथ सुरक्षा में सरकारी वाहन से बहराइच भिजवाने की व्यवस्था भी की l


लखनऊ के जिलाधिकारी से मिलने गए 7 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में स्व० गुरु
प्रसाद शुक्ला की पत्नी बृजरानी , पुत्र संजय कुमार , सामाजिक कार्यकत्री
उर्वशी शर्मा, कार्यक्रम समन्वयक तनवीर अहमद सिद्दीकी, अधिवक्ता रुवेद
कमाल किदवई, अधिवक्ता अब्दुल्ला सिद्दीकी और पत्रकार अशफ़ाक़ खान सम्मिलित
थे l उर्वशी ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवार की 10 मांगों
को लेकर जिलाधिकारी राजशेखर से वार्ता की है l
पीड़ित परिवार की 10 मांगे :
"1- सामाजिक कार्यकर्ता स्व० गुरु प्रसाद भूमिहीन मजदूर और हमारे परिवार
के एकमात्र कमाऊ सदस्य थे l उनकी मृत्यु के बाद जान-माल के खतरे की बजह
से हम परिवारीजनों को गाँव में रातों में जागकर पहरा देना पड़ता है और
इसीलिये हम लोग दिन में कोई नियमित रोज़गार नहीं कर पा रहे है और इस कारण
उनका परिवार धीरे-धीरे भुखमरी के कगार पर आ गया है अतः हम परिवारीजनों को
25 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए, 1 लोहिया आवास दिया जाए और परिवार के 1
सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए l
2- हम सभी परिवारीजनों और हत्याकांड के सभी गवाहों को सुरक्षा प्रदान की जाए।
3- स्व० गुरुप्रसाद की हत्या की एफ. आई. आर. में हम परिवार वालों को
पीटे जाने की धाराएं जोड़ी जाएँ l
4- स्व० गुरुप्रसाद की हत्या की एफ. आई. आर. के आरोपियों पर रासुका की
धाराएं जोड़ी जाएँ l
5- स्व० गुरुप्रसाद के द्वरा उजागर की गयी वित्तीय अनियमित्ताओ और हत्या
के प्रकरण की सीबीआई/सीबीसीआईडी जांच कराई जाए l
6- स्व० गुरु प्रसाद द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में दायर सभी
आरटीआई अपीलों की सूचनाओं को सूचना आयोग की वेबसाइट पर सार्वजनिक किया
जाए l
7- स्व० गुरु प्रसाद द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में दायर सभी
आरटीआई अपीलों पर उत्तर प्रदेश सूचना आयोग के आयुक्तों द्वारा सूचना
दिलाने में देरी के मामलों की जांच कराकर दोषी सूचना आयुक्तों को दण्डित
किया जाए l
8- स्व० गुरु प्रसाद द्वारा की गयी शिकायतों का निपटारा समयबद्ध रूप से
किया जाए l
9- केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा स्व० गुरु प्रसाद द्वारा
की गयी शिकायतों के निपटारे में देरी करने के मामलों की जांच कराकर दोषी
अधिकारियों को दण्डित किया जाए l
10- हमारे ब्लाक महसी में विगत 2 वर्षों में कराये गए विकास कार्यों की
जांच कराई जाए l "

Saturday 24 October, 2015

Request for help & support to the demonstrating family of slain UP RTI activist Guru Prasad Shukla.

Request for help & support to the demonstrating family of slain UP
RTI activist Guru Prasad Shukla.

Dear friends,
When right to information activist Guru Prasad Shukla ( District
Bahraich – Uttar Pradesh ) was beaten to death, he became the 39th
person to lay down his life for exercising the transparency law in its
first decade of RTI. Another 275 people have reportedly been assaulted
or harassed for invoking the law to raise uncomfortable questions
before those in power.The 48-year-old Shukla had sought information
about development work in his village and was killed by village head
Triloki Nath Dubey and his relatives in broad daylight. Most other
victims, too, suffered for exposing small scams in the countryside by
using the law that came into force in October 2005.

Its noteworthy to mention here that Late Guru Prasad was a landless
labour and was the sole earning member of his family.

From 12th October 2015, the family of slain RTI activist Guru Prasad
Shukla is staging a continuous sit-in at Mahatma Gandhi Park,Near
G.P.O. Hazratganj, Lucknow,Uttar Pradesh,India.

The family's main demands include a compensation package involving 25
Lakhs cash, a government job, a house and safety; security to the
family; suo-moto disclosure of all pending RTIs of Late Guru
Prasad;time bound action on all pending complaints of Late Guru
Prasad, addition of applicable sections of IPC in FIR and imposition
of N.S.A. on all those who killed Prasad.

