Monday 15 October, 2012

इंडिया दैट इज भारत

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इंडिया दैट इज भारत
नवभारत टाइम्स | Oct 13, 2012, 09.00AM IST

देश का आधिकारिक नाम इंडिया है या भारत, एक आरटीआई के जरिए पूछे गए इस
सवाल का जवाब ढूंढने में भले ही सरकार को कितनी माथापच्ची करनी पड़ रही
हो, लेकिन इसका जवाब हम खुद भी ढूंढ सकते हैं। आइए देश के लेटेस्ट
बायोडेटा पर नजर दौड़ाकर जानते हैं कि आर्थिक, सामाजिक, तकनीकी और दूसरे
कई मोर्चों पर इंडिया यानी भारत किस पायदान पर खड़ा है-

आउटसोर्सिंग डेस्टिनेशन के तौर पर नंबर वन इंडिया
बिजनस ऑपरेशन की आउटसोर्सिंग के वास्ते दुनिया ने भारत को नंबर वन माना
है। ग्लोबल प्रॉपर्टी कंसल्टेंट जेएलएल की रिपोर्ट के मुताबिक विदेशी
कंपनियों को भारत अपने ऑफिस चलाने के लिहाज से सबसे मुफीद लगता है। यहां
ऑफिस, स्टाफ की लागत तो कम आती ही है, अंग्रेजी बोलने वाले कर्मचारी भी
भारी तादाद और कम सैलरी पर हायर किए जा सकते हैं। लेकिन इस दौरान फिलीपीन
और इंडोनेशिया से भारत को कड़ी टक्कर मिल रही है।

इंटरनेट का इस्तेमाल करने के मामले में तीसरे नंबर पर इंडिया
मोबाइल और कंप्यूटर के जरिए इंटरनेट का उपयोग करने के मामले में भारतीय
काफी आगे हैं। हालांकि इंटरनेट यूजर्स की संख्या भारत की कुल आबादी का 10
पर्सेंट ही है, बावजूद इसके यह आंकड़ा हमें दुनिया का तीसरा बड़ा इंटरनेट
समुदाय बनाता है। देश में 93 करोड़ से ज्यादा मोबाइल यूजर्स हैं, जिनमें
से ज्यादातर नए यूजर्स अब मोबाइल डिवाइसों से इंटरनेट एक्सेस कर रहे हैं।

भूख से जंग में पिछड़कर 66वां नंबर कुपोषित भारत का
ग्लोबल फूड इंडेक्स में भारत श्रीलंका, वियतनाम, मलयेशिया, होंडुरास और
बोट्सवाना जैसे अविकसित देशों से कहीं नीचे है। इकॉनमिस्ट का ताजा सर्वे
बताता है कि भूख से लड़ाई लड़ने वाला टॉप देश है अमेरिका, आखिरी नंबर
कांगो का है। चीन 38वें पर है तो भारत 66वें नंबर पर। पौष्टिक तत्वों और
कैलरी का सेवन करने के मामले में भारत की हालत दयनीय है। आर्थिक स्तर पर
भारतीय इकॉनमी अच्छे संकेत दिखाती है मगर गरीबी रेखा से नीचे जीवन
गुजारने वालों में कुपोषण लगातार बढ़ रहा है, हेल्थकेयर के नाम पर चलाए
जा रहे सभी प्रोग्राम नाकाम नजर आते हैं।

भारतीय यूनिवर्सिटी का नंबर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 218वां
भारत की कोई भी यूनिवर्सिटी दुनिया की टॉप 200 यूनिवर्सिटियों में शामिल
नहीं है। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में अमेरिका की एमआईटी टॉप
पर है और दूसरे नंबर पर ब्रिटेन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी। भारत के लिए यह
रैंकिंग बेहद निराशाजनक है। आईआईटी दिल्ली 2010 में जहां 202वें नंबर पर
थी, इस बार वह लुढ़क कर 218वें पायदान पर आ चुकी है। आईआईटी मुंबई 225वें
नंबर पर है। टॉप 200 में चीन, जापान, सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग, ताइवान जैसे
देश हैं, लेकिन भारत की अकैडमिक ख्याति बेहद दयनीय है।

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