Saturday 15 September, 2012

असीम त्रिवेदी का 'राष्ट्रीय प्रतीकों' पर कार्टून बनाना राजद्रोह तो 'राष्ट्रीय प्रतीकों' के प्रति भारत सरकार का यह असंवेदनशील रवैया क्या 'राजद्रोह' नहीं ?

असीम त्रिवेदी का 'राष्ट्रीय प्रतीकों' पर कार्टून बनाना राजद्रोह तो
'राष्ट्रीय प्रतीकों' के प्रति भारत सरकार का यह असंवेदनशील रवैया क्या
'राजद्रोह' नहीं ?

-आधिकारिक राष्ट्रपिता पर प्रश्नचिंह!
-खेल मंत्रालय के आधिकारिक 'राष्ट्रीय खेल' पर प्रश्नचिंह के बाद 'हॉकी'
भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट से हटाया गया!
-गृह मंत्रालय के अनुसार २६ जनवरी,१५ अगस्त,२ अक्टूबर 'राष्ट्रीय पर्व'
नहीं पर भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर 'राष्ट्रीय दिवस' के रूप में
दर्ज!
-पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के अनुसार राष्ट्रीय वृक्ष, राष्ट्रीय फल,
राष्ट्रीय नदी और राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित करने के आदेश के संबंध में
कोई सूचना उपलब्ध नहीं पर भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर भारतीय
बरगद का पेड़ राष्ट्रीय पेड़, आम राष्ट्रीय फल, गंगा राष्ट्रीय नदी और
मीठे पानी की डाल्फिन राष्ट्रीय जलीय जीव के रूप में दर्ज!

असीम त्रिवेदी प्रकरण से आज पूरा विश्व भिज्ञ है lअसीम त्रिवेदी को
'राष्ट्रीय प्रतीकों' पर कार्टून बनाने पर 'राजद्रोह' का दोषी बनाकर जेल
भेज दिया गया तो 'राष्ट्रीय प्रतीकों' के प्रति भारत सरकार का यह निहायत
असंवेदनशील रवैया क्या 'राजद्रोह' नहीं हैl

राष्ट्रीय प्रतीक,जो हमारी अस्मिता से जुड़े होते हैं ,जिनके बारे में
सोचकर हम गौरवान्वित महसूस करते हैं,जिनके बारे में हम अपनी
पाठ्यपुस्तकों में पढ़ते आए, अपने अध्यापकों,गुरुजनों से सुनते
आए,जिनको हम अपने देश का सम्मान मानते आए हैं उनमें से अधिकाँश
प्रतीकों को राष्ट्रीय प्रतीक बनाए जाने का कोई भी प्रमाण हमारे देश की
सरकार के पास नहीं है।

देश को आजाद हुए ६५ वर्ष से अधिक हो गए है। इस बीच कई सरकारें आईं और
गयी है।हर नेता मंचों से इन 'राष्ट्रीय प्रतीकों' की शान में कसीदे
पढ़ते हुए स्वयं को राष्ट्रभक्त घोषित करता है और मंच से उतरते ही सब
कुछ भूल जाता है । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की निवासी ,10
वर्षीय,सीएमएस (राजाजीपुरम-नई शाखा ) की कक्षा छह की छात्रा ऐश्वर्या
पाराशर की सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत दी गयी अर्जियों के जबाबों
नें देश के राजनेताओं की खोखली राष्ट्रभक्ति और भारत सरकार की
कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिंह लगा दिया है ।

ऐश्वर्या पाराशर की सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत दी गयी एक अर्जी के
जबाब के अनुसार भारत की न तो राष्ट्रीय नदी है, न ही राष्ट्रीय वृक्ष, न
ही राष्ट्रीय फल है और न ही राष्‍ट्रीय जलीय जीव ।

ऐश्वर्या ने ५ अगस्त को एक आर.टी .आई के माध्यम से प्रधानमंत्री कार्यालय
से कुछ राष्ट्रीय प्रतीकों को राष्ट्रीय घोषित करने का प्रमाण माँगा था
। प्रधानमंत्री कार्यालय ने १३ अगस्त को इस आर.टी.आई को गृह मंत्रालय और
वित्त मंत्रालय को भेज दिया । २३ अगस्त को गृह मंत्रालय ने चार सवालों
के उत्तर के लिए आर.टी.आई को वन और पर्यावरण मंत्रालय को भेज दिया ।
राष्ट्रीय प्रतीकों को लेकर ऐश्वर्या को मिली जानकारियां आश्चर्य में
डालने वाली हैं। वह भी तब जबकि भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट में यह
उल्लेख है कि हमारा राष्ट्रीय पेड़ बरगद, राष्ट्रीय फल आम, राष्ट्रीय
नदी गंगा और राष्ट्रीय जलीय जीव डाल्फिन है ।

यदि असीम त्रिवेदी का 'राष्ट्रीय प्रतीकों' पर कार्टून बनाना राजद्रोह
है तो 'राष्ट्रीय प्रतीकों' के प्रति भारत सरकार का यह असंवेदनशील रवैया
क्या 'राजद्रोह' नहीं है ?

यक्ष प्रश्न यह है कि 'राष्ट्रीय प्रतीकों' के प्रति भारत सरकार के इस
असंवेदनशील रवैये के लिए उत्तरदायी कौन है ?

--
- Urvashi Sharma
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838
http://yaishwaryaj-seva-sansthan.hpage.co.in/

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