Monday 20 February, 2017

लखनऊ : समाचार पत्र कूटचक्र के सम्पादक महेंद्र अग्रवाल और चार्टर्ड अकाउंटेंट आलोक श्रीवास्तव पर जालसाजी का मुकद्दमा l


समाजसेविका उर्वशी शर्मा द्वारा जरिये अधिवक्ता त्रिभुवन कुमार गुप्ता CRPC की धारा 156 (3) में दर्ज कराये आपराधिक परिवाद को स्वीकार कर CJM लखनऊ ने थाना हजरतगंज से आख्या तलब कर  27 फरवरी को नियत की अगली सुनवाई l  


लखनऊ / 20-02-17  
भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक के कार्यालय की वेबसाइट के अनुसार देश में हिंदी भाषा के समाचार पत्र-पत्रिकाओं के अनेकों टाइटल पंजीकृत हैं l जहाँ एक तरफ सामाजिक सरोकारों से अपना जुड़ाव रखने वाले सुधी पत्रकार इनमें से अधिकाँश समाचार पत्र-पत्रिकाओं को देश की जनता की आवाज बनाकर लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ कहलाने के अपने नाम को सार्थक करने की पुरजोर कोशिश में शिद्दत से लगे हुए हैं और पत्रकारिता के क्षेत्र में शुचिता बनाए रखने के लिए जबरदस्त जद्दोजहत कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ पत्रकारिता के क्षेत्र में भी कुछ ‘भेंड़ की खाल में छुपे भेड़ियों’ ने फर्जी  समाचार पत्र-पत्रिकाओं के नाम पर सरकारी और प्राइवेट विज्ञापन लेने और पत्रकारिता की आड़ में ब्लैकमैलिंग करने जैसे अनेकों  गोरखधन्धे और गैरकानूनी काम फैलाकर पत्रकारिता के क्षेत्र को भी बदनामी के दलदल में घसीटने का काम शुरू कर दिया है l  अब लखनऊ की समाजसेविका और आरटीआई कार्यकत्री  उर्वशी शर्मा ने एक ऐसे मामले का खुलासा किया है जिसने तथाकथित पत्रकारों द्वारा फर्जी अखबारों को खड़ा करके इन अखबारों के माध्यम से अपराध किये जाने का खुलासा करने के साथ-साथ भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक द्वारा समाचार पत्र-पत्रिकाओं का पंजीकरण करने और भारत सरकार के विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय द्वारा समाचार पत्र-पत्रिकाओं को विज्ञापन आबंटित करने की प्रणाली की ईमानदारी पर प्रश्नचिन्ह लगाकर इन संस्थाओं को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है l

मामला कथित रूप से सोनभद्र से प्रकाशित होने वाले हिंदी साप्ताहिक अखबार कूटचक्र का है जिस के फर्जी होने की बात एक पुलिस जांच से सामने आई है l बताते चलें कि लखनऊ का रहने वाला  महेंद्र अग्रवाल कथित रूप से इस अखबार का पब्लिशर,प्रिंटर,एडिटर और ओनर बताया जाता है l



उर्वशी के अधिवक्ता त्रिभुवन कुमार गुप्ता ने बताया कि आज उन्होंने समाजसेविका उर्वशी शर्मा का CRPC की धारा 156 (3) का मुकद्दमा लखनऊ की  सी.जे.एम. संध्या श्रीवास्तव के न्यायालय में पेश किया जिसे स्वीकार करते हुए CJM ने लखनऊ के थाना हजरतगंज  से आख्या तलब की है और मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी को नियत की है l त्रिभुवन कुमार गुप्ता ने बताया कि उर्वशी द्वारा पेश परिवाद में समाचार पत्र कूटचक्र के सम्पादक महेंद्र अग्रवाल और चार्टर्ड अकाउंटेंट आलोक श्रीवास्तव को भारतीय दंड संहिता ( IPC ) की धारा 420,467,468,469,470,471, 383  का अभियुक्त बनाया गया है l

