Thursday 9 March, 2017

आज़म खान के खिलाफ ऍफ़.आई.आर. दर्ज करने की उर्वशी शर्मा ने की मांग l

लखनऊ/09-03-17
दस्तावेजों में हेराफेरी मामले में हाई कोर्ट के निशाने पर आये सपा नेता आज़म खान की मुश्किलें कम होती नहीं दिखाई दे रही हैं l हाई कोर्ट के सामने पेश होने से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक हो आये आज़म को कोई राहत नहीं मिली और आखिरकार उनको बीते कल  हाई कोर्ट के सामने पेश होना पड़ा l इसी बीच लखनऊ की समाजसेविका और आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा ने लखनऊ के थाना हजरतगंज में बाकायदा एक तहरीर देकर उत्तर प्रदेश जल निगम के अध्यक्ष आज़म खान, प्रबंध निदेशक पी. के. असुदानी और मुख्य अभियंता आर. पी. सिन्हा के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर वैधानिक कार्यवाही की मांग कर दी है l


बकौल उर्वशी जल निगम ने 2013 में अपने एक कर्मचारी के  बावत ट्रिब्युनल द्वारा पारित आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।ट्रिब्युनल ने कर्मचारी को इस आधार पर राहत दे दी थी कि उसके खिलाफ पेश आरोप पत्र पर सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं थे।जल निगम के चेयरमैन, एमडी और चीफ इंजीनियर की ओर से दायर सेवा याचिका में ट्रिब्युनल के आदेश को चुनौती दी गई थी।साढ़े तीन साल बाद जल निगम की ओर से पूरक शपथपत्र देकर कहा गया कि उक्त कर्मचारी के खिलाफ दिये गये आरोप पत्र पर सक्षम प्राधिकारी के दस्तखत थे। इस पर   जस्टिस सुधीर अग्रवाल और  जस्टिस अनंत कुमार  की बेंच ने बीते 17 फरवरी को अपना अभिमत दिया कि इन तीनों ने दस्तावेजों में प्रथम दृष्टया हेराफेरी की है। उच्च न्यायालय ने इन तीनों को अदालत में झूठा हलफनामा देने का भी प्रथम दृष्टया दोषी माना है l कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान दस्तावेजों में शुरुआती हेराफेरी को देखते हुए कहा कि यह  फर्जी और कूटरचित दस्तावेज बाद में तैयार किया गया हैं साथ ही कहा कि अदालत  प्रथम दृष्टया मानती है कि झूंठे और जाली दस्तावेज को बाद में तैयार कर असली की तरह पेश किया गया है l

उर्वशी ने बताया कि बीते 01 मार्च को मामले की सुनवाई करते हुए  न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति रवींद्रनाथ मिश्रा द्वतीय की पीठ ने उत्तर प्रदेश जल निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक पी. के. असुदानी और मुख्य अभियंता आर. पी. सिन्हा के द्वारा व्यक्तिगत रूप से न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने और शपथपत्र दे देने पर भी उनको क्लीन चिट नहीं दी और उत्तर प्रदेश जल निगम के अध्यक्ष आज़म खान के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी करने का आदेश दिया जो इन तीनों अभियुक्तों की उपरोक्त अपराध में प्रथम दृष्टया संलिप्तता सामने ला रहा है  l

उर्वशी ने अपनी तहरीर में तीनों अभियुक्तगणों के खिलाफ प्रथमदृष्टया आईपीसी की धारा 420,467,468,469,470,471,34,166,167,200,203,217,218,415,417, 464, 465,120B, ,219 आदि  के अपराध करने की बात कही है  l



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