13 days have elapsed but so far but the demands of agitating family
have not been addressed by the govt. of UP. Now we need support of the
nation in this matter.

So, I am hereby making this call to you all to extend support (
Financial help/legal help/ Physical presence at demonstration site/
writing letters to CM or Governor of UP ) to the agitating family of
slain RTI activist Guru Prasad Shukla.

Your every effort shall be of great help in strengthening the
transparency movement in India.

Lucknow/24-10-2015(Saturday)
Regards,
Urvashi Sharma
Mob. 9369613513


--
-Sincerely Yours,

Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
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Sunday 18 October, 2015

Extend support to family of slain RTI activist Guru Prasad Shukla : Urvashi Sharma

YAISHWARYAJ's Call for extending support to the peaceful demonstration
by agitating family of slain RTI activist Guru Prasad Shukla

Dear friends,
When right to information activist Guru Prasad Shukla ( District
Bahraich – Uttar Pradesh ) was beaten to death, he became the 39th
person to lay down his life for exercising the transparency law in its
first decade of RTI. Another 275 people have reportedly been assaulted
or harassed for invoking the law to raise uncomfortable questions
before those in power.The 48-year-old Shukla had sought information
about development work in his village and was killed by village head
Triloki Nath Dubey and his relatives in broad daylight. Most other
victims, too, suffered for exposing small scams in the countryside by
using the law that came into force in October 2005.

Its noteworthy to mention here that Late Guru Prasad was a landless
labour and was the sole earning member of his family.

From 12th October 2015, the family of slain RTI activist Guru Prasad
Shukla is holding an indefinite peaceful sit-in at Mahatma Gandhi
Park,Near G.P.O. Hazratganj, Lucknow,Uttar Pradesh,India.

The family's demands include a compensation package involving 25 Lakhs
cash, a government job, a house and safety; security to the family;
suo-moto disclosure of all pending RTIs of Late Guru Prasad;time bound
action on all pending complaints of Late Guru Prasad and imposition of
N.S.A. on all those who killed Prasad.

7 days have elapsed but so far, the voice of this family has not
reached to the govt. of UP but district administration is bent upon to
displace the family from the demonstration site. District
administration and local police is threatening the family now n then
to bind-up their demonstration.

Yesterday, ACM (Lucknow) Vinod Kumar visited Gandhi park Lucknow and
threatened agitating family of slain RTI activist Guru Prasad of dire
consequences if they continue their indefinite peaceful demonstration.
Now we need support of the nation in this matter of fundamental right
of peaceful demonstration.

We are trying our level best so that the family's demonstration is not
discontinued without addressing their demands but we do have certain
limitations and now we need help of whole RTI fraternity of India.

So, I am hereby making this call to you all to extend support (
Financial help/legal help/ Physical presence at demonstration site/
writing letters to CM or Governor of UP ) to the agitating family of
slain RTI activist Guru Prasad Shukla. You should call/SMS D.M.
Lucknow at 9415005000 and register your protest against this
undemocratic approach of Lucknow district administration.

Your every effort shall be of great help in strengthening the
transparency movement in India.

Lucknow/18-10-2015(Sunday)
Regards,
Urvashi Sharma
Mob. 9369613513

Call for extending support to the agitating family of slain RTI activist Guru Prasad Shukla

Dear friends,
When right to information activist Guru Prasad Shukla ( District
Bahraich – Uttar Pradesh ) was beaten to death, he became the 39th
person to lay down his life for exercising the transparency law in its
first decade of RTI. Another 275 people have reportedly been assaulted
or harassed for invoking the law to raise uncomfortable questions
before those in power.The 48-year-old Shukla had sought information
about development work in his village and was killed by village head
Triloki Nath Dubey and his relatives in broad daylight. Most other
victims, too, suffered for exposing small scams in the countryside by
using the law that came into force in October 2005.

Its noteworthy to mention here that Late Guru Prasad was a landless
labour and was the sole earning member of his family.

From 12th October 2015, the family of slain RTI activist Guru Prasad
Shukla is agitating at Mahatma Gandhi Park,Near G.P.O. Hazratganj,
Lucknow,Uttar Pradesh,India.

The family's demands include a compensation package involving 25 Lakhs
cash, a government job, a house and safety; security to the family;
suo-moto disclosure of all pending RTIs of Late Guru Prasad;time bound
action on all pending complaints of Late Guru Prasad and imposition of
N.S.A. on all those who killed Prasad.

7 days have elapsed but so far, the voice of agitating family has not
reached to the govt. of UP but district administration is bent upon to
displace the family from the demonstration site. District
administration and local police is threatening the family now n then
to bind-up their demonstration.

