Monday 23 May, 2016

उपनिदेशक समाज कल्याण आर. के. सोनकर द्वारा नैतिक अधमता में लिप्त होकर राजकीय गोविन्द बल्लभ पन्त पॉलीटेक्निक मोहान रोड लखनऊ की महिला प्रवक्ता श्रद्धा सक्सेना/मुआंर/शुक्ला से व्यक्तिगत सम्बन्ध बनाकर/घूस खाकर मेस घोटाले के वित्तीय अभिलेखों की अनदेखी कर जांच में श्रद्धा को क्लीन-चिट देने के मामले की जांच वित्तीय मामलों की विशेषज्ञ जांच एजेंसी से कराकर दोषियों को दण्डित कराने और संलग्न साक्ष्यों के आलोक में आर. के. सोनकर के विरुद्ध विभागीय एवं कानूनी कार्यवाही कराये जाने के सम्बन्ध में l



सेवा में,                                                                                                                                                                  स्पीड पोस्ट
महामहिम राज्यपाल, उत्तर प्रदेश 
लखनऊ,उत्तर प्रदेश,पिन कोड  226001  

विषय : उपनिदेशक समाज कल्याण आर. के. सोनकर द्वारा नैतिक अधमता में लिप्त होकर राजकीय गोविन्द बल्लभ पन्त पॉलीटेक्निक मोहान रोड लखनऊ की महिला प्रवक्ता श्रद्धा सक्सेना/मुआंर/शुक्ला से व्यक्तिगत सम्बन्ध बनाकर/घूस खाकर मेस घोटाले के वित्तीय अभिलेखों की अनदेखी कर जांच में श्रद्धा को क्लीन-चिट देने के मामले की जांच वित्तीय मामलों की विशेषज्ञ जांच एजेंसी से कराकर दोषियों को दण्डित कराने और संलग्न साक्ष्यों के आलोक में आर. के. सोनकर के विरुद्ध विभागीय एवं कानूनी कार्यवाही कराये जाने के सम्बन्ध में l

महोदय,
कृपया आर. के. सोनकर उपरोक्त के पत्र संख्या 1462/स.क./शिका.जॉ.पत्रा./2013-14 दिनांक 20 सितम्बर 2013 ( 3 पेज छायाप्रति संलग्न ) के सन्दर्भ से अवगत कराना है कि मेरी शिकायत श्रद्धा द्वारा अन्य कार्मिक दीप चंद के साथ एक राय होकर संस्था के अभिलेखों में कूट रचना करके  व्यक्तिगत लाभ अर्जित करने के लिए छात्रों के मेस के पैसों को विधि-विरुद्द रीति से बाजार में व्याज पर उठाने के आर्थिक अपराध के सम्बन्ध में थी l

यहाँ आर.के.सोनकर की जांच आख्या के निम्नलिखित बिंदु अवलोकनीय हैं :
1-       पृष्ठ 2 पैरा 1 में उल्लिखित है कि मेस खाता संख्या 114510031712 का सञ्चालन श्रद्धा सक्सेना और दीप चंद द्वारा संयुक्त रूप से किया गया l
2-       पृष्ठ 2 पैरा 2 में उल्लिखित है कि छात्रों से प्राप्त धनराशि से अधिक का व्यय किया गया l
3-       पृष्ठ 2 पैरा 2 में उल्लिखित है कि छात्रों से प्राप्त धनराशि का एक हिस्सा बैंक में जमा ही नहीं किया गया l
4-       पृष्ठ 2 पैरा 3 में उल्लिखित है कि छात्रों को नकद धनराशि वितरण के नाम पर अनियमितता की गयी l
5-       पृष्ठ 2 पैरा 4 में उल्लिखित है कि मेस अकाउंट के वित्तीय लेनदेनों में अनियमितता की गयी l
6-       पृष्ठ 3 पैरा 1 में उल्लिखित है कि बारी कैटेरर्स को भुगतान करने में अनियमितता की गयी l
7-       पृष्ठ 3 पैरा 2 में उल्लिखित है कि मेस खाते का सञ्चालन श्रद्धा सक्सेना और दीप चंद द्वारा संयुक्त रूप से किया गया l
8-       पृष्ठ 3 पैरा 3 व 5 में उल्लिखित है कि प्रधानाचार्य के.के. श्रीवास्तव ने उनको अभिलेख उपलब्ध नहीं कराये l

