Sunday 17 January, 2016

समाजसेविका ने यूएनओ,एनएचआरसी समेत दर्जनों से की मुलायम समधी सूचना आयुक्त की शिकायत : बिष्ट को हटाने को जल्द ही दायर होगी पीआईएल



लखनऊ/17 जनवरी 2016/ लगता है यूपी की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह के समधी और सूचना आयुक्त अरविन्द सिंह बिष्ट द्वारा लखनऊ के आरटीआई कार्यकर्ता तनवीर अहमद सिद्दीकी से की गयी मारपीट पर सूचना आयुक्त की मुश्किलें चौतरफा बढ़ने वाली हैं. इस मुद्दे पर एकजुट हो आरपार की लड़ाई लड़ने का मन बना चुके आरटीआई कार्यकर्ता अब सूचना आयुक्त के खिलाफ हर उस दरवाजे को खटखटा रहे हैं जहाँ से उनको न्याय मिलने की उम्मीद है. इसी कड़ी में लखनऊ की एक सामाजिक कार्यकत्री ने सूचना आयुक्त पर आरटीआई कार्यकर्त्ता के मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाते हुए  बीते शुक्रवार इस मामले को एक एक ई-मेल के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवाधिकार मामलों के उच्चायुक्त कार्यालय , भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, केन्द्रीय सूचना आयोग, उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग,उत्तर प्रदेश के राज्य मुख्य सूचना आयुक्त, राज्यपाल राम नाईक, सीएम अखिलेश यादव,मुख्य सचिव अलोक रंजन, डीजीपी, लखनऊ के जिलाधिकारी और एसएसपी को भेजकर अरविन्द सिंह बिष्ट के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है.

लखनऊ स्थित सामाजिक संगठन येश्वर्याज सेवा संस्थान की सचिव,सामाजिक और आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा ने बताया कि अरविन्द सिंह बिष्ट सूचना आयोग में एक सूचना आयुक्त की तरह नहीं बल्कि एक गुंडे की तरह व्यवहार कर रहे है और इस तरह की गुंडई किसी के भी द्वारा बर्दाश्त नहीं की जायेगी फिर चाहे वह सूबे की सतारूढ़ पार्टी के मुखिया का समधी ही क्यों न हो.

अरविन्द सिंह बिष्ट की पुत्री और मुलायम सिंह यादव के बेटे प्रतीक की पत्नी अपर्णा द्वारा दिव्यांगजनों की सेवा का जिक्र करते हुए उर्वशी ने कहा कि कैसा विरोधाभास है कि जहाँ एक तरफ बेटी दिव्यांगजनों की सेवा में रत है तो वहीं उसी बेटी का बाप अपने सामने आये निरीह आरटीआई आवेदकों को मारपीटकर दिव्यांग बनाने पर आमादा है. उर्वशी ने बताया कि वे समाजसेविका अपर्णा  से मिलकर अपने पिता को नसीहत देने के लिए प्रेरित भी करेंगी. उर्वशी सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव से मिलकर उनको भी अरविन्द सिंह बिष्ट की कारगुजारियों से अवगत कराकर बिष्ट को सुधारने के लिए अपने स्तर पर भी प्रयास करने की बात कहेंगी.

आरटीआई कार्यकर्ताओं को भी मानवाधिकार-संरक्षक बताते हुए उर्वशी ने तनवीर के मामले का पूरा विवरण संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवाधिकार मामलों के उच्चायुक्त कार्यालय को भेजा है जहाँ से उर्वशी को उनका शिकायती ई-मेल प्राप्त हो जाने की सूचना प्राप्त भी हो गयी है.


उर्वशी ने बताया कि उन्होंने दर्जन भर कार्यालयों को शिकायत भेजकर मामले में शीघ्रता से,गहराई से,पारदर्शी ढंग से,निष्पक्षता से प्रभावी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने;भविष्य में तनवीर की सुरक्षा सुनिश्चित करने;तनवीर के साथ ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने; तनवीर की मानहानि के लिए मुआवजा दिलाने;यूपी के सूचना आयोग में सभी आरटीआई कार्यकर्ताओं को सुरक्षित रखते हुए आरटीआई का निर्वाध प्रयोग करने और संविधान के अनुच्छेद 21 और 19 का हनन रोकने के लिए उपाय करने; संयुक्त राष्ट्र संघ के समक्ष भारत द्वारा मानवाधिकार-संरक्षकों के रक्षण के लिए मने गए दिनांक 9 दिसम्बर 1998 के समझौते और विशेषतया इस समझौते के आर्टिकल 1 और 12.2 के अनुसार कार्य करने, उत्तर प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग द्वारा आरटीआई आवेदकों/ मानवाधिकार-संरक्षकों की शिकायतों को सुनने के लिए विशेष पटल बनाने, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा यूपी के सभी आयोगों के साथ बैठक कर यूपी में किसी भी नागरिक अधिकार के हनन के मामले में आपस में तालमेल कर मामले की शीघ्र सुनवाई कर निर्णय देने को निर्देशित करने; यूपी के सभी लोकसेवकों को मानवाधिकार संरक्षण की अनिवार्य ट्रेनिंग प्रदान करने और मानवाधिकार संरक्षकों का महत्त्व बताने समेत अनेकों मांगें की हैं.


उर्वशी ने बताया है कि वे सूचना आयुक्त अरविन्द सिंह बिष्ट द्वारा प्रताड़ित किये गए दर्जनों  आरटीआई आवेदकों से के संपर्क में हैं और शीघ्र ही अरविन्द सिंह बिष्ट को पदच्युत करने के लिए उच्च न्यायालय में एक पीआईएल भी दायर की जायेगी.

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