Thursday 1 January, 2015

ढाई साल में 'मायावती' से भी फिसड्डी निकले 'अखिलेश', ऐसे में महज 'दिखावटी शिलान्यासों' के सहारे भला विकास क्या करेगा 'उर्वशी' का उत्तर प्रदेश ?

यूपी : कटघरे में अखिलेश के महिला-अस्मिता सुरक्षित रखने के वादे :
मायाराज के मुकाबले अखिलेशराज में महिलाओं की आबरू को खतरा 42% ज्यादा,
मदद में 45% कमी !


प्रिय मित्र,
अखिलेश भले ही सैफई महोत्सव में महिला सशक्तीकरण की बात करें, कैबिनेट
में राज्य महिला सशक्तिकरण मिशन के लिए प्रावधान को मंजूरी दें ,रानी
लक्ष्मीबाई सम्मान कोष की स्थापना करें या महिला हेल्पलाइन की बात करें
या और कोई घोषणा पर यदि राज्य महिला आयोग के आंकड़ों को सूचक माना जाये
तो सिद्ध होता है कि महिलाओं के सम्मान को सुरक्षित रखने, महिला अपराधों
पर लगाम लगाने और पीड़ित महिलाओं को मदद मुहैया कराने में अपने ढाई वर्ष
के कार्यकाल में अखिलेश यादव अपनी पूर्ववर्ती मायावती के मुकाबले नितांत
असफल ही रहे हैं l

महिला आयोग में मेरे द्वारा दायर एक आरटीआई से खुलासा हुआ है कि मायावती
के नेतृत्व बाली बहुजन समाज पार्टी सरकार के मुकाबले अखिलेश के नेतृत्व
बाली समाजवादी सरकार में महिला आयोग में दर्ज शिकायतों में 42% की वृद्धि
हुई तो वहीं मामलों के निस्तारण में 45% की कमी आयी है l मायाराज में
महिला आयोग में दर्ज शिकायतों के निस्तारण की दर 85% थी जो अखिलेश के समय
में घटकर महज 33% रह गयी है जिसकी वजह से महिला आयोग में लंबित मामलों
में 557% की भारीभरकम बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है l सभी आंकड़े मायावती के
अंतिम ढाई वर्ष के कार्यकाल और अखिलेश के आरंभिक ढाई वर्ष के कार्यकाल
के हैं l


महिला आयोग के आंकड़े बताते हैं कि मायावती के अंतिम ढाई वर्ष के कार्यकाल
( 15-09-2009 से 14-03-2012 तक ) में महिला आयोग को महिला उत्पीड़न के
55301 मामले पंहुचे जो अखिलेश के आरंभिक ढाई वर्ष के कार्यकाल (
15-03-2012 से 14-09-2014 तक ) में बढ़कर 78483 हो गए l मायावती के अंतिम
ढाई वर्ष के कार्यकाल ( 15-09-2009 से 14-03-2012 तक ) में महिला आयोग
द्वारा महिला उत्पीड़न के 47319 मामले निस्तारित हुए जो अखिलेश के
आरंभिक ढाई वर्ष के कार्यकाल ( 15-03-2012 से 14-09-2014 तक ) में घटकर
26007 रह गए l वित्तीय वर्ष 2014 -15 में 16 दिसम्बर तक राज्य महिला
आयोग गैर वेतन मद में प्राप्त 1 करोड़ में से 40 लाख से भी कम धनराशि
ही खर्च कर पाया है l


इन आंकड़ों के खुलासे से अखिलेश के महिला-अस्मिता सुरक्षित रखने के वादे
कटघरे में आ गए है और महिला आयोग की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह
लग गया है l इन आंकड़ों के खुलासे से यूपी पुलिस की महिलाओं को न्याय दे
पाने में असफलता भी सामने आ रही है क्योंकि एक महिला पुलिस से निराश होने
पर ही महिला आयोग में जाती है l महिला आयोग की अकर्मण्यता का तो हाल ये
है कि 25 सदस्यीय महिला आयोग वित्तीय वर्ष 2014 -15 के 71% समय में गैर
वेतन मद का महज 40 % ही खर्च कर पाया है हाँ यह बात अलग है कि महिला
आयोग के अधिकांश सदस्य सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के 'प्रचारकों' का काम
बखूबी कर रहे हैं l
To download RTI reply, please click the web-link
http://upcpri.blogspot.in/2015/01/blog-post.html




--
-Sincerely Yours,

Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
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that i should delete your name from my mailing list.

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