Saturday 12 November, 2016

UP - दागी प्रमुख सचिवों को हटाने और 360 डिग्री प्रोफाइलिंग के आधार पर तैनातियों की समाजसेविका उर्वशी शर्मा की मांग



UP : IAS दागियों को प्रमुख सचिव पदों से हटाने और सभी तैनातियां 360 डिग्री प्रोफाइलिंग के आधार पर करने की  समाजसेविका उर्वशी शर्मा की मांग 
 
 
  
लखनऊ/12-11-16/ Written by Socio Political Newsdesk
यूपी की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी में मचे घमासान की अब तक की लड़ाई में अखिलेश यादव विजयी बनकर उभरे हैं. अखिलेश सूबे की जनता को यह सन्देश देने में सफल रहे हैं कि वे यूपी में अब तक चल रही अन्य सभी सामानांतर सत्ताओं को धराशाही कर सूबे के इकलौते सीएम के रूप में स्थापित हो चुके हैं. अखिलेश ने यह भी स्थापित कर दिया है कि वे अब बिना किसी दबाब के अपने स्वतंत्र निर्णय लेने के लिए समर्थ हो गए है. अब तक अखिलेश एक ईमानदार राजनेता की अपनी छवि को कायम रखने में कामयाब रहे है.पिछले दिनों अखिलेश ने अपनी मंत्रिपरिषद से भ्रष्टाचार के आरोपी मंत्रियों को हटाकर सूबे की जनता को भ्रष्टाचार पर कड़ा रुख अपनाने का सन्देश देने की कोशिश की है पर बड़ा सबाल यह है कि क्या अखिलेश बाकई अपनी सरकार को भ्रष्टाचार मुक्त करने के प्रति गंभीर हैं या अखिलेश का अपने मंत्रियों को हटाना एक पारिवारिक और राजनैतिक ड्रामा भर था? अब यह सबाल उठाया है लखनऊ की समाजसेविका और आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा ने जिन्होंने अखिलेश यादव पर यूपी कैडर के 1983 बैच के 5 ऐसे आई.ए.एस. अधिकारियों को महत्वपूर्ण विभागों के प्रमुख सचिवों के पदों पर बैठाए रखने का आरोप लगाया है जिनको केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने विगत जुलाई माह में दागी घोषित करते हुए इन सभी का केंद्र सरकार के  सचिव और इसके समकक्ष पदों पर नाभिकायन करने से इनकार कर दिया था.
 
उर्वशी ने में बताया कि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र में उच्च और महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती के लिए अधिकारियों की स्क्रीनिंग के लिए '360 डिग्री प्रोफाइलिंग' की व्यवस्था लागू की है जिसके तहत किये गए परीक्षण के मूल्यांकन के बाद यूपी कैडर के 1983 बैच के दस अधिकारियों में से महज 3 ही सचिव या उसके समकक्ष पद के लिए योग्य पाए गए और बाकी 7 को दागी होने के कारण अनुत्तीर्ण घोषित किया गया.उर्वशी ने बताया कि केंद्र सरकार में सचिव और उसके समकक्ष पदों पर नियुक्तियों के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट समिति ने देश भर के 1983 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के पैनल की 360 डिग्री के मूल्यांकन मानदंड के तहत समीक्षा की थी. इस मूल्यांकन में वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट से परे जाकर सम्बंधित अधिकारी की सभी क्षेत्रों की छवि, प्रदर्शन,उसके वारे में वरिष्ठों और कनिष्ठों की प्रतिक्रिया, सीवीसी, सीबीआई से सीधी प्रतिक्रिया और खुफिया ब्यूरो की रिपोर्ट से मिली जानकारी की सभी कोणों समीक्षा कर अधिकारी की अखंडता के आधार पर प्रोन्नति निर्णय लिया गया. इस परिणाम को भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने बीते जुलाई की 18 तारिख को घोषित किया था. बकौल उर्वशी हाल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि केंद्र सरकार ने यूपी कैडर के 70 प्रतिशत IAS अधिकारियों को अयोग्य घोषित किया हो.
 
 
To read full story, please  click the link http://socio-political-news.blogspot.in/2016/11/upias-360.html
 
 
भारत सरकार ने राहुल भटनागर और राजीव कपूर का सचिव पद के लिए और अरुण कुमार सिन्हा का सचिव के समकक्ष पद के लिए योग्य घोषित  किया है जबकि राजीव कुमार,चंचल कुमार तिवारी,सदाकांत शुक्ला,हरि राज किशोर,संजीव सरन,राज प्रताप सिंह और बीरेश कुमार के दागी इतिहास के चलते इन सातों को अयोग्य ठहराया है.वर्तमान में राजीव कुमार निलंबित चल रहे हैं और राज प्रताप सिंह राजस्व परिषद् के सदस्य के महत्वहीन पद पर कार्यरत हैं.
 
 
 
केंद्र द्वारा अयोग्य घोषित किये गए चंचल कुमार तिवारी को प्रमुख सचिव पंचायती राज , दागी सदाकांत शुक्ला को प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन g , हरि राज किशोर को प्रमुख सचिव सार्वजनिक उद्यम विभाग और D.G. सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो, संजीव सरन को वन,पर्यावरण,वाह्य
सहायतित परियोजना,सूचना प्रौधोगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे विभागों का प्रमुख सचिव और बीरेश कुमार को प्रमुख सचिव वाणिज्यकर और मनोरंजनकर बनाए रखने कर कड़ा ऐतराज जताते हुए उर्वशी ने अखिलेश को और सूबे के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इन 5 दागी आई.ए.एस. अधिकारियों को प्रमुख सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों से तत्काल हटाने की मांग की है.
 
 
 
किसी विभाग के प्रमुख सचिव के पद को विभाग का सर्वोच्च पद बताते हुए उर्वशी ने अपने पत्र में लिखा है कि प्रमुख सचिव की उच्चतम स्थिति में एक दागी अधिकारी को रखना उस विभाग के दरवाजे उन्मुक्त भ्रष्टाचार द्वारा लूट के लिए खुला रखने के समान है और इस पत्र की प्रति भारत के राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री,मुख्य न्यायाधीश के साथ-साथ यूपी के राज्यपाल और इलाहाबाद उच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश को भी भेजी है.
 
 
 
 
उत्तर प्रदेश में एक ईमानदार शासन व्यवस्था स्थापित करने के लिए यूपी में शीर्ष पदों पर दागी अफसरों का प्रवेश रोकने की आवश्यकता पर बल देते हुए उर्वशी ने इस पत्र के माध्यम से सूबे में तुरंत ही केंद्रीय सरकार की तरह की समग्र 360 डिग्री प्रोफाइलिंग व्यवस्था  लागू करने की मांग भी उठा दी है . 
 
 
To get the letter written by Social Activist Urvashi Sharma, Please click the link http://upcpri.blogspot.in/2016/11/request-to-immediately-remove-5-tainted.html

No comments:

Post a Comment