Yesterday, ACM (Lucknow) Vinod Kumar visited Gandhi park Lucknow and
threatened agitating family of slain RTI activist Guru Prasad of dire
consequences if they continue their indefinite demonstration. Now we
need support of the nation in this matter of fundamental right of
peaceful demonstration.

We are trying our level best so that the family's demonstration is not
discontinued without addressing their demands but we do have certain
limitations and now we need help of whole RTI fraternity of India.

So, I am hereby making this call to you all to extend support (
Financial help/legal help/ Physical presence at demonstration site/
writing letters to CM or Governor of UP ) to the agitating family of
slain RTI activist Guru Prasad Shukla. You should call/SMS D.M.
Lucknow at 9415005000 and register your protest against this
undemocratic approach of Lucknow district administration.

Your every effort shall be of great help in strengthening the
transparency movement in India.

Lucknow/17-10-2015(Sunday)
Regards,
Urvashi Sharma
Mob. 9369613513


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Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
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Monday 12 October, 2015

आज दोपहर 12 बजे से लखनऊ में जीपीओ के पास स्थित महात्मा गाँधी पार्क परिसर में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ हक मांगेगा बहराइच के मृत आरटीआई कार्यकर्ता गुरु प्रसाद का परिवार l

लखनऊ/12 अक्टूबर 2015/

प्रिय मित्र,

बहराइच निवासी और 'आरटीआई रत्न 2015' से सम्मानित गुरु प्रसाद की निर्मम
हत्या के बाद उनका परिवार न्याय के लिए दर दर भटकने के बाद भी न्याय न
मिलने से निराश होकर अब सूबे की राजधानी आकर अपने हक के लिए आज से आवाज
बुलंद करेगा l



अब मृतक गुरु प्रसाद का परिवार बहराइच से लखनऊ आकर आज 12 अक्टूबर से
जीपीओ के पास स्थित महात्मा गाँधी पार्क परिसर में अपनी मांगों के पूरा
होने तक अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेगा और अपने हक की आवाज बुलंद करेगा l
गुरु प्रसाद के परिवार के इस धरने को लखनऊ स्थित सामाजिक संगठन
येश्वर्याज सेवा संस्थान समेत अनेकों संगठनों ने समर्थन देने की घोषणा की
है l

गौरतलब है कि बीते जून माह में यूपी के बहराइच जिले के हरदीगौरा ग्राम के
प्रधान और उसके साथियों द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता गुरु प्रसाद की
पीट-पीट कर निर्मम हत्या कर दी गयी थी l

पीड़ित परिवार ने बीते अगस्त माह में 25 लाख का मुआवजा,लोहिया आवास,परिवार
के एक सदस्य को सरकारी नौकरी,परिवार की सुरक्षा आदि की अपनी मांगों को
लेकर जिलाधिकारी बहराइच के कार्यालय परिसर में धरना दिया था l तब लखनऊ के
समाजसेवियों की उपस्थिति में बहराइच के जिलाधिकारी द्वारा मांगे पूरी
कराने के आश्वासन के बाद इस धरने को उस समय स्थगित कर दिया गया था किन्तु
जिलाधिकारी के आश्वासन के बाद भी अभी तक पीड़ित परिवार की कोई भी मांग
पूरी नहीं हुई है l



गुरु प्रसाद के परिवार को न्याय दिलाने के लिए फेसबुक पर Justice for
slain RTI activist Guru Prasad नाम से एक ग्रुप भी बनाया गया है जो
https://web.facebook.com/groups/justiceforguruprasad/ वेबलिंक पर है l
इस ग्रुप का ई-मेल पता justiceforguruprasad@groups.facebook.com है l

आपसे अनुरोध है कि कार्यक्रम को कवर कर मृतक गुरु प्रसाद के परिवार को
न्याय दिलाने में हमें सहयोग प्रदान करें l


--
-Sincerely Yours,

Urvashi Sharma
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Saturday 10 October, 2015

प्रेस रिलीज़ : लखनऊ में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ हक मांगेगा बहराइच के मृत आरटीआई कार्यकर्ता गुरु प्रसाद का परिवार l

लखनऊ/10 अक्टूबर 2015/ बहराइच निवासी और 'आरटीआई रत्न 2015' से सम्मानित
गुरु प्रसाद की निर्मम हत्या के बाद उनके परिवार ने न्याय के लिए दर दर
भटकने के बाद भी न्याय न मिलने से निराश होकर अब सूबे की राजधानी आकर
अपने हक के लिए आवाज बुलंद करने का फैसला किया है l