बकौल उर्वशी जब उनकी जानकारी में आया कि कूटचक्र समाचार पत्र एक पूरी तरह फर्जी और जेबी अखबार है जिसकी मात्र फाइल कॉपी लखनऊ के रहने वाले महेंद्र अग्रवाल द्वारा लखनऊ में ही छाप ली जाती है और महेंद्र अग्रवाल द्वारा कूटरचित प्रपत्र बनाकर सोनभद्र के फर्जी पते पर इस अखबार का पंजीकरण कराया गया है और और चार्टर्ड अकाउंटेंट आलोक श्रीवास्तव को साथ मिलाकर फर्जी प्रिंटिंग प्रेस से इसका बड़ी संख्या में छपना दिखाकर सरकारी विज्ञापन लेकर केंद्र और राज्य सरकार के साथ धोखाधड़ी तो की ही जा रही है साथ ही साथ  लोगों को ब्लैकमेल करने का अपराध  भी किया जा रहा है तो उन्होंने जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा दी l बकौल उर्वशी उनकी शिकायत पर सोनभद्र के पुलिस अधीक्षक ने अनपरा थाने द्वारा जो स्थलीय जांच कराई है उसमें यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि सोनभद्र जिले में न तो कूटचक्र नाम के किसी अखबार का कोई कार्यालय है, न प्रिंटिंग प्रेस है, न इस अखबार की कोई छपाई होती है और स्थानीय मीडिया को भी ऐसे किसी भी समाचारपत्र की कोई जानकारी नहीं है l

त्रिभुवन ने बताया कि उनकी मुवक्किला उर्वशी ने बीते 29 जनवरी को लखनऊ के थाना हजरतगंज  के थानाध्यक्ष को एक तहरीर देकर महेंद्र अग्रवाल और आलोक श्रीवास्तव के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट ( FIR ) दर्ज करने का अनुरोध किया था  और थाना हजरतगंज  के थानाध्यक्ष द्वारा FIR दर्ज न करने पर को लखनऊ की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से भी गुहार लगाईं थी l बकौल त्रिभुवन जब लखनऊ की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजिल सैनी भी अभियुक्तों  के खिलाफ कार्यवाही करने से कन्नी काटती रहीं तो समाजसेविका उर्वशी ने अभियुक्तों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही कराने के लिए अब न्यायालय की शरण  ली है l

त्रिभुवन कुमार गुप्ता ने बताया कि उर्वशी की तरफ से पेश किये गये आज के मुकद्दमे में थाना अनपरा की रिपोर्ट, कूटचक्र के पंजीकरण और इस अखवार द्वारा केंद्र और राज्य सरकार से विज्ञापन लेने के अभिलेखों को  महेंद्र अग्रवाल और आलोक श्रीवास्तव द्वारा कारित किये गये अपराध के साक्ष्य के तौर पर न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत किया गया है l पुलिस जांच में फर्जी निकले इस अखबार का सर्कुलेशन 25500 दिखाकर इस फर्जी अखबार के लिए भारत सरकार के विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय से वित्तीय वर्ष 2015-16 में 3708Rs. के और वित्तीय वर्ष 2016-17 में अब तक 7270Rs. के विज्ञापन के साथ यूपी सरकार से भी हज़ारों के विज्ञापन लेकर सरकारों के साथ वित्तीय धोखाधड़ी की गई है l



उर्वशी का आरोप है कि महेंद्र अग्रवाल ने इस फर्जी अखबार कूटचक्र के नाम पर सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियों, प्रतिष्ठानों आदि को ब्लैकमेल कर अपने इस अखबार के लिए विज्ञापन लेने के नाम पर धनउगाही की है और ब्लैकमेलिंग के पैसों से इस शातिर न केवल लखनऊ के हजरतगंज जैसे पॉश इलाके में आवास बना रखा है अपितु गोमती पार नए लखनऊ की कई कॉलोनियों में फ्लैट भी ले रखे हैं जिनकी जांच आवश्यक थी और इसीलिये वे जालसाजी से फर्जी अखबार निकलकर सरकारी खजाने में सेंधमारी करने के इस आपराधिक मामले को अब न्यायालय ले आईं हैं l 

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