Sunday 1 July, 2012

चिकित्सा विश्वविद्यालय में पैथोलोजी सेवाओं को पीपीपी मॉडल में परिवर्तित करने से रोका जाय: उर्वशी

चिकित्सा विश्वविद्यालय में पैथोलोजी सेवाओं को पीपीपी मॉडल में
परिवर्तित करने से रोका जाय: उर्वशी

http://www.instantkhabar.com/lucknow/item/156-pathology-services-at-the-medical-university-of-the-ppp-model-would-be-prevented-from-changing-urvashi.html


Tuesday, 26 June 2012 20:11

लखनऊ: गैर सरकारी संगठन येश्वर्याज सेवा संस्थान ने प्रदेश के राज्यपाल
एवं मुख्य मंत्री को ज्ञापन भेजकर छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा
विश्वविद्यालय,लखनऊ में पैथोलोजी सेवाओं को पीपीपी मॉडल में परिवर्तित
करने के जनविरोधी कदम को रोकने के लिए गुहार लगाई है|

संस्थान की सचिव उर्वशी शर्मा ने बताया कि एक ओर तो प्रदेश की जनता को
सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करने के लिए प्रदेश
में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान आरम्भ करने की कवायद हो रही है|
वहीँ यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा
विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा आहूत वैठक ०६ जून २०१२ में प्रदेश के
एकमात्र चिकित्सा विश्वविद्यालय की १०० वर्षों से अधिक से चल रही
पैथोलोजी सेवाओं को पीपीपी मॉडल में परिवर्तित करने का जनविरोधी कदम
उठाया जा रहा है|

उर्वशी ने कहा कि पैथोलोजी विभाग के स्टाफ एवं अन्य सुविधाओं का महत्तम
उपयोग करते हुए उन कंपनियों से उपकरण लिए जाएं जो रेंटल आधार पर उपकरण
लगाने को तैयार हैं किन्तु किसी भी परिस्थिति में इस प्रकार के संस्थानों
के निजीकरण को रोका जाए| इस प्रकार के निजीकरण से मरीजों को जांचों के
लिए कहीं अधिक शुल्क देना होगा जो एक जनविरोधी कदम होगा यही नहीं
चिकित्सा विश्वविद्यालय के इस कदम से स्नातक एवं परास्नातक शिक्षार्थियों
को प्रायोगिक कार्य करने में असुविधाएं होने के साथ साथ पैथोलोजी विभाग
में तैनात १८ शिक्षकों , ४२ रेसिडेंट डाक्टरों एवं १५० प्रयोगशाला
सहायकों आदि के समक्ष भी समस्याएँ उत्पन्न हो जायेंगी|

उर्वशी नेबताया कि हमारी संस्था ने विगत १७ जून २०१२ को प्रदेश के
राज्यपाल एवं मुख्य मंत्री को एक ज्ञापन के माध्यम से अनुरोध किया है कि
व्यापक जनहित में छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय,लखनऊ
में पैथोलोजी सेवाओं को पीपीपी मॉडल में परिवर्तित करने के जनविरोधी कदम
को रोकने के लिए प्रभावी कार्यवाही करें ताकि प्रदेश की जनता को चिकित्सा
विश्वविद्यालय की पैथोलोजी सेवाओं का लाभ बिना अधिक धन खर्च किये मिल सके
और प्रदेश के इस एकलौते चिकित्सा विश्वविद्यालय का स्वरुप भी बना और बचा
रहे| यदि राज्य सरकार द्वारा इस सम्बन्ध में प्रभावी कार्यवाही नहीं की
गयी तो भविष्य में जनांदोलन के माध्यम से निजीकरण के विरुद्ध इस अभियान
को और मुखर बनाया जायेगा|"

--
- Urvashi Sharma
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838
http://yaishwaryaj-seva-sansthan.hpage.co.in/

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