अब मृतक गुरु प्रसाद का परिवार बहराइच से लखनऊ आकर आने बाले 12 अक्टूबर
से जीपीओ के पास स्थित महात्मा गाँधी पार्क परिसर में अपनी मांगों के
पूरा होने तक अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेगा और अपने हक की आवाज बुलंद
करेगा l गुरु प्रसाद के परिवार के इस धरने को लखनऊ स्थित सामाजिक संगठन
येश्वर्याज सेवा संस्थान समेत अनेकों संगठनों ने समर्थन देने की घोषणा की
है l



येश्वर्याज सेवा संस्थान की सचिव और सामाजिक कार्यकत्री उर्वशी शर्मा ने
बताया कि आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या की घटनाओं ने पूरे देश को
उद्देलित कर दिया है और अब यह मुद्दा राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है l
उर्वशी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ही नहीं अपितु दिल्ली समेत अनेकों
राज्यों के सामाजिक संगठनों और समाजसेवियों ने गुरु प्रसाद के परिवार को
पूर्ण न्याय दिलाने की इस मुहिम को अपना समर्थन देने की बात कही है l




गौरतलब है कि बीते जून माह में यूपी के बहराइच जिले के हरदीगौरा ग्राम के
प्रधान और उसके साथियों द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता गुरु प्रसाद की
पीट-पीट कर निर्मम हत्या कर दी गयी थी l इससे कुछ माह पहले ही बीते 18
अप्रैल को येश्वर्याज सेवा संस्थान द्वारा लखनऊ में आयोजित राष्ट्रीय
आरटीआई सेमीनार में गुरुप्रसाद को उनके सामाजिक योगदानों के लिए 'विष्णु
दत्त मिश्रा मेमोरियल आरटीआई रत्न सम्मान 2015' से सम्मानित किया गया था
l इस कार्यक्रम में आये गुरुप्रसाद ने उत्तर प्रदेश के राज्य सूचना आयोग
को आरटीआई कार्यकर्ताओं के जीवन के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया था l गुरु
प्रसाद का कहना था कि सूचना आयुक्तों द्वारा लोकसेवकों से दुरभि संधि
स्थापित कर सूचना दिलाने में जानबूझकर देरी की जाती है जिसके कारण
प्रभावित लोकसेवकों को आरटीआई कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने का पर्याप्त
समय मिल जाता है l आरटीआई सम्मान समारोह में गुरुप्रसाद ने बताया था कि
एक ग्राम प्रधान की अनियमितता उजागर कर उसको जेल भिजवा देने और अन्य
अनियमितताएं उजागर करने की बजह से उनको किडनैप कर मारा-पीटा गया था
किन्तु आयोग के समक्ष ये सभी तथ्य रखने पर भी आयोग की कार्यप्रणाली जस
की तस थी और उनके जीवन को खतरा बढ़ता जा रहा था l



उर्वशी ने बताया कि पीड़ित परिवार ने बीते अगस्त माह में 25 लाख का
मुआवजा,लोहिया आवास,परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी,परिवार की
सुरक्षा,मृतक की सभी आरटीआई सूचनाओं को सूचना आयोग की वेबसाइट पर
सार्वजनिक करने, मृतक की लंबित शिकायतों का निपटारा समयबद्ध रूप से
करने,उत्तर प्रदेश सूचना आयोग के आयुक्तों द्वारा सूचना दिलाने में देरी
के मामले की जांच कराने,केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा मृतक
की शिकायतों के मामलों के निपटारे में देरी करने के मामले की जांच कराने
और एफआईआर में नामित अभियुक्तों पर रासुका लगाने की अपनी मांगों को लेकर
जिलाधिकारी बहराइच के कार्यालय परिसर में धरना दिया था l समाजसेवी संजय
शर्मा,तनवीर अहमद सिद्दीकी,हरपाल सिंह,राम स्वरुप यादव,होमेंद्र और
अब्दुल्ला सिद्दीकी आदि समाजसेवियों की उपस्थिति में बहराइच के
जिलाधिकारी द्वारा मांगे पूरी कराने के आश्वासन के बाद इस धरने को उस समय
स्थगित कर दिया गया था किन्तु जिलाधिकारी के आश्वासन के बाद भी अभी तक
पीड़ित परिवार की कोई भी मांग पूरी नहीं हुई है l