उपरोक्त 8 बिन्दुओं से स्पस्ट है कि मेस घोटाले में श्रद्धा सक्सेना के भ्रष्ट आचरण के पर्याप्त सबूत होते हुए भी आर.के.सोनकर ने उसे जांच आख्या के पृष्ठ 3 के पैरा 6 में क्लीन चिट दे दी l श्रद्धा को यह क्लीन चिट देने में इस सामान्य वित्तीय सिद्धांत की भी अनदेखी की गयी कि किसी भी बैंक खाते का संचालक ही उस खाते से सम्बंधित सभी वित्तीय लेनदेनों के लिए उत्तरदायी होता है l

आर.के सोनकर विभाग का उपनिदेशक है और ऐसा तो माना ही नहीं जा सकता कि उसे सामान्य वित्तीय नियमों की समझ नहीं तक है और उसमें वह प्रशासकीय क्षमता तक नहीं है कि वह प्रधानाचार्य के.के.श्रीवास्तव से मेस घोटाले से सम्बंधित सभी अभिलेख ले पाता l इससे स्पष्ट है कि उपनिदेशक समाज कल्याण आर. के. सोनकर द्वारा राजकीय गोविन्द बल्लभ पन्त पॉलीटेक्निक मोहान रोड लखनऊ की महिला प्रवक्ता श्रद्धा सक्सेना/मुआंर/शुक्ला से व्यक्तिगत सम्बन्ध बनाकर/घूस खाकर मेस घोटाले की इस जांच में श्रद्धा को विधि-विरुद्ध रीति से क्लीन-चिट दी गयी है lसोनकर ने इस सम्बन्ध में श्रद्धा से कोई भी पूंछतांछ नहीं की है l

इस सम्बन्ध में प्रधानाचार्य का पत्र संख्या 249/स.क./पाली./जांच पत्रा./2015-16 दिनांक 27/06/2015 ( 2 पेज छायाप्रति संलग्न ) अवलोकनीय है जिसके पृष्ठ संख्या 2 पर स्पष्टतया अभिलिखित है कि श्रद्धा और दीपचन्द के द्वारा मेस खाते के चेक संयुक्त रूप से हस्ताक्षरित किये जाते थे l

मेस घोटालेबाजों ने 2011 सत्रारंभ से 19-08-11 तक  छात्रों से मात्र 623555/- रुपये प्राप्त किये किन्तु बैंक में 638550/- रुपये जमा किये जो छात्रों से प्राप्त धनराशि से 14995 रुपये अधिक है l यह स्वयंसिद्ध वित्तीय अनियमितता है l  इसी प्रकार दिनांक 20-08-11 से 23-09-11 के मध्य छात्रों से प्राप्त धनराशि के 50000/- रूपए बैंक में जमा नहीं किये गए और बाज़ार में व्याज पर उठाये गए, दिनांक 24-09-11 से 01-10-11 के मध्य छात्रों से प्राप्त धनराशि से 191000/- रुपये अधिक बैंक में जमा किये गए  जो स्वयंसिद्ध वित्तीय अनियमितता है, दिनांक 02-10-11 से 20-10-11 के मध्य छात्रों से प्राप्त धनराशि के 189000/- रूपए बैंक में जमा नहीं किये गए और बाज़ार में व्याज पर उठाये गए, दिनांक 21-10-11 से 03-02-12 के मध्य छात्रों से प्राप्त धनराशि के 57500/- रूपए बैंक में जमा नहीं किये गए और बाज़ार में व्याज पर उठाये गए, दिनांक 04-02-12 से 29-03-12 के मध्य छात्रों से प्राप्त धनराशि से 41000/- रुपये अधिक बैंक में जमा किये गए  जो स्वयंसिद्ध वित्तीय अनियमितता है, दिनांक 18-06-12 से 17-06-12 के मध्य छात्रों से प्राप्त धनराशि के 29400/- रूपए बैंक में जमा नहीं किये गए और बाज़ार में व्याज पर उठाये गए, दिनांक 18-06-12 से 27-07-12 के मध्य छात्रों से कोई धनराशि प्राप्त न होने पर भी 9430/- रुपये बैंक में जमा कर दिए गए  जो स्वयंसिद्ध वित्तीय अनियमितता है, दिनांक 27-07-12 से 30-07-12 के मध्य छात्रों से कोई धनराशि प्राप्त न होने पर भी 20000/- रुपये बैंक में जमा कर दिए गए  जो स्वयंसिद्ध वित्तीय अनियमितता है lयही नहीं, छात्रों से प्राप्त 49475/- रुपये आज तक बैंक में जमा नहीं किये गए हैं और इन घोटालेबाजों की जेब में हैं l  ज्ञातव्य है कि संस्था के सभी छात्र माह अक्टूबर 2011 तक प्रवेशित होकर शुल्क दे चुके थे किन्तु मेस के खाताधारकों द्वारा अभिलेखों में जमकर हेराफेरी की गयी, अकाउंट पेयी चेक के स्थान पर मनमाने व्यक्तियों को बेयरर चेक काटे गए और उपरोक्त विवरणानुसार स्वयं लाभ कमाने के दूषित उद्देश्य से जमकर घोटाला किया गया l

