Saturday 21 August, 2010

youngest rti user of india

please watch the video n read the rti success story at ibn7 news channel

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आठ साल की ऐश्वर्या बनी आरटीआई वाली लड़की
आईबीएन-7 Posted on Aug 18, 2010 at 17:56 | Updated Aug 18, 2010 at 18:55

लखनऊ। दुनिया की हर बेफिक्री से दूर होकर बच्चे जिस उम्र में अपने बचपन
को जीते हैं उस उम्र में नन्हीं ऐश्वर्या ने अपने बचपन को अपने से बड़ों
के लिए एक मिसाल बना दिया। ऐश्वर्या ने RTI का इस्तेमाल करके अपने स्कूल
में लाइब्रेरी बनने का रास्ता बनाया। इतने पर भी स्कूल के अच्छे भविष्य
के लिए ऐश्वर्या का प्रयास लगातार जारी है।


8 साल की ऐश्वर्या को स्कूल में सभी RTI वाली लड़की कहते हैं। ऐश्वर्या
नाम के पीछे की कहानी बताते हुए कहती हैं कि उनके मॉटेसरी स्कूल में कुछ
महीनों पहले ही एक लायब्रेरी बनी है। इसके पहले वहां कूड़े का ऊंचा ढेर
हुआ करता था। यह जगह एक कूड़ा घर थी, जहाँ पर पूरे इलाके की गन्दगी जमा
होती थी। ऐश्वर्या बताती हैं कि स्कूल के ठीक सामने बने कूड़े घर से हम
बच्चों को काफी परेशानियां होती थी। लगातार आने वाली बदबू से स्कूल में
पढ़ना भी मुश्किल हो जाता था और कूड़ाघर से बच्चों में बीमारी फैलने का
काफी ख़तरा था।


ऐश्वर्या कहती हैं कि साल 2009 में स्वाइन फ्लू का प्रकोप फैलने के बाद
स्कूल के अध्यापकों ने बच्चों को मास्क पहनने के लिए कहा, हमें ब्रेक के
समय स्कूल से बाहर निकलना भी मना था। इसके बाद मैंने इस बारे में हमारी
मुख्यमंत्री मायावती को चिठ्ठी लिखने का फैसला किया। चिट्ठी लिखने के
महीनों बाद भी कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद ऐश्वर्या ने RTI का सहारा
लिया। ऐश्वर्या ने इससे पहले अपने माता पिता को RTI के बारे में बात करते
हुए सुना था। ऐश्वर्या को RTI में ही उनकी समस्या का समाधान दिखाई दिया।
उन्होंने अपनी माँ की मदद से चीफ़ मिनिस्टर ऑफिस में RTI डाली और पहले
डाली गई चिट्ठी का जवाब मांगा इसके साथ ही उन्होंने यह भी पूछा की
कूड़ाघर बनाने के लिए क्या क़ानून लागू है और इसकी गन्दगी से होने वाली
बीमारियों के लिए कौन ज़िम्मेदार है ? ऐश्वर्या को इसके बाद अपने पत्र का
जवाब तो मिला लेकिन उसमें सिर्फ इतना ही बताया गया ता कि उनकी चिठ्ठी को
लखनऊ नगर निगम भेजा गया है।

लखनऊ नगर निगम ने बहुत जल्द आदेश जारी कर स्कूल के बाहर से कूड़ाघर हटवा
दिया। कुछ ही दिनों बाद कूड़े घर की ज़मीन भी स्कूल प्रशासन को सौंप दी
गई। इन सबके बाद स्कूल ने उस जगह लायब्रेरी बनवा दी। आज इस लायब्रेरी में
पढ़ने के लिए किताबें हैं, बैठने के लिए कुर्सियां हैं, चारों तरफ पंखे
भी हैं।

इतने पर भी रह रहकर एक डर ऐश्वर्या को हमेशा खलता है कि किसी दिन फिर से
इस लायब्रेरी को हटाकर फिर यहां कूड़ा डलना ना शुरू हो जाए। इसलिए
उन्होंने यह जानने के लिए कि आखिर कूड़ा घर बनाने के लिए क्या नियम कायदे
हैं एक और RTI राष्ट्रीय सूचना आयोग में डाली है। ऐश्वर्या कहती हैं कि
जब तक उन्हें उनके प्रश्न का लिखित जवाब नहीं मिल जाता उनकी लड़ाई जारी
रहेगी।

--
Urvashi Sharma

RTI Helpmail( Web Based )
aishwaryaj2010@gmail.com

Mobile Rti Helpline
8081898081 ( 8 A.M. to 10 P.M. )

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