उर्वशी ने कहा कि महज पांचवी पास और भूमिहीन मजदूर होने पर भी व्यापक
लोकहित में सामाजिक कार्य करने बाले गुरु प्रसाद की हत्या आजाद भारत के
लोकतंत्र-रक्षक की हत्या है और ऐसी हत्याओं से देश में सहभागी लोकतंत्र
की स्थापना की मुहिम को जबरदस्त झटका लगता है l उर्वशी ने कहा कि वे
पीड़ित परिवार के पुनर्वास और सुरक्षा के प्रति अत्यधिक चिंतित है और
क्योंकि सूबे की संवेदनहीन सरकार द्वारा पीड़ित परिवार की मांगे नहीं
मानी गयीं हैं और इस कारण पीड़ित परिवार असुरक्षा के साथ साथ गंभीर आर्थिक
समस्याओं से भी ग्रसित हो गया है अतः उनका संगठन पीड़ित परिवार द्वारा
लखनऊ में किये जा रहे अनिश्चितकालीन धरना - प्रदर्शन को अपना समर्थन तो
प्रदान कर ही रहा है साथ ही देश भर के सामाजिक संगठनों और समाजसेवियों को
इस मुहिम से जोड़ने के लिए भी प्रयत्न कर रहा है ।



उर्वशी ने बताया कि अब तक शिव राम पियारा देवी मेमोरियल समाज सेवा
संस्थान,सूचना का अधिकार कार्यकर्ता वेलफेयर एसोसिएशन,आम आदमी विकास
पार्टी,भागीदारी क्रांति दल, अखिल भारतीय अनुसूचित जाति एवं जनजाति
कर्मचारी कल्याण संघ,जन जर्नलिस्ट एसोसियेशन,अखिल भारतीय युवा पत्रकार
संघ,आवाम वेलफेयर सोसाइटी समेत अनेकों सामाजिक संगठनों और सामाजिक
कार्यकर्ताओं ने दिवंगत गुरु प्रसाद के परिवार के इस धरने को अपना समर्थन
देने की घोषणा की है l


उर्वशी ने बताया कि इस अनिश्चितकालीन धरने के दौरान सामाजिक संगठनों की
ओर से सामाजिक कार्यकर्ता तनवीर अहमद सिद्दीकी को समन्वयक,सामाजिक
कार्यकर्ता संजय आजाद को सह-समन्वयक और सामाजिक कार्यकर्ता होमेंद्र
कुमार मिश्रा को मीडिया प्रभारी बनाया गया है l उर्वशी ने बताया कि इस
धरने के लिए मोबाइल संपर्क नंबर
9335011869,9335223692,9335062010,9721170532 और 8736099807 जारी किये गए
हैं l कार्यक्रम की अद्यतन जानकारी के लिए इन संपर्क नंबरों पर संपर्क
किया जा सकता है l गुरु प्रसाद के परिवार को न्याय दिलाने के लिए फेसबुक
पर Justice for slain RTI activist Guru Prasad नाम से एक ग्रुप भी बनाया
गया है l उर्वशी ने लोगों से वेबलिंक
https://web.facebook.com/groups/872347239545425/?ref=bookmarks ,
https://web.facebook.com/groups/justiceforguruprasad/ पर इस ग्रुप से
जुड़ने की अपील भी की है l इस ग्रुप का ई-मेल पता
justiceforguruprasad@groups.facebook.com है l

लखनऊ में आरटीआई रत्न की हत्या के खिलाफ धरना 12 अक्टूबर से

http://kharinews.in/2014-09-29-14-59-49/57345-2015-10-10-02-50-01-10nat1

लखनऊ में आरटीआई रत्न की हत्या के खिलाफ धरना 12 अक्टूबर से
राष्ट्रीय
Saturday, 10 October 2015 08:20
TAG:

राष्ट्रीय
समाज
अधिकार

लखनऊ, 10 अक्टूबर (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश में बहराइच निवासी और
'आरटीआई रत्न 2015' से सम्मानित गुरु प्रसाद की निर्मम हत्या के बाद उनके
परिवार ने न्याय के लिए दर-दर भटकने के बाद भी न्याय न मिलने से निराश
होकर अब प्रदेश की राजधानी आकर अपने हक के लिए आवाज बुलंद करने का फैसला
किया है।

गुरु प्रसाद का परिवार बहराइच से लखनऊ आकर 12 अक्टूबर से जीपीओ के पास
स्थित महात्मा गांधी पार्क परिसर में अपनी मांगों के पूरा होने तक
अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेगा और अपने हक की आवाज बुलंद करेगा। गुरु
प्रसाद के परिवार के इस धरने को लखनऊ स्थित सामाजिक संगठन येश्वर्याज
सेवा संस्थान समेत अनेक संगठनों ने समर्थन देने की घोषणा की है।

संस्थान की सचिव और सामाजिक कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा ने बताया कि आरटीआई
कार्यकर्ताओं की हत्या की घटनाओं ने पूरे देश को उद्देलित कर दिया है और
अब यह मुद्दा राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है। उर्वशी ने कहा कि उत्तर प्रदेश
ही नहीं, बल्कि दिल्ली समेत कई राज्यों के सामाजिक संगठनों और
समाजसेवियों ने गुरु प्रसाद के परिवार को पूर्ण न्याय दिलाने की इस मुहिम
को अपना समर्थन देने की बात कही है।

