Saturday 15 May, 2010

प्रमुख सचिव भी लेते हैं लाखों का मानदेय - धन ऐंठने वाले अफसरों का खुलासा सूचना के कानून के तहत मांगी गई जानकारी से

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प्रमुख सचिव भी लेते हैं लाखों का मानदेय

प्रमुख सचिव आलोक रंजन को एक लाख 25 हजार
पूर्व कुलपति प्रेमव्रत को डेढ़ लाख
विशेष सचिव आरएन सिंह को 50 हजार

यूपीटीयू प्रवेश परीक्षा में पैसों की बंदरबांट का खुलासा

श्रीप्रकाश तिवारी


लखनऊ। उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविालय द्वारा संचालित कराई जाने वाली
राज्य प्रवेश परीक्षा से मिलने वाले करोड़ों रुपयों की लूट मची है।
अनुसचिव और विश्वविालय के कुलपति से लेकर प्रमुख सचिव तक परीक्षा आयोजित
कराने के नाम पर लाखों रुपए मानदेय व पारिश्रमिक बटोरने में जुटे हैं।
राज्य प्रवेश परीक्षा का आयोजन भले ही सफलता पूवर्क सम्पन्न न हो पा रहा
हो मगर प्रमुख सचिव स्तर तक के अफसर अपना मानदेय वसूलने में जरा सा भी
संकोच नहीं करते हैं। तकरीबन एक लाख रुपए प्रतिमाह वेतन पाने वाले प्रमुख
सचिव आलोक रंजन को पैसों की इतनी कमी हो गई कि उन्होंने भी बहती गंगा में
आखिरकार डुबकी लगा ही ली। प्रमुख सचिव साहब ने भी यूपीटीयू की परीक्षा
सफल कराने के लिए एक लाख 25 हजार रुपए ऐंठ लिए। यूपीटीयू की राज्य प्रवेश
परीक्षा कराने के नाम पर धन ऐंठने वाले अफसरों का खुलासा सूचना के कानून
के तहत मांगी गई जानकारी से हुआ है। विश्वविालय के कुलसचिव यूएस तोमर ने
सूचना आयोग को लिखित रूप से बताया है कि वर्ष 2008 में राज्य प्रवेश
परीक्षा सम्पन्न कराने के नाम पर विश्वविालय के कुलपति प्रो. प्रेमव्रत
को एक लाख 50 हजार रुपए मानदेय तथा 40 हजार रुपए पारिश्रमिक, प्रमुख सचिव
आलोक रंजन को एक लाख 25 हजार रुपए, विशेष सचिव आरएन सिंह को 50 हजार
रुपए, कुलसचिव यूएस तोमर को एक लाख 25 हजार रुपए मानदेय व 50 हजार रुपए
पारिश्रमिक, विवि के वित्त अधिकारी राजवर्धन को 50 हजार रुपए मानदेय व 25
हजार रुपए पारिश्रमिक, विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. वीके सिंह को 50
हजार रुपए मानदेय व 30 हजार रुपए पारिश्रमिक, संयुक्त परीक्षा नियंत्रक
डॉ. जेपी पांडेय को 40 हजार रुपए मानदेय व 20 हजार रुपए पारिश्रमिक,
वित्त व लेखाधिकारी गोपाल खरे को 30 हजार रुपए मानदेय व 16250 रुपए
पारिश्रमिक तथा अनुसचिव अनिल कुमार वाजपेयी को 20 हजार रुपए मानदेय
प्रवेश परीक्षा से अर्जित आय से दिया गया है।

प्रवेश परीक्षा से प्राप्त हुए करोड़ों रुपयों की बंदरबांट इसी तरह जारी
है। यूपीटीयू के कुलपति कृपाशंकर ने बताया कि परीक्षा सम्पन्न बनाने के
लिए इस प्रकार के मानदेयों और पारिश्रमिक बड़े अफसरों को देने का कोई
सरकारी प्राविधान नहीं है और न ही इस सम्बंध में किसी प्रकार का कोई
शासनादेश जारी हुआ है। विवि के ही पूर्व वित्त व लेखाधिकारी बीएल राठोर
ने यूपीटीयू के कुलसचिव व जनसूचनाधिकारी से यह सूचना मांगी थी कि परीक्षा
सम्बंधी कार्य के लिए मानदेय व पारिश्रमिक भुगतान करने का आधार क्या है?
वादी ने इस सम्बंध में आवश्यक नियमों व शासनादेशों का विवरण मांगा था।
मामला सूचना आयोग में आने पर राज्य सूचना आयुक्त मेजर संजय यादव ने वादी
को सूचना न देने व विवि की तरफ से कोई प्रतिनिधि उपस्थित न होने के लिए
यूपीटीयू के कुलसचिव के विरुद्ध 25 हजार रुपए के जुर्माने का आदेश पारित
किया है। वादी ने आयोग को बताया कि विवि ने पूरी सूचनाएं उपलब्ध नहीं
कराईं हैं। राज्य सूचना आयुक्त ने विवि की लापरवाही को देखते हुए इस
सम्बंध में विभागीय प्रमुख सचिव कार्यालय के जनसूचनाधिकारी को आदेश दिया
है कि वे अगली सुनवाई के दौरान स्वयं उपस्थित होकर बताएं कि इस प्रकरण
में प्राविधिक विश्वविालय की प्रवेश परीक्षा के कार्य के लिए मानदेय व
पारिश्रमिक भुगतान का क्या आधार है? मेजर संजय यादव ने यह भी आदेश दिया
है कि इस सम्बंध में आवश्यक नियमों व शासनादेशों की प्रमाणित छाया
प्रतियां भी प्रस्तुत करें। 24 जून को फिर सुनवाई होगी।प्रमुख सचिव आलोक
रंजन को एक लाख 25 हजार

पूर्व कुलपति प्रेमव्रत को डेढ़ लाख

विशेष सचिव आरएन सिंह को 50 हजार


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Urvashi Sharma
http://yaishwaryaj.hpage.com

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