आरटीआई में प्राप्त प्रपत्रों के विश्लेषण से मेरे द्वारा बनाई गई एक्सेल-शीट (1 पेज छायाप्रति संलग्न) से स्पष्ट है कि अगस्त 11 से जुलाई 12 तक की अवधि में मेस से सम्बंधित लेनदेनों में कभी प्राप्ति से अधिक बैंक में जमा किया गया तो कभी प्राप्त धन बैंक में जमा किया ही नहीं गया l मेस संचालक एवं छात्रों को चेक द्वारा दी गयी धनराशि,छात्रों से प्राप्त धनराशि को बैंक में जमा करने का विवरण और मेस सञ्चालन हेतु छात्रों से प्राप्त धनराशि के विवरण के तीन पेजों की छायाप्रति संलग्न है l इन सबसे मेरे द्वारा लगाये गए सभी आरोप स्वतः ही सिद्ध हो रहे हैं पर मेरे द्वारा ये सभी तथ्य आर.के.सोनकर को भेजे जाने के बाद भी आर.के. सोनकर ने व्यक्तिगत निहित स्वार्थवश नैतिक अधमता में लिप्त होकर श्रद्धा से व्यक्तिगत सम्बन्ध बनाकर अथवा घूस लेकर इन तथ्यों को नज़रअंदाज किया है l दोनों ही स्थितियों में आर. के. सोनकर और श्रद्धा जैसे नैतिक रूप से अधम भ्रष्ट लोकसेवकों को सेवा में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है l

गौरतलब है कि श्रद्धा सक्सेना/मुआंर/शुक्ला कार्यालय समय में पुरुष अधिकारियों से छिप-छिपकर मिलकर उनसे व्यक्तिगत सम्बन्ध बनाकर/घूस खिलाकर  इन पुरुष अधिकारियों से विधि-विरुद्ध कार्य कराने में सिद्धहस्त है l इससे पहले भी श्रद्धा ने उत्तर प्रदेश प्राविधिक शिक्षा परिषद् के पूर्व सचिव सुरेन्द्र प्रसाद, पूर्व समाज कल्याण निदेशक मिश्री लाल पासवान, समाज कल्याण के पूर्व प्रमुख सचिव सदाकांत से छिप-छिपकर मिलकर उनसे व्यक्तिगत सम्बन्ध बनाकर/घूस खिलाकर  अपना हित साधने के लिए विधि-विरुद्ध कार्य कराये हैं lमुझे तो लगता है कि श्रद्धा वर्तमान प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार से भी या तो व्यक्तिगत सम्बन्ध बना चुकी है या उसको घूस खिला रही है और इसीलिये लोकायुक्त से शिकायत के बाद भी सुनील ने बेशर्मी की चादर ओढ़ ली है और इस महिला से सम्बंधित वित्तीय अनियमितता की जांच को सुनील ने ही ठन्डे बस्ते में डलवा रखा है l 

अतः उक्त के द्रष्टिगत आपसे अनुरोध है कि उपनिदेशक समाज कल्याण आर. के. सोनकर द्वारा नैतिक अधमता में लिप्त होकर राजकीय गोविन्द बल्लभ पन्त पॉलीटेक्निक मोहान रोड लखनऊ की महिला प्रवक्ता श्रद्धा सक्सेना/मुआंर/शुक्ला से व्यक्तिगत सम्बन्ध बनाकर/घूस खाकर मेस घोटाले के वित्तीय अभिलेखों की अनदेखी कर जांच में श्रद्धा को क्लीन-चिट देने के मामले की जांच वित्तीय मामलों की विशेषज्ञ जांच एजेंसी से कराकर दोषियों को दण्डित करायें और संलग्न साक्ष्यों के आलोक में आर. के. सोनकर के विरुद्ध विभागीय एवं कानूनी कार्यवाही भी करायें l कृपया कृत कार्यवाही से मुझे अवगत भी करायें l  

दिनांक  : 23/05/2016

संलग्नक : उपरोक्तानुसार ( 09 पेज )

भवदीया

 
उर्वशी शर्मा
सामाजिक कार्यकत्री एवं आरo टीo आईo एक्टिविस्ट
F-2286,
राजाजीपुरम,लखनऊ, उत्तर प्रदेश, पिन कोड - 226017
मोबाइल : 9369613513 ई-मेल rtimahilamanchup@gmail.com

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