उल्लेखनीय है कि जून माह में बहराइच जिले के हरदीगौरा ग्राम के प्रधान और
उसके साथियों द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता गुरु प्रसाद की पीट-पीट कर निर्मम
हत्या कर दी गई थी। इससे कुछ माह पहले ही बीते 18 अप्रैल को लखनऊ में
आयोजित राष्ट्रीय आरटीआई सेमिनार में गुरु प्रसाद को उनके सामाजिक
योगदानों के लिए 'विष्णु दत्त मिश्रा मेमोरियल आरटीआई रत्न सम्मान 2015'
से सम्मानित किया गया था। इस कार्यक्रम में आये गुरुप्रसाद ने उत्तर
प्रदेश के राज्य सूचना आयोग को आरटीआई कार्यकर्ताओं के जीवन के लिए सबसे
बड़ा खतरा बताया था।

गुरु प्रसाद का कहना था कि सूचना आयुक्तों द्वारा लोकसेवकों से दुरभि
संधि स्थापित कर सूचना दिलाने में जानबूझकर देरी की जाती है। इस कारण
प्रभावित लोकसेवकों को आरटीआई कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने का
पर्याप्त समय मिल जाता है।

आरटीआई सम्मान समारोह में गुरुप्रसाद ने बताया था कि एक ग्राम प्रधान की
अनियमितता उजागर कर उसको जेल भिजवा देने और अन्य अनियमितताएं उजागर करने
की वजह से उनका अपहरण कर मारा-पीटा गया था, लेकिन आयोग के समक्ष ये सभी
तथ्य रखने पर भी आयोग की कार्यप्रणाली जस की तस थी और उनके जीवन को खतरा
बढ़ता जा रहा था।

उर्वशी ने बताया कि कई सामाजिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ता 12 अक्टूबर
से होने वाले इस धरने को अपना समर्थन देंगे।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

सुनील कुमार ने विशेष सचिव,अनुभाग अधिकारी और समीक्षा अधिकारी को बताया दोषी

http://dialogueindia.in/magazine/%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%AF/%E0%A4%B8%E0%A5%81%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%B2-%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A5%87%E0%A4%B7-%E0%A4%B8%E0%A4%9A%E0%A4%BF%E0%A4%B5-%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%97-%E0%A4%85%E0%A4%A7%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%80%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%BE-%E0%A4%85%E0%A4%A7%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A5%8B-%E0%A4%AC%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%A6%E0%A5%8B%E0%A4%B7%E0%A5%80-3728

सुनील कुमार ने विशेष सचिव,अनुभाग अधिकारी और समीक्षा अधिकारी को बताया दोषी

Posted On 07 October 2015, By Dialogue India

लखनऊ : यूपी के लोकायुक्त के सम्मुख सामाजिक कार्यकत्री और आरटीआई
एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा द्वारा प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार के
भ्रष्टाचार की शिकायत पर आइएएस अधिकारी सुनील कुमार ने लोकायुक्त को जबाब
भेज दिया है l उर्वशी की इस शिकायत पर प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील
कुमार ने गलती मान ली है और इसका ठीकरा समाज कल्याण विभाग के विशेष सचिव
केदारनाथ ,समाज कल्याण अनुभाग-1 के अनुभाग अधिकारी और समीक्षा अधिकारी के
सर फोड़ दिया है l सुनील कुमार ने त्रुटि सुधार के लिए पत्रावली न्याय
विभाग को संदर्भित करने की बात भी कही है l

बताते चलें कि यूपी की चर्चित सोशल एक्टिविस्ट उर्वशी ने बीते 04 सितम्बर
को यूपी के लोकायुक्त के समक्ष एक शिकायत प्रस्तुत करके प्रमुख सचिव
समाज कल्याण सुनील कुमार पर पद का दुरुपयोग करके भ्रष्टाचार करने का
आरोप लगाया था l लोकायुक्त ने बीते 08 सितम्बर को उर्वशी की इस शिकायत को
सुनील कुमार को भेजते हुए सुनील कुमार का जबाब माँगा था l बीते 17
सितम्बर को सुनील कुमार ने लोकायुक्त को जबाब भेज दिया है l बीते 23
सितम्बर को लोकायुक्त कार्यालय के उप सचिव अरविन्द कुमार सिंघल ने उर्वशी
को सुनील कुमार का जबाब भेजते हुए उर्वशी को अपना प्रत्युत्तर देने के
लिए कहा है l

