Monday 24 August, 2015

यूपी के प्रमुख सचिव सुनील कुमार (आई० ए० एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश सचिवालय के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन से तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने के अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर विधिक कार्यवाही करने की समाजसेविका उर्वशी शर्मा की मांग

सेवा में,
थाना प्रभारी - थाना हजरतगंज
जनपद लखनऊ , उत्तर प्रदेश - 226001

विषय : उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार (आई०
ए० एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश सचिवालय के अन्य
कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन से
तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करके सरकार
को आर्थिक क्षति कारित करने के अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट सुसंगत
धाराओं में दर्ज कर विधिक कार्यवाही करने के सम्बन्ध में
महोदय,
अवगत कराना है कि विपक्षीगण उपरोक्त ने भ्रष्टाचार में लिप्त होकर
व्यक्तिगत अभिलाभ प्राप्त करने के लिए अपने पदीय अधिकारों का दुरुपयोग
करते हुए यूपी सरकार के साथ छल किया है और माननीय उच्च न्यायालय, उच्चतम
न्यायालय समेत अनेकों कानूनी व प्रशासनिक तथ्यों को छुपाकर कूटरचना
द्वारा मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करने का अपराध करके सरकार को आर्थिक
क्षति कारित की है l यह कूटरचित दस्तावेज उत्तर प्रदेश समाज कल्याण
अनुभाग-1 का कार्यालय ज्ञाप संख्या 3783/26-1-2014-119(70)/02 लखनऊ
दिनांक 04 दिसम्बर 2014 है जिस की छायाप्रति संलग्नक 1 संलग्न है l

इस कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से विभाग की संस्था राजकीय गोविन्द बल्लभ
पन्त पॉलिटेक्निक मोहान रोड लखनऊ के कार्मिक पवन कुमार मिश्रा को उच्च
न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 110/एसबी/2004 के आदेश दिनांक
24-02-06 ( 2 पेज छायाप्रति संलग्नक 2 संलग्न ), सर्वोच्च न्यायालय की
याचिका संख्या SLP(C ) No. 7096/2008 के आदेश दिनांक 01-02-2008 (
छायाप्रति संलग्नक 3 संलग्न ) , उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका
संख्या 1735/एसबी/2010 के आदेश दिनांक 24-11-10 ( छायाप्रति संलग्नक 4
संलग्न ),विभाग की सेवा नियमावली ( 2 पेज छायाप्रति संलग्नक 5 संलग्न )
और विनियमितीकरण नियमावली ( 2 पेज छायाप्रति संलग्नक 6 संलग्न ) के
उपबन्धों के प्रतिकूल जाकर द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित पद पर
विनियमितीकरण करके विपक्षीगणों द्वारा राज्य सरकार को आर्थिक क्षति कारित
की गयी है l यह अपराध न्यायालयों के उपरोक्त तीनों आदेशों द्वारा दिए गए
इस कानूनी आदेश के बाद किया गया है कि तदर्थ रूप से नियुक्त न होने के
कारण पवन कुमार मिश्रा का विनियमितीकरण किया ही नहीं जा सकता है l मिथ्या
दस्तावेज बनाकर जारी करने के इस अपराध को कारित करने में इस प्रशासनिक
तथ्य को भी छुपाया गया है कि पवन कुमार मिश्रा कर्मशाला अधीक्षक पद के
लिए विभाग की सेवा नियमावली में विहित आवश्यक अर्हता 3 वर्ष का अनुभव
धारित ही नहीं करता है और उ० प्र० ( लोक सेवा आयोग के क्षेत्रान्तर्गत
पदों पर ) तदर्थ नियुक्तियों का विनियमितीकरण नियमावली 1979 एवं संशोधित
नियमावली 2001 के नियम 4(1)(दो) के अनुसार 3 वर्ष का अनुभव धारित न करने
के कारण पवन कुमार मिश्रा को इस पद पर विनियमित किया ही नहीं जा सकता है
l इस प्रकार विपक्षीगणों ने न्यायालय के आदेश को अपने आदेश को पलटने का
अपराध भी कारित किया है l पवन कुमार मिश्रा लखनऊ की अवध इंडस्ट्रीज का
मात्र 2 वर्ष 7 माह 22 दिन का अनुभव ही धारित करता है जो 3 वर्ष से कम है
l

यही नहीं विपक्षीगण उपरोक्त द्वारा इस जघन्य अपराध को कारित करने में
उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 400/एसबी/2013 के आदेश
दिनांक 02-04-13 के अनुपालन में उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1
द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप संख्या 1280/26-1-2013-119(72)/2006 लखनऊ
दिनांक 02 जुलाई 2013 ( 3 पेज छायाप्रति संलग्नक 7 संलग्न ) के तथ्यों को
भी छुपाया गया हैl इस आदेश द्वारा समाज कल्याण के तत्कालीन प्रमुख सचिव
संजीव दुबे ने आदेश जारी कर कहा था कि पवन कुमार मिश्रा के विनियमितीकरण
पर विचार किया जाना संभव नहीं था और पवन द्वारा विनियमितीकरण के सम्बन्ध
में दिया गया प्रत्यावेदन निरस्त कर दिया था l

आपसे अनुरोध है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा ललिता कुमारी बनाम उत्तर
प्रदेश सरकार { W.P.(Crl) No;68/2008 } के सम्बन्ध में पारित आदेश के
अनुपालन में CrPC की धारा 154 में विहित व्यवस्थानुसार उत्तर प्रदेश समाज
कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार (आई० ए० एस०), उप सचिव राज
कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश सचिवालय के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का
दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन से तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना
कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने
के इस संज्ञेय अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट सुसंगत धाराओं में दर्ज कर
विपक्षियों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की जाए l
संलग्नक : उपरोक्तानुसार 7 संलग्नकों के 12 पेजों की छायाप्रतियां

दिनांक : 23-08-15

प्रतिलिपि ईमेल के माध्यम से निम्नलिखित को उनके स्तर से आवश्यक
कार्यवाही हेतु संलग्नकों सहित प्रेषित :
1- महामहिम श्री राज्यपाल -उत्तर प्रदेश
लखनऊ - उत्तर प्रदेश "hgovup" <hgovup@nic.in>, "hgovup" <hgovup@up.nic.in>,
2- मुख्य मंत्री -उत्तर प्रदेश
लखनऊ - उत्तर प्रदेश "cmup" <cmup@nic.in>, "cmup" <cmup@up.nic.in>,
3- मुख्य सचिव-उत्तर प्रदेश
लखनऊ - उत्तर प्रदेश "csup" <csup@up.nic.in>,
4- पुलिस महानिदेशक - उत्तर प्रदेश "dgp" <dgp@up.nic.in>, "uppcc"
<uppcc@up.nic.in>, "uppcc-up"
<uppcc-up@nic.in>,
5- जिलाधिकारी - जनपद लखनऊ
उत्तर प्रदेश, भारत,पिन कोड -226001
ई. मेल "dmluc@up.nic.in" <dmluc@up.nic.in>, "dmluc" <dmluc@nic.in>,
6- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक - जनपद लखनऊ
उत्तर प्रदेश, भारत,पिन कोड -226001
ssplkw-up@nic.in

भवदीया


( उर्वशी शर्मा )
102,नारायण टावर, ऍफ़ ब्लाक ईदगाह के सामने
राजाजीपुरम,लखनऊ- 226017
मोबाइल :9369613513 ई-मेल rtimahilamanchup@gmail.com

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