Saturday 22 October, 2016

मुंबई के साथी को श्रद्धांजली देकर उर्वशी शर्मा के नेतृत्व में देश भर के RTI कार्यकर्ताओं की सुरक्षा की मांग बुलंद करेंगे UP के RTI कार्यकर्ता.


 
 
लखनऊ/22 अक्टूबर 2016 Written by Socio Political News Desk
भू-माफियाओं के खिलाफ काफी लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे  मुंबई के सांताक्रूज निवासी 72 वर्षीय आरटीआई कार्यकर्ता भूपेंद्र वीरा की हत्या की गूँज महाराष्ट्र से यूपी तक पंहुंच गयी है और अपने साथी की हत्या से दुखी और उद्देलित यूपी के आरटीआई कार्यकर्ताओं ने यूपी की चर्चित आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा के नेतृत्व में लामबंद हो आगामी 28 अक्टूबर को सूबे की राजधानी लखनऊ के हृदयस्थल हजरतगंज के जीपीओ के निकट स्थित महात्मा गांधी पार्क में इकठ्ठा होकर मृत आरटीआई कार्यकर्त्ता की आत्मा की शांति के लिए 2 घंटे की श्रद्धांजली सभा का आयोजन करने और श्रद्धांजली सभा के बाद देश के राष्ट्रपति,प्रधान मंत्री और उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को संयुक्त रूप से हस्ताक्षरित ज्ञापन भेजकर देश में आरटीआई कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए प्रभावी तंत्र विकसित करने की मांग उठाने का ऐलान कर दिया है.
 
 
लखनऊ निवासी समाजसेविका उर्वशी ने बताया कि आरटीआई एक्ट में आरटीआई प्रयोगकर्ताओं की सुरक्षा की कोई स्पष्ट परिभाषित व्यवस्था न होने और सूचना आयुक्तों द्वारा आरटीआई प्रयोगकर्ताओं की सुरक्षा के प्रति उदासीन रवैया अपनाने के कारण भ्रष्टाचार से सम्बंधित सूचनाएं मागने वाले आरटीआई कार्यकर्त्ता अत्यधिक असुरक्षित होते जा रहे हैं और यही कारण है कि आरटीआई कार्यकर्ताओं पर हमलों और उनके उत्पीडन की घटनाओं में उत्तरोत्तर वृद्धि होती जा रही है.
 
 
उर्वशी ने बयाता कि मुंबई के साथी भूपेंद्र वीरा की हत्या के बाद उनकी आत्मा की शांति के लिए सूबे के आरटीआई कार्यकर्ता आगामी 28 अक्टूबर को लखनऊ हजरतगंज जीपीओ के निकट स्थित महात्मा गांधी पार्क में इकठ्ठा होकर दोपहर 12 बजे से 2 बजे अपराह्न तक मौन बैठकर  श्रद्धांजली देंगे और इसके बाद देश के राष्ट्रपति,प्रधान मंत्री और उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को ज्ञापन भेजकर साल 2014 में अधिनियमित होने के बाबजूद कार्यान्वयन के लिए प्रतीक्षारत 'व्हिसिलब्लोअर प्रोटेक्शन एक्ट 2011' को तत्काल कार्यान्वित करते हुए आरटीआई कार्यकर्ताओं को व्हिसिलब्लोअर की श्रेणी में रखने और देश में आरटीआई कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए प्रभावी तंत्र विकसित करने की मांग उठाएंगे. 
 
 
बकौल उर्वशी आरटीआई कार्यकर्ताओं पर ये हमले सूचना मांगने के प्रति डर का माहौल कायम करने के लिए किये जा रहे है. उर्वशी ने आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या को भारतीय लोकतंत्र की हत्या बताते हुए कहा कि अब स्थितियां ऐसी बनती जा रहीं है जिनमें धन और बल की ताकत चुनावी राजनीति के बाद सार्वजनिक जीवन पर भी कब्ज़ा करती जा रही है. बकौल उर्वशी यह जंग भ्रष्ट तंत्र और सचेतक नागरिकों के बीच है और वे अपने साथियों के साथ निरंतर संघर्षरत रहकर  यह सुनिश्चित करेंगी कि अंतिम जीत लोकचेतना की ही हो.
 
 
उर्वशी ने बताया कि उन्होंने अपने इस कार्यक्रम की सूचना लिखित रूप में लखनऊ प्रशासन को दे दी है.

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