उर्वशी ने बताया कि सुनील कुमार ने स्वीकार किया है कि उन्होंने मोहान
रोड स्थित राजकीय गोविन्द बल्लभ पन्त पॉलिटेक्निक के कार्मिक पवन मिश्रा
का विनियमितिकरण न्यायालयों के आदेशों के विरुद्ध कर दिया है और इस गलती
के लिए समाज कल्याण अनुभाग-1 के अनुभाग अधिकारी और समीक्षा अधिकारी को
चेतावनी निर्गत करते हुए अनुभाग अधिकारी का स्थानांतरण कर दिया है और
गलती के सुधार के लिए पत्रावली को न्याय विभाग को संदर्भित भी कर दिया है
l

उर्वशी ने बताया कि पवन कुमार मिश्रा ने अवध इंडस्ट्रीज लखनऊ का दो साल
सात महीने का अनुभव प्रमाण पत्र लगाया था, जो फर्जी पाया गया है और मामला
न्यायालय में विचाराधीन है। पवन कुमार मिश्र को नियमित किए जाने पर
उर्वशी ने सारे तथ्यों के साथ इसकी शिकायत मुख्य सचिव से की थी। इस
संबंध में प्रमुख सचिव ने जवाब दिया है कि मुख्य सचिव ने शिकायत उन्हें
भेजी थी और उन्होंने मार्क कर उसे विशेष सचिव केदारनाथ को भेज दिया था,
लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने इस मुद्दे पर 16 सितंबर को
विशेष सचिव केदारनाथ से लिखित स्पष्टीकरण भी मांगा है।

समाज कल्याण की 265 संस्थाओं के बोर्ड गठन के आदेश के सम्बन्ध में भी
उर्वशी की शिकायत सही पायी गयी है और सुनील कुमार ने बोर्ड गठन के
त्रुटिपूर्ण आदेश को भी फिलहाल स्थगित कर दिया है l

उर्वशी ने बताया कि प्रमुख सचिव द्वारा इन मुद्दों पर विभाग की गलती मान
लिए जाने के मद्देनज़र अब वे लोकायुक्त को जबाब भेजकर पवन कुमार मिश्रा और
अश्विनी कुमार की अवैध नियुक्तियों को समाप्त करते हुए पालीटेक्निक मेस
घोटाले की मास्टरमाइंड प्रवक्ता अंगरेजी श्रद्धा सक्सेना को तत्काल
निलंबित करके श्रद्धा को दण्डित कराने की मांग करेंगी l





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October 2015
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October 2015

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Friday 9 October, 2015

YAISHWARYAJ demands compliance of DOPT circular on Format for giving information to the applicants under RTI Act - issue of guidelines regarding in Uttar Pradesh.

YAISHWARYAJ demands compliance of DOPT circular on Format for giving
information to the applicants under RTI Act - issue of guidelines
regarding in Uttar Pradesh.
http://upcpri.blogspot.in/2015/10/yaishwaryaj-demands-compliance-of-dopt.html
To,
1- Sri Javed Usmani
State Chief Information Commissioner
Uttar Pradesh State Information Commission, Lucknow,Uttar Pradesh
upsiclucknow@gmail.com , sec.sic@up.nic.in , scic.up@up.nic.in ,
2- Sri Alok Ranjan
Chief Secretary-Government of Uttar Pradesh
Lucknow "csup" <csup@up.nic.in>, "csup" <csup@nic.in>,

Sub. : Request to issue necessary orders to all Public Information
Officers and First Appellate Authorities of Uttar Pradesh to
henceforth comply circular No. 10/1/2013-IR dated 06.10.2015 of
Department of Personnel & Training (DoPT) .

Sir,

This refers to circular No. 10/1/2013-IR dated 06.10.2015 of
Department of Personnel & Training .

Vide its circular No. 10/1/2013-IR dated 06.10.2015, DOPT has issued a
Performa wherein public-authorities are required to include several
necessary aspects like including date/reference-number of RTI
petition, date of receipt of RTI petition apart from name, e-mail ID,
landline-number and address of responding officer and next appellate
authority in RTI responses and appeal-orders. Public authorities are
also directed to disclose reason for declining information quoting
relevant section/s of RTI Act.

I am requesting you to issue necessary orders to all Public
Information Officers and First Appellate Authorities of Uttar Pradesh
immediately with directions to henceforth comply circular No.
10/1/2013-IR dated 06.10.2015 of Department of Personnel & Training
(DoPT) as this move will benefit RTI petitioners where till now many
public-authorities did not provide such details.

