Friday, 6 May 2011

यांत्रिक बूचड़खानों के खिलाफ है मेरा आमरण अनशन: मैत्रीप्रभ सागर

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यांत्रिक बूचड़खानों के खिलाफ है मेरा आमरण अनशन: मैत्रीप्रभ सागर
Posted on May 4, 2011 by Sampadak
बड़ौत :जैन मुनि श्री मैत्रीप्रभ सागर का अनशन यांत्रिक बूचड़खानों के
खिलाफ है। ये मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, झांसी, लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़,
आगरा में खुलने जा रहे हैं। बड़ौत में कोई बूचड़खाना नही खुलने जा रहा
है। यह अनशन मेरठ में होना था लेकिन लोगों ने साथ नही दिया। मुनि
मैत्रीप्रभ सागर ने विशेष बातचीत में यह जानकारी दी।
बड़ौत के पाण्डुक शिला मैदान में वे 8 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं।
कहते हैं, मेरा आमरण अनशन केवल प्रदेश में नए खुलने जा रहे 8 यांत्रिक
बूचड़खानों के विरोध में है। उत्तर प्रदेश सरकार ने मेरठ के घोसीपुरा
सहित सहारनपुर, मुरादाबाद, लखनऊ, झांसी, कानपुर, अलीगढ़, आगरा में नए
यांत्रिक बूचड़खानों के लिए लाईसेंस जारी कर दिए हैं। एक यांत्रिक
बूचड़खाने में प्रतिदिन 10-20 हजार पशुओं का वध किया जाएगा। यानि इन सभी
बूचड़खानों में 80 हजार-1.5 लाख पशु प्रतिदिन काटे जाऐंगे। जिससे प्रदेश
के साथ साथ देश में पशुओं की संख्या तेजी से घटेगी तथा दूध का अकाल पैदा
हो जाएगा। जैन संत कहते हैं, मैं केवल इन बूचड़खानों का विरोध कर रहा
हूं। दूध की जरूरत हर धर्म के लोगों को है साथ ही और पशुपालन भी देश में
हर धर्म के लोग करते हैं।

यूपी से नहीं रहा खास ताल्लुक
बड़ौत। मैत्री प्रभ सागर ने बताया कि मेरा उत्तर प्रदेश से पहले कोई खास
ताल्लुक नहीं रहा है। मैं गुजरात से बीते 22 मार्च को मेरठ आया था। वहां
मैने समाचार पत्रों में पढ़ा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 8 शहरों में
यांत्रिक बूचड़खाने खोलने के लिए लाईसेंस जारी किए हैं। वहीं से मैने
विरोध की ठानी। मेरठ में ही आमरण अनशन का निर्णय ले चुका था, लेकिन वहां
के लोगों ने साथ नही दिया। वहीं मुझे बड़ौत के सज्जन मिले और उन्होने
सहयोग करने की अपील की। इससे पहले मैं दस माह गुजरात में रहा। मेरी
कर्मभूमि राजस्थान रही है।
कौन हैं मैत्रीप्रभ सागर:

नाम- मुनि मैत्रीप्रभ सागर

मूल निवास- खड़गपुर, जिला मिदनापुर, पश्चिम बंगाल

पिता-स्वर्गीय श्री विक्रम चंद्र जी

गुरु- आचार्यश्री मणिप्रभ सागर जी
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उर्वशी शर्मा
"सूचना का अधिकार " हेल्पलाइन: 8081898081
yaishwaryaj@gmail.com

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