Regards,

Date : 09-10-2015

Copy for necessary action to :
1- Sri Ram Naik, Governor of UP "hgovup" <hgovup@nic.in>, "hgovup"
<hgovup@up.nic.in>, "hgovup" <hgovup@gov.in>,
2- Sri Akhilesh Yadav, CM of UP "cmup" <cmup@nic.in>, "cmup" <cmup@up.nic.in>,


Sincerely Yours,

Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838


http://upcpri.blogspot.in/

Monday 5 October, 2015

लोकायुक्त शिकायत पर गलती मान प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार ने विशेष सचिव,अनुभाग अधिकारी और समीक्षा अधिकारी को बताया दोषी : त्रुटि सुधार के लिए पत्रावली न्याय विभाग को संदर्भित

लखनऊ : यूपी के लोकायुक्त के सम्मुख सामाजिक कार्यकत्री और आरटीआई
एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा द्वारा प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार के
भ्रष्टाचार की शिकायत पर आइएएस अधिकारी सुनील कुमार ने लोकायुक्त को जबाब
भेज दिया है l उर्वशी की इस शिकायत पर प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील
कुमार ने गलती मान ली है और इसका ठीकरा समाज कल्याण विभाग के विशेष सचिव
केदारनाथ ,समाज कल्याण अनुभाग-1 के अनुभाग अधिकारी और समीक्षा अधिकारी के
सर फोड़ दिया है l सुनील कुमार ने त्रुटि सुधार के लिए पत्रावली न्याय
विभाग को संदर्भित करने की बात भी कही है l


बताते चलें कि यूपी की चर्चित सोशल एक्टिविस्ट उर्वशी ने बीते 04 सितम्बर
को यूपी के लोकायुक्त के समक्ष एक शिकायत प्रस्तुत करके प्रमुख सचिव
समाज कल्याण सुनील कुमार पर पद का दुरुपयोग करके भ्रष्टाचार करने का
आरोप लगाया था l लोकायुक्त ने बीते 08 सितम्बर को उर्वशी की इस शिकायत को
सुनील कुमार को भेजते हुए सुनील कुमार का जबाब माँगा था l बीते 17
सितम्बर को सुनील कुमार ने लोकायुक्त को जबाब भेज दिया है l बीते 23
सितम्बर को लोकायुक्त कार्यालय के उप सचिव अरविन्द कुमार सिंघल ने उर्वशी
को सुनील कुमार का जबाब भेजते हुए उर्वशी को अपना प्रत्युत्तर देने के
लिए कहा है l


उर्वशी ने बताया कि सुनील कुमार ने स्वीकार किया है कि उन्होंने मोहान
रोड स्थित राजकीय गोविन्द बल्लभ पन्त पॉलिटेक्निक के कार्मिक पवन मिश्रा
का विनियमितिकरण न्यायालयों के आदेशों के विरुद्ध कर दिया है और इस गलती
के लिए समाज कल्याण अनुभाग-1 के अनुभाग अधिकारी और समीक्षा अधिकारी को
चेतावनी निर्गत करते हुए अनुभाग अधिकारी का स्थानांतरण कर दिया है और
गलती के सुधार के लिए पत्रावली को न्याय विभाग को संदर्भित भी कर दिया है
l

उर्वशी ने बताया कि पवन कुमार मिश्रा ने अवध इंडस्ट्रीज लखनऊ का दो साल
सात महीने का अनुभव प्रमाण पत्र लगाया था, जो फर्जी पाया गया है और मामला
न्यायालय में विचाराधीन है। पवन कुमार मिश्र को नियमित किए जाने पर
उर्वशी ने सारे तथ्यों के साथ इसकी शिकायत मुख्य सचिव से की थी। इस
संबंध में प्रमुख सचिव ने जवाब दिया है कि मुख्य सचिव ने शिकायत उन्हें
भेजी थी और उन्होंने मार्क कर उसे विशेष सचिव केदारनाथ को भेज दिया था,
लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने इस मुद्दे पर 16 सितंबर को
विशेष सचिव केदारनाथ से लिखित स्पष्टीकरण भी मांगा है।


समाज कल्याण की 265 संस्थाओं के बोर्ड गठन के आदेश के सम्बन्ध में भी
उर्वशी की शिकायत सही पायी गयी है और सुनील कुमार ने बोर्ड गठन के
त्रुटिपूर्ण आदेश को भी फिलहाल स्थगित कर दिया है l


उर्वशी ने बताया कि प्रमुख सचिव द्वारा इन मुद्दों पर विभाग की गलती मान
लिए जाने के मद्देनज़र अब वे लोकायुक्त को जबाब भेजकर पवन कुमार मिश्रा और
अश्विनी कुमार की अवैध नियुक्तियों को समाप्त करते हुए पालीटेक्निक मेस
घोटाले की मास्टरमाइंड प्रवक्ता अंगरेजी श्रद्धा सक्सेना को तत्काल
निलंबित करके श्रद्धा को दण्डित कराने की मांग करेंगी l